भारत पर होगा बड़ा हमला, ISI ने पंजाब रची बड़ी साजिश, 5 गुना बढ़ी हथियारों की तस्करी

India ISI weapons smuggling: भारत ने पंजाब में ISI की साजिश नाकाम की, जहाँ पिछले एक साल में हथियारों की तस्करी पाँच गुना बढ़ी। AK-47, ग्रेनेड और IEDs समेत ड्रोन के जरिए हथियार तस्करी का जखीरा उजागर हुआ। सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने जवाबी तैयारियां तेज कर दी हैं।

Harsh Srivastava
Published on: 16 Oct 2025 9:54 AM IST (Updated on: 16 Oct 2025 11:00 AM IST)
भारत पर होगा बड़ा हमला, ISI ने पंजाब रची बड़ी साजिश, 5 गुना बढ़ी हथियारों की तस्करी
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India ISI weapons smuggling: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज़ इंटेलिजेंस (ISI) ने पंजाब को अस्थिर करने के लिए एक भयावह साज़िश रच दी है। हालिया सुरक्षा रिपोर्टों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी में पिछले साल की तुलना में पाँच गुना की भारी वृद्धि दर्ज की गई है। इस साल अब तक कुल 362 हथियार ज़ब्त किए जा चुके हैं, जिनमें ख़तरनाक AK-47 राइफलें, ग्रेनेड और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस (IEDs) शामिल हैं। तुलनात्मक रूप से, 2024 में यह संख्या महज़ 81 थी।

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हथियारों की तस्करी में यह अप्रत्याशित उछाल भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की बड़ी सफलता से उपजी पाकिस्तान की बौखलाहट का सीधा परिणाम है। 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत ने पाकिस्तान और PoK में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे, जिससे ISI को करारा झटका लगा था। बताया जा रहा है कि कुल बरामद हथियारों में से लगभग एक-तिहाई तो अकेले ऑपरेशन सिंदूर के बाद ही ज़ब्त किए गए हैं।

ISI की साज़िश: गैंगस्टरों और खालिस्तानियों का खतरनाक गठजोड़

पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की सतर्कता के कारण अब तक कई ISI-समर्थित तस्करी नेटवर्क्स को ध्वस्त किया गया है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने कहा, “हमने सीमा पार से भेजे जा रहे अत्याधुनिक हथियारों की तस्करी को नाकाम किया है और कई आतंकी साज़िशों को समय रहते विफल किया है।” उन्होंने बताया कि यह सफलता पंजाब पुलिस, काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट, स्पेशल सर्विस ऑपरेशन सेल, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और केंद्रीय एजेंसियों के समन्वित प्रयासों से संभव हुई है।

जाँच में खुलासा हुआ है कि ISI एक खतरनाक गठजोड़ का इस्तेमाल कर रही है, जिसमें अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों में सक्रिय गैंगस्टर, ड्रग तस्कर और आतंकी संगठन शामिल हैं। यह गठजोड़ न केवल बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे खालिस्तानी समूहों के सदस्यों को हथियार उपलब्ध करा रहा है, बल्कि संगठित अपराध को भी बढ़ावा दे रहा है। एक अधिकारी ने चेतावनी दी कि ISI का मुख्य उद्देश्य कानून-व्यवस्था को अस्थिर कर 'खालिस्तान' जैसी अलगाववादी विचारधारा को हवा देना है। उन्होंने कहा कि ये हथियारबंद गैंग भविष्य में आतंकी गतिविधियों के “फुट सोल्जर” बन सकते हैं।

बदलते तरीके और हथियारों का जखीरा: ड्रोन बना नया खतरा

ISI की साज़िश में तस्करी के तौर-तरीकों में भी बड़ा बदलाव आया है। अब ड्रोन के ज़रिए हथियार और ड्रग्स गिराने की प्रवृत्ति तेज़ी से बढ़ी है, जो पंजाब को अस्थिर करने की पाकिस्तानी कोशिशों का हिस्सा है। पिछले कुछ हफ्तों में ड्रोन साइटिंग्स में भारी इज़ाफ़ा हुआ है कभी 8-10, तो कभी 15 प्रतिदिन। इन ड्रोन्स के ज़रिए AK-47, ग्रेनेड, IEDs के साथ-साथ हेरोइन और ICE जैसे ड्रग्स तस्करी की जा रही है। बरामद हथियारों में तीन साल बाद पहली बार तीन AK-47 राइफलें मिली हैं, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। इसके अलावा 9mm Glock, PX5 पिस्तौल, .30 बोर, .32 बोर और .315 कैलिबर के हथियार शामिल हैं। 2022 से अब तक ज़ब्त किए गए अधिकतर Glock और PX5 हथियार सीधे पाकिस्तान से भेजे गए पाए गए हैं। बरसात के मौसम में तस्कर नदी मार्ग का इस्तेमाल भी अधिक करते हैं, क्योंकि पानी का स्तर ऊँचा होता है और दृश्यता कम रहती है, जिससे निगरानी कठिन हो जाती है।

ISI की 'बदले की साज़िश' और भारत की जवाबी तैयारी

सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के बाद पाकिस्तान थोड़ा शांत पड़ा था, लेकिन अब ISI ने खालिस्तान आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए कमर कस ली है। यह साजिश पाकिस्तान की हताशा और बदले की भावना का प्रतीक है। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, तस्करी का जाल अमृतसर, तरन तारन, फिरोजपुर, फाजिल्का और बटाला जैसे सीमावर्ती जिलों में सबसे ज्यादा फैला हुआ है। हालांकि, भारतीय एंटी-ड्रोन सिस्टम्स (ADS) की वजह से 8 में से 10 प्रयास नाकाम हो जाते हैं। एक वरिष्ठ पंजाब पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी ड्रोन अब 'फेल-सेफ' मैकेनिज़्म से लैस हैं, जो सिग्नल जाम होने पर खुद-ब-खुद लौट जाते हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब इन इलाकों में ड्रोन मूवमेंट ट्रैकिंग, नाइट सर्विलांस और स्पेशल इंटेलिजेंस ऑपरेशन को और सख्त करने की दिशा में काम कर रही हैं ताकि पंजाब की धरती पर किसी भी आतंकी योजना को सफल होने से पहले ही नाकाम किया जा सके।

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