भारत के दुश्मनों का काल बनेगा 'इक्षक', 06 नवंबर को नौसेना में होगा शामिल, थर-थर कापेंगे दुश्मन

Indian Navy inducts Ikshak warship: भारतीय नौसेना में शामिल हुआ आइक्शक युद्धपोत, समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक मजबूती को मिलेगा नया आयाम।

Harsh Srivastava
Published on: 27 Oct 2025 7:10 PM IST
भारत के दुश्मनों का काल बनेगा इक्षक, 06 नवंबर को नौसेना में होगा शामिल, थर-थर कापेंगे दुश्मन
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Indian Navy inducts Ikshak warship: भारत की समुद्री शक्ति और स्वदेशी जहाज निर्माण के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर स्थापित होने जा रहा है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की गरिमामयी उपस्थिति में, 06 नवंबर को स्वदेश निर्मित सर्वेक्षण पोत (Survey Vessel Large - SVL) 'इक्षक' को भारतीय नौसेना के समुद्री बेड़े में शामिल किया जाएगा। कोच्चि के नौसेना बेस में होने वाला यह समारोह भारत के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह पोत अपनी श्रेणी का तीसरा जहाज है, और इसका नौसेना में शामिल होना अत्याधुनिक और उन्नत प्लेटफार्मों के निर्माण के प्रति नौसेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कदम न केवल नौसेना की क्षमता वृद्धि करेगा, बल्कि देश की समुद्री सुरक्षा को भी मजबूत करेगा।

80% से अधिक स्वदेशी सामग्री: जीआरएसई का सफल सहयोग

सर्वेक्षण पोत 'इक्षक' का निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड में किया गया है। यह पूरा निर्माण जहाज उत्पादन निदेशालय और युद्धपोत निरीक्षण दल की कड़ी देखरेख में हुआ है। सबसे खास बात यह है कि इस पोत में 80 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। नौसेना ने बताया कि 'इक्षक' जीआरएसई और भारत के लघु उद्यमों (Small Enterprises) के बीच सफल सहयोग का एक प्रमाण है। यह सफलता गर्व के साथ आत्मनिर्भर भारत की भावना और शक्ति को दुनिया के सामने प्रदर्शित करती है। यह दिखाता है कि भारत अब जटिल रक्षा प्रणालियों के निर्माण में न केवल सक्षम है, बल्कि विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी है।

'इक्षक' नाम का महत्व: समुद्र में 'मार्गदर्शक' की भूमिका

पोत का नाम 'इक्षक' अत्यंत प्रतीकात्मक है। नौसेना के अनुसार, 'इक्षक' का अर्थ 'मार्गदर्शक' है। यह नाम जहाज के प्राथमिक मिशन का प्रतीक है—अज्ञात का पता लगाना, नाविकों के लिए सुरक्षित समुद्री मार्ग सुनिश्चित करना और भारत की समुद्री शक्ति को मजबूत करना। 'इक्षक' समुद्र के नीचे के भूभाग और समुद्री डेटा को इकट्ठा करने का महत्वपूर्ण कार्य करेगा, जो नौसैनिक संचालन और वाणिज्यिक शिपिंग दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

दोहरी भूमिका और महिलाओं के लिए विशेष आवास

'इक्षक' को जल सर्वेक्षण कार्यों की अपनी प्राथमिक भूमिका के अलावा दोहरी भूमिका क्षमता (Dual Role Capability) के साथ डिजाइन किया गया है। यह पोत केवल सैन्य उद्देश्यों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आपदा की स्थितियों में भी महत्वपूर्ण साबित होगा। यह जहाज मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) कार्यों में सहायता प्रदान करने के साथ-साथ, आपात स्थिति के दौरान एक अस्पताल के रूप में भी कार्य कर सकता है। इसके अलावा, 'इक्षक' की एक और खास बात है: यह महिलाओं के लिए विशेष आवास वाला पहला SVL जहाज भी है। यह विशेषता नौसेना में लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है। 06 नवंबर को 'इक्षक' का नौसेना में शामिल होना देश की समुद्री क्षमताओं को एक नई ऊंचाई देगा और भारत के लिए सुरक्षित समुद्री भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम होगा।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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