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लालू यादव की बढ़ीं मुश्किलें! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका, ट्रायल पर नहीं लगेगी रोक

Land for job case and Lalu Yadav News: यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की पीठ ने सुनाया।

Priya Singh Bisen
Published on: 18 July 2025 12:20 PM IST
Land for job case and Lalu Yadav News
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Land for job case and Lalu Yadav (photo: social media)

Land for job case and Lalu Yadav News: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। चर्चित 'लैंड फॉर जॉब' घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ ट्रायल पर रोक लगाने से साफ़ इनकार कर दिया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की पीठ ने सुनाया।

लालू यादव ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाई कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफतौर पर कहा कि वह ट्रायल पर रोक नहीं लगाएगा और अपील को खारिज कर देगा। अदालत ने कहा, "जब हाई कोर्ट में मामला लंबित है, तो सुप्रीम कोर्ट इसमें हस्तक्षेप क्यों करे?"

पेशी से मिली छूट, लेकिन ट्रायल पर रोक नहीं..

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव को एक सीमित राहत दी है। अदालत ने कहा कि ट्रायल की कार्यवाही के दौरान उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट को आदेश दिया गया कि वह लालू यादव की अपील पर जल्द से जल्द सुनवाई करे।

धारा 17A को लेकर तीखी बहस

इस मामले में एक प्रमुख कानूनी मुद्दा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A का है। लालू यादव के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि CBI ने बिना आवश्यक सरकारी अनुमति के जांच शुरू की, जो इस धारा के अंतर्गत अनिवार्य है। वहीं, CBI की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने तर्क दिया कि यह मामला साल 2018 से पहले का है, जब यह धारा लागू नहीं थी, इसलिए अनुमति की आवश्यकता नहीं थी। सिब्बल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि FIR 2021 में हुई और सभी अन्य अधिकारियों के लिए अनुमति ली गई, केवल लालू यादव के लिए नहीं।

क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला?

लालू यादव पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए (2005-2009) उन्होंने लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनसे जमीन लिखवा ली। CBI ने साल 2021 में इस मामले में FIR दर्ज की और जांच शुरू की। लालू यादव का दावा है कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है और जांच नियमों के खिलाफ शुरू हुई है।

राजनीतिक पर पड़ा गहरा प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद लालू यादव को अब अदालत में ट्रायल का सामना करना पड़ेगा। अगर वे दोषी साबित होते हैं, तो उन्हें जेल भी हो सकती है। यह मामला न केवल उनके राजनीतिक करियर बल्कि RJD की साख पर भी प्रभाव डाल सकता है। अब सबकी निगाहें दिल्ली हाई कोर्ट पर टिकी हैं कि वह इस याचिका पर कितना जल्दी फैसला सुनाता है और यह मामला क्या मोड़ लेता है।

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Content Writer

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