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“शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जिससे तानाशाही और सनातन की जंजीरों को तोड़ा...”, अभिनेता कमल हसन की ये बात हो रही वायरल
Kamal Haasan on Education: अभिनेता कमल हसन ने शिक्षा को तानाशाही और सनातन विचारधारा की बेड़ियों से मुक्ति का रास्ता बताया। उनकी इस बात पर बवाल मच गया है।
Kamal Haasan on Education
Kamal Haasan on Education: चेन्नई के राज्यसभा सांसद और अभिनेता कमल हासन ने एक कार्यक्रम में तानाशाही और सनातन को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने अगरम फाउंडेशन कार्यक्रम की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, “केवल शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जिसके जरिए तानाशाही और सनातन की जंजीरों को तोड़ा जा सकता है। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए आगे कहा कि अपने हाथों में और कुछ मत लीजिए। केवल शिक्षा ही अपने हाथों में लीजिए, क्योंकि इसके बिना हम नहीं जीत पाएंगे।” मक्कल नीधि मय्यम (MNM) पार्टी प्रमुख और अभिनेता कमल हासन के इस विवादित बयान पर बवाल मच गया है।
उन्होंने आगे कहा कि, “बहुमत आपको हरा सकता है। बहुसंख्यक मूर्ख (मूदरगल) आपको हरा देंगे। इसलिए हमें शिक्षा को मजबूती से थामे रखना चाहिए।“ कमल हासन ने अगरम फाउंडेशन की तारीफ करते हुए बोला कि, “सच्ची शिक्षा और बिना शर्त का प्यार मिल पाना काफी मुश्किल होता है। माताओं के अलावा अगरम फाउंडेशन जैसी संस्थाओं में हम उनको अभी भी प्राप्त कर सकते हैं।“
सोशल मीडिया पर आ रही लोगों की प्रतिक्रियाएं (Reactions on Kamal Haasan's Statement on Dictatorship and Sanatan)
सनातन और तानाशाही को जोड़ते कमल हासन के इस विवादित बयान पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
सिनेमा और सामाजिक सेवा की पहचान में अंतर
उन्होंने कहा कि जो फेम सिनेमा से मिलता है, और सामाजिक सेवा से मिलने वाली प्रभावशाली अदृशय पहचान अलग होते हैं। सिनेमा के अंदर हमें हमारी एक्टिंग के लिए ताज पहनाया जाता है, लेकिन सामाजिक सेवा से हमें कांटों को ताज मिलता है। इसको अपनाने के लिए दिल का मजबूत होना जरूरी है। कोई और ये काम हमारे लिए नहीं कर सकता। ये काम हमें अपने लिए खुद ही करना होता है।
तमिलनाडु मुख्यमंत्री से कमल हासन की बातचीत के कुछ अंश
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कमल हासन ने कहा कि, “एनजीओ पैसे नहीं मांग रही. वो केवल अपना काम करने की इजाजत ही मांग रही है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इसको लेकर काम किया जा रहा है” अपनी बात को खत्म करते हुए उन्होंने कहा कि, “सच्चे नेताओं को भुला दिया जाता है। फिर चाहे उनके काम का प्रभाव कितना भी क्यों न बना रहे। सत्ता में रहने का असली मतलब बदलाव लाना होता है। मुझे इस बाद को समझने में 70 साल लग गए।”
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