On Duty Army' का पोस्टर लगाकर 3 करोड़ का गांजा लखनऊ हो रहा था डिलीवर, यूपी STF ने बीच रास्ते दबोचा

Lucknow News: गिरफ्तारी के दौरान बरामद हुए 12.50 कुन्टल गांजे की अनुमानित कीमत 3.12 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

Hemendra Tripathi
Published on: 24 Jun 2025 1:48 PM IST
On Duty Army का पोस्टर लगाकर 3 करोड़ का गांजा लखनऊ हो रहा था डिलीवर, यूपी STF ने बीच रास्ते दबोचा
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Lucknow News

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े अनेकों मामले सामने आते हैं। ऐसे मामलों की गंभीरता को देखते हुए यूपी पुलिस के साथ साथ यूपी STF की टीम शातिर तस्करों की धड़पकड़ में लगी हुई है। इसी बीच यूपी STF की टीम ने असम से लखनऊ डिलीवर हो रहे गांजे की एक बड़ी खेप पकड़ते हुए शातिर तस्कर को गिरफ्तार किया। यूपी STF की टीम ने बताया कि ये गिरफ्तारी मऊ जिले के तालीमुद्दीन इण्टर कॉलेज के पास से की गई है। गिरफ्तारी के दौरान बरामद हुए 12.50 कुन्टल गांजे की अनुमानित कीमत 3.12 करोड़ रुपये बताई जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में अपना नाम सुल्तानपुर निवासी जनार्दन पाण्डेय बताया है।

असम से ट्रक में लोड कराकर लखनऊ लाया जा रहा था गांजा

गिरफ्तारी के बाद जनार्दन नाम के गांजा तस्कर ने यूपी STF टीम की ओर से हुई पूछताछ में बताया कि वह असम राज्य से अलग-अलग स्थानों पर अवैध गांजे की तस्करी करता है। तस्कर ने बताया कि बलिया के सुखपुरा निवासी छोटू ने असम के रहने वाले अलबरा नाम के व्यक्ति से यह गाँजा ट्रक में लोड कराया था, जिसे लखनऊ पहुंचाना था। लखनऊ पहुँचने पर छोटू वहां मिलता और तब यह बताता कि गाड़ी में लोड गाँजा कहाँ पर उतारना है। एसटीएफ की टीम ने बताया कि गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त के कब्जे से लगभग 1250 कुन्टल गाँजा (अन्तर्राष्ट्रीय मूल्य लगभग 3.12 करोड रूपये), एक ट्रक वाहन, 3 मोबाइल, 3450 वाहन पेपर व बिल्टी, 1 आधार कार्ड, 22,000 रुपये नकद बरामद हुए हैं।

रास्ते में चेकिंग से बचने के लिए ट्रक के सामने 'On Duty Army' का पोस्टर लगाया

पूछताछ में तस्कर ने बताया कि ट्रक में कुछ घरेलू सामानों को पैक करके उस पर सेना के पदाधिकारियों के नाम का पर्ची चिपका देते हैं। इसके साथ ही इसकी फर्जी बिल्टी भी तैयार कर लेते हैं, जिससे यह प्रतीत हो कि सेना के किसी अधिकारी का ट्रांसफर होने पर उनका सामान भेजा जा रहा है। ट्रक के आगे "आन ड्यूटी आर्मी" का पोस्टर लगाते हैं, जिससे गाड़ी को कोई रोकता नहीं है। जबकि वास्तविक रूप से सेना के किसी अधिकारी का कोई सामान इस गाड़ी में नहीं रहता है। तस्कर ने बताया कि इस काम के लिए इसको प्रति चक्कर 70,000 रूपये मिलता है।

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