Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में 2 मिनट में मातम! मचैल माता यात्रा पर आए लोग सैलाब में बह गए… 46 मौतें, 100 से ज्यादा घायल, 200 अब भी लापता

Kishtwar Cloudburst: अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चशोती इलाके में बादल फटने से भयंकर तबाही मच गयी है। यह आपदा मचैल माता मंदिर के यात्रा मार्ग पर आई है। इस हादसे में अब तक 46 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।

Priya Singh Bisen
Published on: 15 Aug 2025 10:21 AM IST
Kishtwar Machail Mata Temple Tragedy
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Kishtwar Machail Mata Temple Tragedy (PHOTO CREDIT: social media)

Kishtwar Machail Mata Temple Tragedy: देशभर के कई राज्यों में भारी व वर्षा के कारण तबाही मची हुई जिसमें आमजन का काफी नुकसान हुआ। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बाद अब बीते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से भयंकर तबाही हुई है। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चशोती इलाके में 14 अगस्त को बादल फटने बाढ़ आ गयी जिसमें अबतक 46 लोगों को मौत की पुष्टि हुई है। इसमें CISF के दो जवान भी शामिल हैं।

अबतक मिली जानकारी के मुताबिक, तकरीबन 200 लोग लापता हैं। किश्तवाड़ में अचानक बादल फटा और मचैल माता मंदिर के यात्रा मार्ग पर मात्र दो मिनट के भीतर पत्थर और मलबा का भयंकर सैलाब आ गया। जो जहां था वहीं, दब गया। यह हादसा इतने कम समय में हुआ कि वक़्त लोगों को सोचने समझने का थोड़ा भी मौका नहीं मिल सका।

पुलिस-प्रशासन तेज़ी से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। आपदा प्रबंधन टीमों ने मचैल माता मंदिर के पास से कई लोगों को बाहर निकाल लिया है। इस हादसे के दौरान मची तबाही में अबतक 100 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आयी है, जिसमें से 37 लोग की हालत बेहद गंभीर है। घायलों को किश्तवाड़ के जिला अस्पताल ले जाया जहाँ उनका इलाज चल रहा है। बता दे, अस्पताल में लगभग 70 से 80 लोगों का इलाज पड्डार के उप-जिला अस्पताल में चल रहा है।

9500 फीट ऊपर स्थित है मंदिर

जानकारी के मुताबिक, मचैल माता मंदिर जाने वाले मार्ग के चशोती गांव में यह विपदा दोपहर के समय 12:30 के आसपास आई। आपदा के समय मचैल माता यात्रा के लिए भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे। किश्तवाड़ के एडिशनल SP प्रदीप सिंह ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है। हम सुबह से ही बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। अब तक 45 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और तकरीबन 100 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। 200 के आसपास लोग अब भी लापता हैं।

बता दे, 9500 फीट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक ही वाहन से जा सकते हैं। उसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल ही चलना होता है। प्रशासन ने लोगों के लिए चेतावनी जारी किया है। सर्च लाइट, रस्सियाँ और खुदाई के औज़ारों के रूप में राहत सामग्री अभियान में सहायता के आगे बढ़ाई जा रही है।

ये आपदा किस समय आयी?

14 अगस्त यानी गुरुवार की दोपहर 12:25 पर मचैल माता मंदिर जाने वाले मार्ग में पड़ने वाले चशोती गांव में अचानक ये विपदा आई। हादसे के वक़्त घटनास्थल पर मचैल माता मंदिर यात्रा के लिए भारी संख्या में लोग वहां एकत्रित हुए थे। बता दे, ये यात्रा 25 जुलाई को शुरू हुई थी और ये यात्रा 5 सितंबर को समाप्त होनी थी।

इस आपदा के बाद उमर अब्दुल्ला ने रद्द किए कार्यक्रम

इस आपदा के बाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 15 को होने वाली एट होम चाय पार्टी रद्द कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले सास्कृतिक कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना और स्थानीय वॉलनटिअसर्स राहत बचाव कार्य में जुटे हुए है। सर्च लाइट, रस्सियाँ और खुदाई के औज़ारों को राहत सामग्री के लिए बढ़ाया जा रहा है।

गृह मंत्री ने उपराज्यपाल व सीएम से की बात

किश्तवाड़ में अचानक बादल फटने की घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर दुःख जताया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की और हर संभव साहयता का भरोसा दिया। प्रशासन राहत एवं बचाव अभियान चला रहा है तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें घटनास्थल पर मौजूद हैं।

गृह मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पोस्ट कर कहा कि किश्तवाड़ ज़िले में बादल फटने की घटना पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की। स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य कर रहा है। NDRF की टीमें तत्क्षाल घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव अभियान में तेजी से जुटी हुई हैं।

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Content Writer

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