पांच तक उल्टी गिनती और इजरायल खत्म! ईरान में मिसाइलों के जखीरे, गजब है ताकत

Iran Israel Tension: यदि ईरान अपने अंडरग्राउंड मिसाइल बेस से हथियार निकालकर सक्रिय करता है, तो यह पूरे मिडिल ईस्ट को अस्थिर कर सकता है।

Snigdha Singh
Published on: 13 Jun 2025 2:53 PM IST
पांच तक उल्टी गिनती और इजरायल खत्म! ईरान में मिसाइलों के जखीरे, गजब है ताकत
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Iran Missile Power: इजरायल ने ईरान पर एक बड़ा सैन्य हमला करते हुए उसकी परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है। जवाब में ईरान ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है और पलटवार की चेतावनी देते हुए अपनी मिसाइल क्षमताओं को सतर्क मोड में डाल दिया है। माना जा रहा है कि अब दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं।

ईरान की सैन्य शक्ति में उसकी मिसाइल प्रणाली सबसे अहम मानी जाती है, विशेष रूप से वे बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलें जो इजरायल तक मार कर सकती हैं। ईरान ने अंडरग्राउंड 'मिसाइल सिटीज़' विकसित की हैं, जहां से मिनटों में हथियार लॉन्च किए जा सकते हैं। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के पास करीब 2,000 बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनमें से कई 1500 से 2500 किमी तक की दूरी तय करने में सक्षम हैं।

ईरान की प्रमुख मिसाइलें- चिंता का कारण

फतह-1 (हाइपरसोनिक मिसाइल):

2023 में विकसित यह मिसाइल मैक 5+ की स्पीड से उड़ान भरती है और 1400 किमी तक मार करने में सक्षम है। इसकी हाई स्पीड और जटिल उड़ान पथ इसे इजरायल की डिफेंस प्रणाली 'आयरन डोम' से बचने में सक्षम बनाता है।

सेजिल:

2500 किमी रेंज वाली यह ठोस ईंधन मिसाइल मोबाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म से दागी जाती है, जिससे इसका ट्रैकिंग बेहद कठिन हो जाता है। इसकी रफ्तार 17,000 किमी/घंटा है।

खैबर:

2000 किमी तक की दूरी पर सटीक निशाना साधने वाली यह मिसाइल इजरायली सैन्य ठिकानों के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।

हज कासेम:

1400 किमी रेंज वाली इस मिसाइल का उपयोग पहले भी इजरायल के खिलाफ हो चुका है।

इमाद और खोरमशहर:

यह तरल ईंधन वाली मिसाइलें 2000 किमी तक की रेंज में बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकती हैं।

चीन और रूस से सहयोग

सूत्रों के अनुसार, ईरान ने अपनी मिसाइल तकनीक को और उन्नत करने के लिए चीन, रूस और उत्तर कोरिया से सहयोग प्राप्त किया है। इन देशों की मदद से ईरान ने हल्के मटेरियल का इस्तेमाल करते हुए मिसाइलों की रेंज और स्पीड में वृद्धि की है।

खतरे की घंटी

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ईरान अपने अंडरग्राउंड मिसाइल बेस से हथियार निकालकर सक्रिय करता है, तो यह पूरे मिडिल ईस्ट को अस्थिर कर सकता है। अमेरिका सहित कई पश्चिमी देश हालात पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

ईरान और इजरायल के बीच यह ताजा टकराव न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है।

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