“BJP को बहाकर बंगाल की खाड़ी में फेंक देंगे”, ममता की हुंकार, अभिषेक का एलान, कोलकाता की सड़कों पर गूंजा ‘जय बांग्ला’

TMC Shahid Diwas Rally: कोलकाता की सड़कों पर ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी की हुंकार "बीजेपी को बहाकर बंगाल की खाड़ी में फेंक देंगे।

Harsh Srivastava
Published on: 21 July 2025 3:39 PM IST
“BJP को बहाकर बंगाल की खाड़ी में फेंक देंगे”, ममता की हुंकार, अभिषेक का एलान, कोलकाता की सड़कों पर गूंजा ‘जय बांग्ला’
X

TMC Shahid Diwas Rally: कोलकाता की सड़कों पर सोमवार को जो हुआ, वो सिर्फ एक रैली नहीं थी , वो एक सीधा ऐलान-ए-जंग था! दिन था 21 जुलाई का, मौका था तृणमूल कांग्रेस (TMC) का शहीद दिवस। लेकिन यह शहादत को श्रद्धांजलि देने की परंपरा से कहीं आगे बढ़ गया , यह बन गया केंद्र की सत्ता के खिलाफ एक भावनात्मक, राजनीतिक और वैचारिक विद्रोह का मंच। कोलकाता के दिल में, दियाघाट से लेकर धरमतला तक, लोगों का हुजूम उमड़ा और मंच पर खड़ी थीं बंगाल की शेरनी , मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जिनकी आवाज में सिर्फ भावनाएं नहीं, बल्कि चुनौती की गर्जना थी। उनके साथ थे तृणमूल के युवा चेहरे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी, जिन्होंने साफ कहा , "मैं बीजेपी से ‘जय बांग्ला’ कहलवाकर रहूंगा।"

33 साल का संघर्ष, अब निर्णायक मोड़ पर

ममता बनर्जी ने मंच से जो याद दिलाया, वो सिर्फ इतिहास नहीं था, बल्कि आज के राजनीतिक संघर्ष की नींव है। उन्होंने कहा, "21 जुलाई 1993 को इन सड़कों पर खून बहा था। तेरह अनमोल जिंदगियों ने लोकतंत्र के लिए जान दी थी। हम इसे शहीद दिवस नहीं, लोकतंत्र दिवस मानते हैं। यह लड़ाई तब तक खत्म नहीं होगी जब तक हम बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल नहीं कर देते।" भीड़ तालियों की गूंज के साथ चीख उठी, और ममता की आवाज में लहू का जोश था। यह बंगाल के इतिहास का वो दिन है जब तृणमूल की जन्मभूमि तैयार हुई थी, और आज उसी दिन उन्होंने दुहराया , "तृणमूल को खत्म करना इतना आसान नहीं है।"

"ईसी और बीजेपी की साजिश को नहीं चलने देंगे"

लेकिन सिर्फ अतीत के शहीदों को श्रद्धांजलि देना ही मकसद नहीं था। ममता ने सीधे बीजेपी पर हमला बोला , खासकर बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट पुनरीक्षण (SIR) को लेकर। उनका आरोप था कि जो काम बिहार में हुआ, वही बंगाल में करने की तैयारी है। "लोगों के नाम काटे जा रहे हैं, डिटेंशन कैंप बनाए जा रहे हैं, निर्दोषों को जेलों में डाला जा रहा है।" ममता ने चेतावनी दी , "अगर बंगाल में ऐसा करने की कोशिश की गई, तो हम घेराव करेंगे। बंगाल चुप नहीं बैठेगा। हम एक-एक नाम बचाएंगे।"

"भाषा पर राजनीति नहीं चलेगी! बंगाली के अपमान का जवाब मिलेगा"

बंगाल में भाषा हमेशा से राजनीति का केंद्र रही है। इस बार ममता ने भाषा की अस्मिता को हथियार बना लिया। उन्होंने कहा, "हमें हिंदी, गुजराती, मराठी सभी भाषाएं प्यारी हैं। लेकिन बीजेपी बंगाली का अपमान क्यों कर रही है? क्या बंगालियों का कोई हक नहीं है?" उन्होंने संकेत दिया कि अगर जरूरत पड़ी, तो एक बार फिर भाषा आंदोलन होगा। और फिर वो ऐतिहासिक वाक्य जो गूंज बनकर कोलकाता की हवाओं में घुल गया , "मैं उनसे 'जय बांग्ला' कहलवाकर रहूंगी!"

अभिषेक की हुंकार , “बीजेपी को बहाकर बंगाल की खाड़ी में फेंक देंगे!”

अगर ममता भावनाओं का चेहरा थीं, तो अभिषेक बनर्जी तर्क, जोश और आक्रोश का स्वरूप बनकर सामने आए। उन्होंने कहा, "बीजेपी और TMC की लड़ाई आमने-सामने की है। लेकिन फर्क ये है कि हमने कोई पेगासस नहीं लगाया, फिर भी हम जीते। उन्होंने सब कुछ कर लिया , ED, CBI, मीडिया , फिर भी बंगाल नहीं झुका।" अभिषेक ने तंज कसते हुए कहा, "आज बीजेपी को जय श्रीराम से जय मां काली और जय मां दुर्गा कहना पड़ रहा है। और जल्द ही, मैं उनसे 'जय बांग्ला' भी बुलवाऊंगा।"

"सिर्फ सत्ता नहीं, अस्मिता की लड़ाई है ये"

इस पूरी रैली के दौरान जो सबसे बड़ा संदेश था, वो ये कि ये लड़ाई सिर्फ चुनाव की नहीं है, ये बंगाल की अस्मिता की लड़ाई है। अभिषेक ने कहा, "रवींद्रनाथ टैगोर को वामपंथी कहने वाले, विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने वाले बंगाल को नहीं समझते। यहां की मिट्टी में सम्मान है, और हम इसे किसी दिल्ली दरबार के आगे झुकने नहीं देंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले संसद सत्र में TMC सांसद बंगाली में ही भाषण देंगे। “देखते हैं हमें कौन रोकता है।”

ममता-अभिषेक की जोड़ी और 2026 की तैयारी?

इस मंच पर ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी की जोड़ी ने न सिर्फ राजनीतिक समरसता दिखाई, बल्कि आने वाले लोकसभा चुनाव 2026 और राज्य विधानसभा चुनाव 2026 की रणनीति का संकेत भी दे दिया। ममता का अनुभव और अभिषेक की आक्रामक शैली , यह संयोजन बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा चुका है।

कोलकाता से दिल्ली तक पहुंचेगा असर?

21 जुलाई की यह रैली कोलकाता तक सीमित नहीं रही। यह रैली एक संदेश बन गई , दिल्ली दरबार को ललकार, और बंगालियों को एक भावनात्मक एकता का आह्वान। अब सवाल यह है कि क्या ममता बनर्जी का यह सियासी दांव बाकी भारत में भी गूंजेगा? क्या विपक्षी एकता की कोशिशों में TMC की आवाज और मजबूत होगी? क्या बंगाल अब फिर से राष्ट्रीय राजनीति की धुरी बनेगा? इन सवालों के जवाब भविष्य देगा, लेकिन फिलहाल इतना तय है , TMC अब चुप नहीं बैठेगी, और ‘जय बांग्ला’ की गूंज संसद तक पहुंचाने का संकल्प ले चुकी है।

1 / 7
Your Score0/ 7
Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

Mail ID - [email protected]

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!