अब कश्मीर की बारी? इजराइल-ईरान जंग के बाद घाटी में बजी खतरे की घंटी, जारी हुआ हाई अलर्ट

Israel Iran war missile attack: ईरान के कई शहरों में धमाकों के बीच सायरनों की आवाज गूंजने लगी और इमरजेंसी लागू कर दी गई। जवाबी हमले की तैयारी में ईरान भी पूरे जोश में आ चुका है। ये जंग सिर्फ मिडिल ईस्ट तक सीमित नहीं रही। इसका असर भारत तक पहुंच गया है। जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और कई इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था चौकसी पर है।

Harsh Srivastava
Published on: 13 Jun 2025 3:34 PM IST
अब कश्मीर की बारी? इजराइल-ईरान जंग के बाद घाटी में बजी खतरे की घंटी, जारी हुआ हाई अलर्ट
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Israel Iran war missile attack: आसमान में गूंजते धमाके, जमीन पर बजते सायरन, और दुनिया की धड़कनें थमी हुईं। शुक्रवार की सुबह जब दुनिया जाग रही थी, उस वक्त मिडिल ईस्ट के आसमान पर जंग का साया मंडरा रहा था। ईरान और इजराइल के बीच पिछले कई दिनों से खिंची तलवार आखिर निकल ही पड़ी और वो हुआ, जिसकी आशंका पूरी दुनिया कर रही थी। इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान पर मिसाइलों की बारिश कर दी। ईरान के कई शहरों में धमाकों के बीच सायरनों की आवाज गूंजने लगी और इमरजेंसी लागू कर दी गई। जवाबी हमले की तैयारी में ईरान भी पूरे जोश में आ चुका है। ये जंग सिर्फ मिडिल ईस्ट तक सीमित नहीं रही। इसका असर भारत तक पहुंच गया है। जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और कई इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था चौकसी पर है। खास तौर पर उन इलाकों में जहां शिया समुदाय की आबादी अधिक है। इजराइल और ईरान के बीच शुरू हुई इस आग ने भारत के लिए भी कई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

भारत तक पहुंची जंग की लपटें, कश्मीर में अलर्ट

इजराइल द्वारा ईरान पर हमला करने की खबर ने भारत में भी हलचल पैदा कर दी। जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया। खास तौर पर उन इलाकों में जहां शिया आबादी अधिक है। कारण साफ है — ईरान शिया बहुल देश है और इजराइल के इस हमले से शिया समुदाय में भावनात्मक उबाल आ सकता है। प्रशासन को आशंका है कि जुमे की नमाज के बाद कश्मीर के शिया इलाकों में विरोध प्रदर्शन या तनाव भड़क सकता है। इसलिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया सूत्रों से भी इनपुट मिला है कि शुक्रवार की नमाज के बाद किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम देने की कोशिश की जा सकती है। इसलिए श्रीनगर से लेकर बडगाम और अनंतनाग जैसे इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

पहलगाम हमला अभी भूला नहीं, फिर से मंडरा रहा खतरा

गौर करने वाली बात यह है कि जम्मू-कश्मीर पहले से ही तनाव की आग में जल रहा है। कुछ हफ्ते पहले ही पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली थी। इस हमले में कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत पर दबाव बढ़ा। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। मगर अब मिडिल ईस्ट की इस जंग ने एक बार फिर कश्मीर की फिजा में बेचैनी घोल दी है। पहलगाम हमले के बाद से ही घाटी में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई गई थी। अब ईरान-इजराइल युद्ध के चलते कश्मीर में शिया आबादी वाले इलाकों को विशेष निगरानी में रखा गया है। प्रशासन नहीं चाहता कि बाहरी जंग का असर भारत की आंतरिक शांति पर पड़े, लेकिन जमीनी हकीकत यही कहती है कि खतरा सिर पर मंडरा रहा है।

भारत की उड़ानों पर मंडराया खतरा, एयरस्पेस बंद

इस युद्ध का असर सिर्फ जमीन तक ही सीमित नहीं रहा। आसमान में भी संकट के बादल छा गए। जैसे ही इजराइल ने ईरान पर हमला किया, ईरान ने तत्काल अपना एयरस्पेस बंद कर दिया। भारत की कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें जो मिडिल ईस्ट के रास्ते यूरोप या अमेरिका जाती हैं, उनके लिए संकट पैदा हो गया।हालांकि दिल्ली एयरपोर्ट ने साफ किया है कि भारत से जाने वाली ज्यादातर उड़ानों पर इसका असर नहीं पड़ा है, लेकिन कुछ फ्लाइट्स को एहतियातन या तो डायवर्ट किया गया या रद्द कर दिया गया। दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों से अपील करते हुए कहा है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी अपडेट के लिए सीधे एयरलाइंस से संपर्क करें। सोशल मीडिया पर उड़ती अफवाहों ने यात्रियों को परेशान जरूर कर दिया, लेकिन फिलहाल भारतीय हवाई यातायात पर व्यापक असर नहीं पड़ा है।

दुनिया दहशत में, अगला कदम क्या होगा?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि अब आगे क्या? क्या यह हमला इजराइल और ईरान के बीच किसी बड़े युद्ध की शुरुआत है या सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई? क्या भारत को कश्मीर में और सख्ती करनी पड़ेगी? क्या इस जंग की लपटें भारत के बाजार, तेल की कीमतों और विदेश नीति तक असर डालेंगी? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह जंग लंबी खिंच गई तो इसका असर पूरी दुनिया पर दिखेगा। तेल की कीमतें बढ़ेंगी, बाजार गिरेगा, और वैश्विक कूटनीति में उथल-पुथल मचेगी। भारत को इस वक्त बेहद संतुलित कूटनीति और आंतरिक सतर्कता दोनों की जरूरत है। फिलहाल दुनिया सांस रोके बैठी है अगला धमाका कहां और कब होगा?

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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