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कौन हैं भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन? अपनी पहली ही उड़ान पर जाएंगे आईएसएस

NASA, Anil Menon: भारतीय और यूक्रेन मूल के हैं अपनी पहली ही उड़ान में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले अनिल मेनन के माता-पिता

Sonal Verma
Published on: 2 July 2025 12:49 PM IST (Updated on: 2 July 2025 3:39 PM IST)
Anil Menon
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NASA, Anil Menon: शुभांशु शुक्ला के बाद अंतरिक्ष की यात्रा में भारत का एक ओर नाम चमकने के लिए तैयार है। वह नाम है नासा के भारतीय मूल के अंतिरक्ष यात्री अनिल मेनन का। अनिल मेनन को नासा की तरफ से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले स्पेस क्रू में शामिल किया गया है। अनिल मेनन एक फ्लाइट इंजीनियर हैं और वे एक्सपीडिशन 75 क्रू के सदस्य होंगे। नासा ने आधिकारिक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। नासा के अनुसार, मेनन रोस्कोमोस सोयूज एमएस-29 अंतरिक्षयान में सवार होकर जून 2026 में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होंगे।

अनिल मेनन के साथ रोस्कोमोस के अंतरिक्ष यात्री योत्र डुबरोव और एना किकिना भी आईएसएस जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की लिस्ट में शामिल हैं। यह मिशन करीब आठ महीने का होगा। रोस्कोमोस सोयूज एमएस-29 अंतरिक्षयान कजाखस्तान के बाइकोनुर कॉस्मोड्रोम से उड़ान भरेगा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अनिल मेनन कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनकी मदद से इंसानों को भविष्य के अंतरिक्ष मिशन में फायदा मिले।

भारत और यूक्रेन से है संबंध

अपनी पहली ही उड़ान में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले अनिल मेनन के माता-पिता भारतीय और यूक्रेन मूल के हैं । अनिल मेनन का जन्म अमेरिका के मिनियोपोलिस में हुआ और वे वहीं पले-बढ़े हैं। मेनन पेशे से एक आपातकालीन मेडिसिन फिजीशियन और मैकेनिकल इंजीनियर हैं। वे अमेरिका की स्पेस फोर्स में कर्नल के पद पर भी तैनात हैं।

एजुकेशन और करियर

मेनन के पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से न्यूरोबायोलॉजी की डिग्री है। उन्होंने कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियर और मेडिकल की भी डिग्री हासिल की है। मेनन ने स्टैनफोर्ड से आपातकालीन मेडिसिन और एयरोस्पेस मेडिसिन की पढ़ाई की और वे टेक्सास मेडिकल सेंटर के मेमोरियल हर्मन अस्पताल में आपात मेडिसिन विभाग में बतौर डॉक्टर काम करते हैं। मेनन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में डॉक्टर्स को पढ़ाते भी हैं।

ऐसे पहुंचे नासा

साल 2021 में मेनन नासा के अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चयनित हुए थे। उन्होंने साल 2024 में 23वीं एस्ट्रोनॉट कक्षा से स्नातक किया था। मेनन ने जैसे ही अंतरिक्षयात्री बनने की ट्रेनिंग पूरी की वैसे ही अपने पहले अंतरिक्ष मिशन की तैयारी शुरू कर दी थी। मेनन ने मस्क की कंपनी स्पेसएक्स में पहले फ्लाइट सर्जन के रूप में भी काम किया और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के पहले क्रू की लॉन्चिंग में भी मदद की। इसके अलावा स्पेसएक्स के मेडिकल संगठन से भी मेनन जुड़े हैं, जो भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों की मदद के लिए काम करता है। बता दें कि करीब 25 वर्षों से वैज्ञानिक और अंतरिक्षयात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर रहकर शोध कार्य कर रहे हैं ताकि भविष्य में इसका फायदा धरती पर भी लोगों को मिल सके।

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