Nepal India border Infiltration: नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ, सुरक्षा पर खतरा

Nepal India border Infiltration: नेपाल में अस्थिरता और खुली सीमा के चलते भारत में घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं। पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार समेत कई देशों के संदिग्ध नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हो रहे हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।

Sandeep Pal
Published on: 30 Sept 2025 7:31 PM IST (Updated on: 30 Sept 2025 8:27 PM IST)
Nepal India border Infiltration: नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ, सुरक्षा पर खतरा
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India Nepal Border

Nepal India Border Infiltration: जिस तरह नेपाल में उथलपुथल का माहौल है उससे भारत के सीमाई इलाकों में सुरक्षा सबंधी चिंताएं बढ़ी हुईं हैं। वर्तमान स्थिति को छोड़ दें तो पहले कई बार भारत में कई आतंकवादी और संदिग्ध तत्व नेपाल के रास्ते घुसपैठ करते पाए गए हैं। इन घुसपैठियों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका और यहां तक कि थाईलैंड जैसे देशों के नागरिक शामिल हैं। ऐसी घटनाएं न सिर्फ भारत के लिए बल्कि खुद नेपाल के लिए खतरे की घंटी है।

खुली सीमा की चुनौतियां

दरअसल, भारत नेपाल के बीच खुली सीमाएं और मुक्त आवागमन की नीति का फायदा उठाकर आपराधिक और असामाजिक तत्वों की आवाजाही होती रही है। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट्स बताती हैं कि नेपाल लंबे समय से कट्टरपंथियों, ड्रग तस्करों और आतंकियों के लिए एक ट्रांजिट हब बनता जा रहा है।

वर्ष 2024-2025 में पाकिस्तान के 25 आतंकवादी और संदिग्ध व्यक्ति, बांग्लादेश के करीब सवा सौ नागरिक, म्यामांर के करीब 100 रोहिंग्या, श्रीलंका के दर्जन भर नागरिक जिनमें ज्यादातर ड्रग नेटवर्क से जुड़े थे, थाईलैंड की 4 महिलाएं सीमा पार करते धरे गए। इनके अलावा नेपाल के ही तमाम अवांछित तत्व पकड़े गए। सीमा पर दबोचे गए ज्यादातर लोग फर्जी आईडी, भारतीय सिम कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज़ों के साथ भारत में दाखिल हुए थे। पिछले दिनों नेपाल में जेल से भागे ढेरों बंदियों ने भारत में घुसने की कोशिश की थी।

नेपाल की सीमा भारत के पांच राज्यों - बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम से सटी हुई है। वैसे तो सीमा पर सशस्त्र सीमा बल तथा दूसरी सुरक्षा एजेंसी की सख्त चौकसी रहती है लेकिन इसके बावजूद स्थानीय तस्करों की मिलीभगत के चलते घुसपैठ आसान हो जाती है। बताया जाता है कि काठमांडू में फर्जी दस्तावेज़ बनाने का संगठित नेटवर्क सक्रिय है। इसके अलावा सीमांत इलाकों में विदेशी फंडिंग और विदेशी एजेंटों की सक्रियता की भी चर्चा होती रही है।भारत और नेपाल के बीच सीमा सुरक्षा को लेकर पहले से समझौते हैं, लेकिन अब इसे और प्रभावी और पुख्ता बनाने की जरूरत है।

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