Lucknow News: लखनऊ में यौन उत्पीड़न के खिलाफ सेना की बड़ी पहल ! ब्रिगेडियर प्रभु बोले- कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा सर्वोपरि

Lucknow News: महिलाओं के लिए यौन उत्पीड़न से मुक्त एक सुरक्षित और गरिमामय कार्य वातावरण सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।

Virat Sharma
Published on: 27 Jun 2025 2:24 PM IST
Lucknow News: लखनऊ में यौन उत्पीड़न के खिलाफ सेना की बड़ी पहल ! ब्रिगेडियर प्रभु बोले- कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा सर्वोपरि
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Lucknow Today News: भारतीय सेना ने महिलाओं के लिए यौन उत्पीड़न से मुक्त एक सुरक्षित और गरिमामय कार्य वातावरण सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। यह संकल्प लखनऊ छावनी स्थित सूर्या ऑडिटोरियम में एएमसी सेंटर एवं कॉलेज की पहल पर आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम के दौरान लिया गया।

इस मौके पर कॉलेज ऑफ नर्सिंग, कमान अस्पताल, मध्य कमान, लखनऊ की महिला कैडेटों ने यौन उत्पीड़न पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक प्रभावशाली रोल-प्ले प्रस्तुत किया। इसके बाद ब्रिगेडियर आरएन वर्मा और कर्नल जेके शर्मा द्वारा यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम की मुख्य विशेषताओं पर एक शिक्षाप्रद व्याख्यान दिया गया।

कार्यस्थलों पर महिलाओं की गरिमा सर्वोपरि है : जनरल ब्रिगेडियर

कार्यक्रम के दौरान मध्य कमान के डिप्टी जज एडवोकेट जनरल ब्रिगेडियर एस. प्रभु ने सशस्त्र बलों में यौन उत्पीड़न के कानूनी और नैतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला और उपस्थित लोगों के सवालों के उत्तर दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा सर्वोपरि है और सेना ऐसे मामलों में 'शून्य सहिष्णुता' की नीति का पालन करती है।

सहिष्णुता-रहित संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान

ब्रिगेडियर प्रभु ने बताया कि भारतीय सेना महिलाओं के लिए एक संरक्षित और सुरक्षित वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है। महिला अग्निवीरों की भर्ती और सेना के अस्पतालों जैसे महिला प्रधान कार्यस्थलों को ध्यान में रखते हुए, एएमसी सेंटर एवं कॉलेज ने इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने और यौन उत्पीड़न के प्रति सम्मानजनक व सहिष्णुता-रहित संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान शुरू किए हैं।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने लिया भाग

इस अवसर पर एएमसी सेंटर एवं कॉलेज के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल शिवेंद्र सिंह सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ), अन्य रैंकों (ओआरएस) के सदस्य और असैन्य कर्मी भी उपस्थित थे। कुल मिलाकर लगभग 450 लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और सेना की इस पहल की सराहना की।यह कार्यक्रम न केवल सेना के भीतर बल्कि पूरे समाज के लिए एक मजबूत संदेश है कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

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