नोटों का मिला भंडार... अब संसद में बवाल तय, जज यशवंत वर्मा पर सरकार सख्त, लाएगी महाभियोग प्रस्ताव

Justice Yashwant Verma cash case: संसद के मानसून सत्र में सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर ली है। उनके घर नकदी मिलने के बाद 100 से ज्यादा सांसदों ने प्रस्ताव का समर्थन किया है।

Gausiya Bano
Published on: 20 July 2025 5:03 PM IST
Justice Yashwant Verma cash case
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Justice Yashwant Verma cash case

Justice Yashwant Verma cash case: केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र, जो 21 जुलाई से शुरू हो रहा है, में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर भारी मात्रा में नकदी मिलने के बाद अब उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा। इस मामले में सरकार ने विपक्ष यानी INDIA गठबंधन से भी महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील की है।

100 से ज्यादा सांसदों ने दिए समर्थन

संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने रविवार को सर्वदलीय बैठक के बाद बताया कि 100 से ज्यादा सांसद पहले ही इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव इसी सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। हालांकि रिजिजू ने अभी इस पर कोई समय-सीमा तय नहीं की है और कहा कि उचित समय पर यह संसद में लाया जाएगा।

क्या है नकदी मिलने का मामला?

14 मार्च को दिल्ली स्थित न्यायमूर्ति वर्मा के सरकारी आवास में आग लगने की खबर आई थी। जब फायर ब्रिगेड और पुलिस मौके पर पहुंची, तो स्टोर रूम में बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई। उस समय जस्टिस वर्मा दिल्ली में मौजूद नहीं थे। आग बुझाने के बाद पुलिस ने जब छानबीन की तो मामला सामने आया।

इसकी जानकारी तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजय खन्ना को दी गई, जिसके बाद कॉलेजियम की बैठक बुलाकर न्यायमूर्ति वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया गया। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच समिति बनाई गई।

जांच समिति की रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति में पंजाब-हरियाणा, हिमाचल और कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शामिल थे। 3 मई को समिति ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी, जिसमें जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया गया और उनसे इस्तीफा देने को कहा गया। लेकिन जस्टिस वर्मा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सरकार ने महाभियोग लाने का फैसला लिया।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जस्टिस वर्मा

जस्टिस वर्मा ने जांच समिति की प्रक्रिया और फैसलों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि समिति ने उनके व्यक्तिगत और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। इसलिए समिति की सिफारिश और CJI की कार्रवाई को रद्द किया जाना चाहिए।

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Gausiya Bano is a Multimedia Journalist based in Lucknow, the capital city of Uttar Pradesh, currently serving as Desk In-Charge at Newstrack. She holds a postgraduate degree in Journalism from Makhanlal Chaturvedi National University, Bhopal, Madhya Pradesh. With over 2.5 years of experience, she has worked with leading organizations including Rajasthan Patrika and NewsBytes. She has expertise in news desk operations, reporting and digital journalism. At Newstrack She oversees content management, ensures editorial accuracy and coordinates with reporters to maintain high newsroom standards. Passionate about ethical reporting and adapting to the evolving media landscape, Gausiya Bano continues to grow as a dedicated and responsible journalist.

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