TRENDING TAGS :
नौसेना में शामिल हुए INS उदयगिरी और हिमगिरी, राजनाथ सिंह ने किया कमीशन, आतंक को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब
INS उदयगिरी और हिमगिरी नौसेना में शामिल, राजनाथ सिंह बोले- आतंक को मिलेगा करारा जवाब।
INS Udaygiri-Himgiri commissioned: भारतीय नौसेना की ताकत में मंगलवार को एक नया अध्याय जुड़ गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विशाखापट्टनम में दो अत्याधुनिक स्टेल्थ युद्धपोतों आईएनएस उदयगिरी और आईएनएस हिमगिरी को एक साथ कमीशन किया। इस ऐतिहासिक मौके पर रक्षा मंत्री ने न केवल इन युद्धपोतों की ताकत बताई, बल्कि हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करके भारत की दृढ़ता और आतंक के खिलाफ उसकी 'नई नीति' को भी साफ कर दिया। यह कमीशनिंग न केवल नौसेना की ताकत बढ़ाएगी, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को भी एक नई गति देगी।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत का मुंहतोड़ जवाब
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें आतंकियों ने धर्म पूछकर मासूम नागरिकों की हत्या की थी। उन्होंने कहा कि यह हमला हमें उकसाने के लिए था, लेकिन हमने बिना उकसावे में आए, सोच-समझकर एक प्रभावी और सटीक जवाब दिया। उन्होंने खुलासा किया कि इस हमले के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय नौसेना की त्वरित कार्रवाई ने दुनिया को भारत की तैयारियों का परिचय दिया। हमारी सेनाओं ने दिखाया कि जरूरत पड़ने पर हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं। नौसेना की योजना और युद्धपोतों की त्वरित तैनाती इस ऑपरेशन में बेहद प्रभावी रही।
'भारत की नीति: न आक्रामकता, न पीछे हटना'
रक्षा मंत्री ने भारत की विदेश और रक्षा नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत ने कभी आक्रामकता में विश्वास नहीं किया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम पीछे हट जाएंगे। उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया जानती है कि हमने कभी किसी देश पर पहले हमला नहीं किया। लेकिन जब हमारी सुरक्षा पर हमला होता है, तो हम उसका करारा जवाब देना जानते हैं।" यह बयान पाकिस्तान और चीन जैसे देशों को एक सीधा संदेश है कि भारत अब किसी भी उकसावे को हल्के में नहीं लेगा।
INS उदयगिरी और हिमगिरी: नौसेना की नई ताकत
राजनाथ सिंह ने आईएनएस उदयगिरी और हिमगिरी को नौसेना के बेड़े में शामिल होने को एक बड़ा मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि ये युद्धपोत न केवल नौसेना की ताकत बढ़ाते हैं, बल्कि यह संदेश भी देते हैं कि भारत अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है और किसी भी स्थिति में तुरंत जवाब देने को तैयार है।इन युद्धपोतों की ताकत का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि ये ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, बराक-8 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, स्वदेशी रॉकेट और टॉरपीडो लॉन्चर जैसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं। उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि ये जहाज समुद्र में जटिल और जोखिम भरे मिशनों में गेम-चेंजर साबित होंगे।"
आत्मनिर्भर भारत की मिसाल
रक्षा मंत्री ने इन युद्धपोतों को भारत के स्वदेशी रक्षा निर्माण में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि आईएनएस उदयगिरी हमारे वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया 100वां जहाज है। इनमें 75% से ज्यादा पुर्जे भारतीय निर्माताओं और MSME से लिए गए हैं। यह कमीशनिंग न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' की भावना का भी प्रतीक है।
रक्षा मंत्री ने भारतीय नौसेना को भारत की समुद्री ताकत और आर्थिक स्थिरता की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि हमारी ऊर्जा जरूरतें समुद्री मार्गों की सुरक्षा पर निर्भर हैं, और नौसेना इस सुरक्षा का आधार है। इन नए युद्धपोतों के साथ, नौसेना हिंद महासागर में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगी और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगी।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!