पहले बौखलाया और अब डर गया... पहलगाम हमले के बाद TRF से Pak ने झाड़ा पल्ला! जानें 5 चौंकाने वाले कारण

Pakistan on TRF: पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अमेरिका में बयान दिया कि TRF का लश्कर या पाकिस्तान से कोई जुड़ाव नहीं है, जो कि अब तक की कूटनीति से ठीक विपरीत है।

Priya Singh Bisen
Published on: 26 July 2025 5:01 PM IST
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Pakistan on TRF: 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले पर पकिस्तान की पूरे विश्वभर के नेताओं ने जमकर आलोचना की थी। उसके बाद भारत ने पकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं जिससे पाक सरकार दुनियाभर के नेताओं के सामने गिड़गिड़ाता हुआ फिर रहा है।

बता दे, इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन The Resistance Front (TRF) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा के लिए में काम करने वाला एक फ्रंट ऑर्गनाइजेशन के तौर पर जाना जाता है। हाल ही में अमेरिका ने TRF को ग्लोबल आतंकी संगठन घोषित कर दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था, लेकिन अब पाकिस्तान नर्म होते दिख रहा है। पकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा है कि उन्हें इससे कोई समस्या नहीं है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अमेरिका में बयान दिया कि TRF का लश्कर या पाकिस्तान से कोई जुड़ाव नहीं है, जो कि अब तक की कूटनीति से ठीक विपरीत है। अब सवाल ये उठ रहा है कि पाकिस्तान आखिर TRF से पल्ला क्यों झाड़ रहा है? आइये आपको इस लेख में विस्तार से वो पांच सबसे बड़े कारण बताएं जो इस पूरे घटनाक्रम के पीछे काम कर रहे हैं।

1. भारत की एयरस्ट्राइक का खौफ

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक कर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया था, लेकिन शहबाज शरीफ और पाक आर्मी का कहना था कि भारत ने हमारे आमजनों पर हमला किया। अब जब अमेरिका ने TRF पर प्रतिबंध लगाया है तो पाकिस्तान को एक बार फिर भारत की एयरस्ट्राइक का खौफ सताने लगा है। इससे पहले भी भारत साल 2016 में उरी और साल 2019 में पुलवामा हमलों के जवाब में सर्जिकल और एयरस्ट्राइक कर चुका है।

2. ट्रंप के टैरिफ और अमेरिकी दबाव का डर

पाकिस्तान ने TRF से इसलिए भी पीछे हट गया क्योंकि वो अमेरिका को नाराज होने का कोई भी विकल्प नहीं देना चाहता। जहां अमेरिका TRF को आतंकी संगठन घोषित कर चुका है तो अब पाकिस्तान नहीं ऐसा कदम नहीं उठाएगा कि अमेरिका उस पर कोई और एक्शन ले। जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप विश्व के कई देशों पर टैरिफ लगा रहे हैं, ऐसे में पाकिस्तान को टैरिफ का डर भी सताने लगा है।

3. अमेरिका से मिलने वाली सैन्य सहयोग और डिफेंस डील्स

पाकिस्तान अमेरिका से कुछ अहम सैन्य उपकरण खरीदने की तैयारी कर रहा है। अगर उस पर आतंकी संगठनों को समर्थन देने का आरोप साबित होता है, तो यह डील्स या तो रुक जाएंगी या फिर पूरी तरह हो कर दी जाएंगी।

4. FATF की ग्रे लिस्ट में फिर से लौटने का डर

FATF (Financial Action Task Force) ने हाल ही में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया है, लेकिन यह स्थिति बहुत नाजुक है। TRF जैसे संगठन से जुड़ाव या उसे बर्दाश्त करना पाकिस्तान को फिर से निगरानी लिस्ट में लाकर खड़ा कर सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग ठप हो सकती है।

5. अमेरिका से लोन और निवेश

पाकिस्तान की आर्थिक रूप से हालत बहुत खराब होती जा रही है। उसे IMF, वर्ल्ड बैंक और अमेरिका से प्रत्यक्ष निवेश और कर्ज की दरकार है। ऐसे में TRF का बचाव करना पाकिस्तान के कूटनीतिक लाभ को सीधेतौर पर बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार से मिलने में आतंकवाद के खिलाफ मदद की प्रशंसा की थी, लेकिन यह समर्थन तभी जारी रह सकता है जब पाकिस्तान अपने रुख में बदलाव दिखाए।

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