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अब दुश्मनों की छुट्टी...लड़ाकू विमान पर बना भारतीय महिला का कब्जा; आस्था पुनिया ने रचा इतिहास!

Sub-Lieutenant Aastha Punia: इससे पहले महिलाएं नौसेना के टोही विमान और हेलीकॉप्टर उड़ाती रही हैं, लेकिन अब पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई महिला पायलट सीधे फाइटर स्ट्रीम में शामिल हुई।

Priya Singh Bisen
Published on: 4 July 2025 2:32 PM IST
Sub-Lieutenant Aastha Punia
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Sub-Lieutenant Aastha Punia

Sub-Lieutenant Aastha Punia: भारतीय नौसेना ने इतिहास रच दिया है! सब-लेफ्टिनेंट आस्था पुनिया को नेवी की पहली महिला फाइटर पायलट के रूप में नियुक्त किया गया है। यह भारतीय नौसेना के एविएशन विंग में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले महिलाएं नौसेना के टोही विमान और हेलीकॉप्टर उड़ाती रही हैं, लेकिन अब पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई महिला पायलट सीधे फाइटर स्ट्रीम में शामिल हुई।

3 जुलाई 2025 को इंडियन नेवल एयर स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में आस्था पुनिया और लेफ्टिनेंट अतुल कुमार ढुल को ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें रियर एडमिरल जनक बेवली, ACNS (वायु) द्वारा प्रदान किया गया। नौसेना ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर दी है।

नौसेना ने पोस्ट में लिखा—

"नेवल एविएशन में एक नया अध्याय जुड़ गया है। सब-लेफ्टिनेंट आस्था पुनिया भारतीय नौसेना की फाइटर स्ट्रीम में शामिल होने वाली पहली महिला पायलट बनी हैं।

कौन-सा फाइटर जेट उड़ाएंगी आस्था पुनिया ?

फिलहाल यह जानकारी अभी सामने नहीं आयी है कि आस्था पुनिया कौन-सा लड़ाकू विमान उड़ाएंगी। लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, संभावना जताई जा रही है कि उन्हें भारतीय नौसेना के MiG-29K फाइटर एयरक्राफ्ट के साथ तैनात किया जा सकता है। यह विमान खास तौर से INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर्स से उड़ान भरने की क्षमता रखता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, MiG-29K एक बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है, जिसकी कॉम्बैट रेंज 722 किमी और सामान्य रेंज 2346 किमी है। यह विमान चार 450 किलोग्राम के बम, मिसाइल और अन्य हथियारों को ले जाने में सक्षम है, जिससे यह युद्ध स्थितियों में बेहद प्रभावशाली साबित होता है।

महिला शक्ति को मिली नई ऊंचाई

आस्था पुनिया की यह उपलब्धि न सिर्फ भारतीय नौसेना बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। यह कदम महिला सशक्तिकरण के मार्ग में एक बड़ा उदाहरण है। आने वाले वक़्त में यह फैसला और भी कई युवतियों को सैन्य क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करेगा।

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