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समुंद्र की गहराई में अब भारत का दबदबा! भारतीय नौसेना में शामिल हुआ 'INS निस्तार', जानिए इसकी दमदार खूबियां

INS Nistar Joins Indian Navy: भारतीय नौसेना ने 'आत्मनिर्भर भारत' के ऐतिहासिक मार्ग में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए आज शुक्रवार को विशाखापत्तनम में स्वदेशी रूप से विकसित गोताखोरी सहायता पोत 'INS निस्तार' को नौसेना में शामिल कर लिया।

Priya Singh Bisen
Published on: 18 July 2025 6:38 PM IST
INS Nistar Joins Indian Navy
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INS Nistar Joins Indian Navy

INS Nistar Joins Indian Navy: भारतीय नौसेना ने 'आत्मनिर्भर भारत' के ऐतिहासिक मार्ग में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए आज शुक्रवार को विशाखापत्तनम में स्वदेशी रूप से विकसित गोताखोरी सहायता पोत 'INS निस्तार' को नौसेना में शामिल कर लिया। आज हुए आयोजित समारोह में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। यह पोत हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापत्तनम द्वारा पूरी तरह भारतीय डिजाइन और तकनीक के साथ बनाया गया है।

भारतीय नौसेना के लिए एक बड़ी उपलब्धि

INS निस्तार, भारतीय नौसेना के लिए एक अहम उपलब्धि है क्योंकि यह गहरे समुद्र में गोताखोरी और खतरे में फंसे पनडुब्बियों से बचाने और साथ ही मुश्किल अभियानों में मदद करेगा। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि यह पोत न सिर्फ भारत की समुद्री ताकत को और मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि स्वदेशी निर्माण क्षमता की भी एक बड़ी मिसाल कायम करेगा।

क्या है इसकी खासियत ?

निस्तार पोत की विशेषता इसकी अत्याधुनिक गोताखोरी प्रणाली है, जो कई डेक तक फैली हुई है और इसमें संतृप्ति गोताखोरी (Saturation Diving) जैसी उच्च स्तरीय तकनीकें शामिल हैं। इससे नौसेना के गोताखोर ज्यादा गहराई में अधिक वक़्त तक कार्य कर सकेंगे, जो खासतौर से पनडुब्बी बचाव अभियानों में बहुत ज़रूरी होता है।

'मेक इन इंडिया' की ओर शक्तिशाली कदम...

इस पोत का निर्माण भारतीय उद्योग की मदद से हुआ है, जिसमें तकरीबन 120 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) ने हिस्सा लिया और 80 % से ज्यादा सामग्री स्वदेशी स्रोतों से प्राप्त की गई। यह भारत की समुद्री औद्योगिक क्षमता का प्रतीक है और 'मेक इन इंडिया' अभियान को मजबूती देता है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि निस्तार जैसे पोत आधुनिक नौसेना अभियानों के लिए आवश्यक हैं और यह आने वाले समय में समुद्र में हमारे संचालन की क्षमता को बढ़ावा देगा। उन्होंने हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड और सभी सहयोगी उद्योगों को इस तकनीकी उपलब्धि के लिए बधाई दी।

भारत के सैन्य अभियान में मजबूती भरा कदम

INS निस्तार, दो गोताखोरी सहायता पोतों की श्रृंखला का पहला पोत है। इसके माध्यम से भारत अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी गहराई तक ऑपरेशन करने की क्षमता को प्रमाणित कर चुका है। इससे न सिर्फ सैन्य अभियान बल्कि आपातकालीन समुद्री बचाव कार्यों में भी भारत की भूमिका और मजबूती के साथ प्रभावशाली बनाएगा।

बता दे, यह गोताखोरी सहायता पोत भारतीय नौसेना की युद्धक क्षमताओं को एक नया मुकाम देने के साथ-साथ देश के समुद्री हितों की रक्षा में भी एक आवश्यक भूमिका निभाएगा। भारतीय नौसेना अब पहले से कहीं अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर की ओर बढ़ गयी है।

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