ट्रंप के दावे की भारत ने निकाल दी हवा, एक झटके में दिया जवाब, कहा- 'हमारी प्राथमिकता देशवासी...'

भारत ने ट्रंप के रूस तेल दावे को खारिज किया, कहा 'हमारी प्राथमिकता देशवासियों के हित हैं'; विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ऊर्जा आयात नीति केवल राष्ट्रीय हितों पर आधारित है।

Harsh Srivastava
Published on: 16 Oct 2025 11:52 AM IST
ट्रंप के दावे की भारत ने निकाल दी हवा, एक झटके में दिया जवाब, कहा- हमारी प्राथमिकता देशवासी...
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India responds to Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस सनसनीखेज दावे पर भारत सरकार ने गुरुवार को दो टूक जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने रूस से तेल की खरीद रोक दी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उसकी ऊर्जा खरीद नीति का आधार सिर्फ और सिर्फ देशवासियों का हित है, न कि किसी अन्य देश का दबाव या राजनीतिक कारक। इस जवाब ने अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे को सीधे तौर पर खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत बड़े पैमाने पर गैस और तेल का आयात करता है। हमारी लगातार यही प्राथमिकता रही है कि "उथल-पुथल भरे बाज़ार में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों को साधा जाए।" मंत्रालय ने ज़ोर देकर कहा कि हमारी इंपोर्ट की पॉलिसी पूरी तरह इसी उद्देश्य पर आधारित है। भारत सरकार का यह जवाब अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के मंच पर उसकी स्वतंत्र विदेश नीति को मज़बूती से प्रदर्शित करता है।

विदेश मंत्रालय का तर्क: बाजार की स्थिति और राष्ट्रीय हित

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया, "हम बाज़ार की स्थिति को देखते हुए अलग-अलग देशों से डील करते हैं। हमारी आयात नीति किसी अन्य कारक से प्रभावित होकर फैसले नहीं लेती।" उन्होंने आगे अमेरिका के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों का ज़िक्र करते हुए कहा, "अमेरिका की बात है तो हमने उसके साथ भी बीते कुछ सालों में खरीद की है, और बीते एक दशक में यह तेज़ी से बढ़ी है।" रणधीर जायसवाल ने बताया कि मौजूदा अमेरिकी प्रशासन ने भी भारत के साथ ऊर्जा संबंधों को बढ़ाने को प्राथमिकता दी है और इस पर बातचीत लगातार जारी है। भारत का यह बयान एक ओर अमेरिका को यह संदेश देता है कि भारत उसके साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन दूसरी ओर यह भी स्पष्ट करता है कि भारत अपनी राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।

यूरोप पर भारत का पलटवार: पहले आप ख़रीद बंद करें

यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका या यूरोपीय देशों की ओर से रूस से तेल खरीद पर सवाल उठाए गए हैं। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही पश्चिमी देश भारत पर रूसी तेल खरीद बंद करने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन भारत ने हर बार इसका माकूल जवाब दिया है। भारत ने कई बार यह भी स्पष्ट किया है कि कैसे यूरोप सबसे ज़्यादा गैस की खरीद रूस से करता है। भारत ने यूरोपीय देशों को आईना दिखाते हुए कहा है कि यदि उन्हें रूसी ऊर्जा से इतनी आपत्ति है, तो उन्हें पहले खुद रूस से डील बंद करनी चाहिए। भारत का तर्क है कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो फिर उन्हें भारत पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है। भारत सरकार का यह रुख साफ करता है कि जब तक बाज़ार की स्थितियाँ और भारत के आर्थिक हित रूस से तेल खरीदना ज़रूरी रखेंगे, तब तक वह अपनी ज़रूरत के हिसाब से आयात जारी रखेगा। भारत के लिए अपने 1.4 अरब से अधिक नागरिकों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करना सर्वोपरि है, और इस निर्णय में किसी बाहरी दबाव का कोई स्थान नहीं होगा।

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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