'मराठा आंदोलन' से ठप हुई मुंबई की रफ्तार, 'जज' को चलना पड़ा पैदल, HC ने लगाई फटकार

Mumbai Maratha Protest: मराठा आंदोलन से मुंबई ठप, जज को पैदल चलना पड़ा, हाईकोर्ट ने जताई सख्ती।

Harsh Srivastava
Published on: 2 Sept 2025 5:24 PM IST
मराठा आंदोलन से ठप हुई मुंबई की रफ्तार, जज को चलना पड़ा पैदल, HC ने लगाई फटकार
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Mumbai Maratha Protest: मुंबई की रफ्तार थम गई है और इसका कारण है मराठा आरक्षण आंदोलन। यह आंदोलन अब इस हद तक पहुंच गया है कि इसने न सिर्फ आम लोगों को बल्कि बंबई उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश को भी परेशान कर दिया। जज को अपनी कार छोड़कर कोर्ट तक पैदल जाना पड़ा। इस घटना के बाद, हाईकोर्ट ने मराठा आंदोलनकारियों और उनके नेता मनोज जरांगे को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं है और इसने मुंबई को "सचमुच पंगु" बना दिया है।

संजय राउत का विवादित बयान: "हाईकोर्ट ने मुंबई नहीं दी"

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि "महाराष्ट्र को मुंबई हाईकोर्ट ने नहीं दी है।" राउत ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के कंधे पर बंदूक रखकर गोली मारी जा रही है। उन्होंने 106 मराठी शहीदों के संघर्ष का हवाला देते हुए कहा कि मुंबई मराठी मानुस को उनके आंदोलन के बाद मिली है। राउत ने तो यहाँ तक कह दिया कि जिस हाईकोर्ट में "भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता" बैठे हैं, उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है। यह बयान कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आता है और इससे एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।

मुंबई की सड़कों पर हंगामा: नाच-गाना और कबड्डी

न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने विशेष सुनवाई में कहा कि आंदोलनकारियों ने सिर्फ आजाद मैदान तक खुद को सीमित नहीं रखा है। उन्होंने दक्षिण मुंबई की कई प्रमुख सड़कों जैसे आजाद मैदान, सीएसटी, मंत्रालय, फ्लोरा फाउंटेन, मरीन ड्राइव और पी'डेमेलो रोड को पूरी तरह से घेर लिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी सड़कों पर नाच रहे हैं, कबड्डी खेल रहे हैं, खाना बना रहे हैं और यहाँ तक कि स्नान भी कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल शहर के सामान्य कामकाज को बाधित कर रही है, बल्कि कानून-व्यवस्था के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है।

हाईकोर्ट का सख्त रुख: "सड़कें तुरंत खाली करें"

अदालत ने मराठा आंदोलन को शांतिपूर्ण मानने से इनकार कर दिया और कहा कि जरांगे और उनके समर्थकों ने आंदोलन के लिए निर्धारित सभी शर्तों का उल्लंघन किया है। अदालत ने जरांगे को मंगलवार दोपहर तक सभी सड़कों को खाली करने का अवसर दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जरांगे की तबीयत बिगड़ती है तो सरकार उन्हें चिकित्सा सहायता देगी। यह आदेश इस बात का संकेत है कि कोर्ट इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और वह किसी भी कीमत पर मुंबई में सामान्य स्थिति बहाल करना चाहता है। यह देखना बाकी है कि जरांगे और उनके समर्थक कोर्ट के इस आदेश का पालन करते हैं या नहीं, और क्या इस आंदोलन का यह चरण समाप्त होता है या फिर एक नए संघर्ष की शुरुआत होती है।

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Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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