जगदीप धनखड़ की गंभीर बीमारी, इस्तीफा और महज 14 साल की उम्र में बेटे की मौत...

Jagdeep Dhankhar Health Issue: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने खराब स्वाथ्य का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आइये जाने उनकी जानलेवा बीमारी के बारे में-

Sonal Verma
Published on: 22 July 2025 1:52 PM IST
Vice President  Jagdeep Dhankhar
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Vice President Jagdeep Dhankhar 

Jagdeep Dhankhar Health Issue: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने खराब स्वाथ्य का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफा देते ही सियासी गलियारे में चहल-पहल तेज हो गई है। आम जनता से लेकर बड़े-बड़े नेताओं तक सभी धनघड़ के इस प्रकार चलती संसद में इस्तीफा देने से अचंभित हैं। धनखड़ ने अपने खराब स्वाथ्य को इस्तीफा देने का कारण बताया है। पर क्या आपको पता है कि उन्हें कौन सी गंभीर बीमारी है जिस कारण उनको अचानक ही इतने बड़े पद इस्तीफा देना पड़ा?

इस बीमारी से जूझ रहे हैं धनखड़

जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते पद से हटने का निर्णय लिया है जबकि उनके कार्यकाल को समाप्त होने में अभी 2 साल (2027) बाकी थे। बता दें कि इस साल मार्च में धनखड़ दिल की समस्या के चलते एम्स में भर्ती हुए थे। उन्हें CCU यानी कोरोनरी केयर यूनिट में रखा गया था। उनकी निगरानी एम्स के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर राजीव नारंग कर रहे थे। उस समय उनकी स्थिति गंभीर थी जिस वजह से उन्हें तत्काल रूप से उस वार्ड में रखा गया था।

डॉक्टरों ने क्या कहा था?

मार्च में भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने कहा था उम्र के लिहाज से उनकी सेहत में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। धनखड़ के साथ भी ऐसा था, भले ही परेशानी कम हो लेकिन उन्हें उनकी आयु के मुताबिक गंभीर मरीजों की श्रेणी में ही रखा जाता है। इसके अलावा, धनखड़ को हाई बीपी, थकान और कार्डियक स्ट्रेस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इस बीमारी के कारण उनके बेटे की हो गई थी मौत

चाहे कोई आम हो या खास, किसी भी मात-पिता के लिए अपने बच्चे को खोना दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी होती है। इस दर्द को कोई नहीं झेलना चाहता। पर जगदीप धनखड़ को ये दुख झेलना पड़ा। उन्होंने एक ऐसा ही दर्द अपने जीवन में सहा है, जिसे वह भुला नहीं सकते, उनके बेटे दीपक धनखड़ की मौत महज 14 साल की उम्र में हो गई थी और इसकी वजह थी एक बेहद गंभीर और जटिल बीमारी, ब्रेन हेमरेज। दीपक की मौत के बाद जगदीप धनखड़ और उनका परिवार पूरी तरह टूट गया था। हालांकि समय के साथ उन्होंने खुद को संभाला और समाजसेवा तथा राजनीति में पूरी निष्ठा से लग गए। लेकिन यह दर्द आज भी उनके जीवन का एक गहरा अध्याय बना हुआ है। ब्रेन हेमरेज के कारण इतनी कम उम्र में धनखड़ के बेटे की मौत इस बात की गवाही भी है कि आज के समय में भी कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिनका इलाज विज्ञान के इतने विकास के बावजूद बेहद चुनौतीपूर्ण है।

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