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तबाही का नया भारतीय फाइटर जेट! तेजस Mk1A की पहली उड़ान... भारत के लिए मील का पत्थर
Tejas Mk1A Fighter Jet: भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk1A ने अपनी पहली आधिकारिक उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। दुश्मन देश अब भारत की ताकत से थर-थर कांपेंगे।
Tejas Mk1A Fighter Jet: ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही भारत पाकिस्तान के बीच तनाव उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इन सबके बीच अब भारत की ताकत और भी ज्यादा बढ़ गई है। दरअसल, भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk1A ने आज अपनी पहली आधिकारिक उड़ान भरी है। आज का दिन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और भारतीय वायुसेना दोनों के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। नासिक स्थित HAL फैक्ट्री में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस खास मौके पर मौजूद रहें, जहां इस उड़ान के साथ ही भारत ने आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है।
तेजस Mk1A: भारत की ताकत, आत्मनिर्भरता की पहचान
तेजस Mk1A सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो हवा से हवा में, जमीन से हवा में और समुद्र से जमीन पर हमला करने की पूरी क्षमता रखता है। इससे पहले Mk1 संस्करण पहले ही भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुका है, लेकिन Mk1A उसका उन्नत रूप है। इसमें AESA रडार, स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और स्मार्ट हथियार जैसी तकनीकें शामिल हैं।
आज की उड़ान इसलिए भी खास थी क्योंकि यह तेजस के सीरियल प्रोडक्शन से पहले का अंतिम बड़ा ट्रायल था। HAL ने इंजन की कमी जैसी चुनौतियों को पार करते हुए यह उपलब्धि हासिल की। अब अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक ने चार इंजन डिलीवर कर दिए हैं, जिससे निर्माण गति पकड़ेगा।
वायुसेना की जरूरत, तेजस से पूरी होगी कमी
हाल ही में भारतीय वायुसेना ने अपने पुराने मिग-21 स्क्वॉड्रन को रिटायर किया है, जिससे लड़ाकू विमानों की संख्या घट गई। ऐसे समय में तेजस Mk1A उम्मीद की नई किरण है।
-पहले चरण में 40 तेजस Mk1 विमान का ऑर्डर पूरा हो चुका है।
-दूसरे चरण में 83 तेजस Mk1A का अनुबंध 2021 में हुआ था। आज की उड़ान इसी अनुबंध के तहत पहले विमान की थी।
-हाल ही में सरकार ने 97 नए Mk1A विमानों की डील साइन की है, जिनकी डिलीवरी 2027 से 2034 तक होगी।
इससे वायुसेना के पास कुल चार स्क्वॉड्रन तैयार होंगे। HAL की नई तीसरी LCA प्रोडक्शन लाइन और HTT-40 ट्रेनर लाइन से सालाना उत्पादन और तेज होगा।
आत्मनिर्भर भारत की नई ऊंचाई
नासिक की यह उड़ान केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता की जीत है। जिस फैक्ट्री में कभी रूसी विमान जोड़े जाते थे, वहीं अब भारत अपने विमान बना रहा है। इससे न सिर्फ हजारों नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे बल्कि रक्षा निर्यात का रास्ता भी खुलेगा।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब पाकिस्तान और चीन आधुनिक लड़ाकू विमान खरीदने में जुटे हैं, तब भारत का तेजस जवाब बनकर खड़ा है। आने वाले वर्षों में तेजस Mk2 और AMCA स्टेल्थ फाइटर के साथ भारत हवाई ताकत में नई बुलंदियों को छूएगा।
आसमान में गूंजा भारत का नाम
आज की उड़ान ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब केवल रक्षा उपकरणों का खरीदार नहीं, बल्कि निर्माता भी है। तेजस Mk1A की उड़ान ने एक नई सुबह की शुरुआत की है, जहां हर इंजन की गर्जना में भारत की आत्मा, गर्व और आत्मनिर्भरता की गूंज सुनाई देती है।
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