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कम से कम एक बीवी के साथ तो रहता हूं!' - खेसारी लाल यादव ने पवन सिंह पर कर दी सबसे निजी और तीखी टिप्पणी, बिहार की सियासत में भूचाल!
खेसारी लाल यादव ने पवन सिंह की टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया दी और समाज के असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने "राम मंदिर" और "अस्पताल" पर भी अपनी राय स्पष्ट की, विकास के असली अर्थ पर जोर दिया और समाज में असल बदलाव की बात की।
Bihar Politics: गायक-अभिनेता और राजद नेता खेसारी लाल यादव ने हाल ही में पवन सिंह द्वारा की गई टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें पवन सिंह ने खेसारी के बारे में कहा था कि वह "पानी पर नहीं रहते"। इस टिप्पणी पर खेसारी ने सख्त शब्दों में कहा कि पवन सिंह उनके बड़े भाई हैं, लेकिन उनका व्यक्तिगत दृष्टिकोण यह है कि किसी के कार्य ही उन्हें बड़ा बनाते हैं, न कि यह कि वह किसके आशीर्वाद से कहां तक पहुंचे हैं। खेसारी ने कहा, "अगर मैंने उन्हें अपना आदर्श बनाया है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह मेरा 'कर्मदाता' या भगवान हैं। आप बड़े भाई हैं, लेकिन यह है, किसी का काम ही उन्हें बड़ा बनाता है।
खेसारी लाल यादव की पवन सिंह पर टिप्पणी
खेसारी ने व्यक्तिगत टिप्पणी से बचते हुए कहा कि वह किसी पर भी व्यक्तिगत हमला नहीं करते, लेकिन अपने विचार जरूर रखते हैं। उन्होंने पवन सिंह को यह भी जवाब दिया, "कम से कम एक बीवी के साथ तो रहता हूं," इस वाक्य से उन्होंने संकेत दिया कि उनका जीवन सरल और सच्चा है, जबकि कुछ लोग अपने निजी जीवन में झूठे दिखावे करते हैं। इसके अलावा, अपनी हालिया "राम मंदिर" और "अस्पताल" पर की गई टिप्पणी पर खेसारी लाल यादव ने अपना नजरिया स्पष्ट किया। खेसारी ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या केवल मंदिरों से ही समाज का भला होगा? क्या अस्पताल, शिक्षा, और रोजगार नहीं उतने ही महत्वपूर्ण नहीं हैं? उन्होंने यह सवाल उठाया कि, "क्या हम सिर्फ मंदिरों के लिए वोट देंगे? क्या मंदिर हमारे बच्चों का भविष्य तय करेंगे?" उनका यह स्पष्ट बयान था कि विकास का असली अर्थ सिर्फ मंदिर बनाने से नहीं है, बल्कि यह भी है कि हम समाज के हर वर्ग के लिए शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाएं कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं।
खेसारी लाल यादव की सख्त टिप्पणी
खेसारी ने आगे कहा कि कुछ लोग हमेशा मंदिर-मस्जिद और सनातन के मुद्दे पर ही लोगों को उलझाते रहते हैं, ताकि वे असली मुद्दों से ध्यान भटका सकें। उनका मानना था कि समाज में असली बदलाव तभी संभव है जब हम किसी व्यक्ति या दल के बयानबाजी से ऊपर उठकर, बच्चों के भविष्य और उनके बेहतर जीवन की ओर ध्यान दें। खेसारी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी से डरते नहीं हैं और अगर लोग मंदिर बनाने के नाम पर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं, तो वह उस सच्चाई को सामने लाने से नहीं डरेंगे। उनका संदेश था कि हमें असल विकास की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, और उन मुद्दों पर विचार करना चाहिए जो वाकई समाज की भलाई में मदद कर सकते हैं।
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