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New Income Tax Bill: नया आयकर विधेयक में क्या-क्या होंगे बदलाव? यहां जानें सब कुछ
New Income Tax Bill 2025: संसद में आज निर्माला सीतारमण नया आयकर विधेयक, 2025 पेश करने वाली है, जिसमें कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
New Income Tax Bill
New Income Tax Bill: आज, 11 अगस्त को संसद में केंद्र सरकार नया आयकर विधेयक पेश कर सकती है, जिसमें संसदीय चयन समिति की तरफ से दिए गए सुझाव पर ध्यान देते हुए बदलाव किए गए हैं। यह नया आयकर विधेयक करदाताओं के लिए ज्यादा आसान, पारदर्शी और डिजिटल फ्रेंडली होगा, जिसमें रिफंड, टैक्स स्लैब और भाषा से जुड़े बदलाव किए गए हैं।
आपको बता दें कि सरकार ने पुराना आयकर विधेयक, 2025 को 8 अगस्त को वापस ले लिया था। उस विधेयक को फरवरी 2025 में लोकसभा में पेश किया गया था। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर नए विधेयक की क्या जरूरत आ गई। दरअसल, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने इसके बारे में बताया कि हर संशोधन को अलग-अलग पेश करना लंबी प्रक्रिया होती है। इसलिए जब समिति ने 285 बदलाव सुझाए, तो पुराने विधेयक को वापस लेकर एक नया और संशोधित संस्करण पेश करना जरूरी हो गया।
ITR की समय सीमा के बाद भी मिलेगा रिफंड
नए विधेयक में सबसे बड़ा बदलाव आयकर रिफंड से जुड़ा होगा। अभी तक नियत तारीख के बाद ITR दाखिल करने पर रिफंड नहीं मिलता था, लेकिन ऐसा नहीं होगा। समिति के सुझाव के बाद समय सीमा खत्म होने के बाद भी TDS रिफंड मिलेगा और उसमें कोई पेनल्टी भी नहीं लगेगी।
धार्मिक ट्रस्टों को गुमनाम दान पर टैक्स से छूट
समिति ने धार्मिक ट्रस्टों को मिलने वाले दान को लेकर भी एक अहम सलाह दी है। इसके मुताबिक अब धार्मिक ट्रस्टों को जो भी गुमनाम दान मिला होगा, उस पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा। लेकिन अगर कोई ट्रस्ट धार्मिक होने के साथ अस्पताल, स्कूल या अन्य सामाजिक सेवाएं भी चला रहा है, तो उसे यह छूट नहीं दी जाएगी।
आम नागरिकों को ध्यान में रखते हुए कानूनी भाषा होगी आसान
पुराने 1961 के आयकर कानून में मुश्किल और तकनीकी अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल होता था, लेकिन अब बदल जाएगा। नए विधेयक में इन शब्दों को आम आदमी की समझ के अनुसार सरल हिंदी भाषा में तब्दील किया जाएगा। इसी के साथ टैक्स भुगतान प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाया जाएगा ताकि सभी काम ऑनलाइन हो सकें।
टैक्स स्लैब और दरों में स्पष्टता
नए विधेयक में टैक्स स्लैब को ज्यादा आसान और पारदर्शी बनाया जाएगा। इससे आम लोग आसानी से समझ पाएंगे कि उन्हें कितनी आय पर कितना टैक्स देना होगा। इसकी के साथ वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर-मुक्त आय की सीमा 12 लाख रुपये की थी। मानक कटौती (75,000 रुपये) जोड़ने पर यह सीमा 12.75 लाख रुपये हो जाती है। इसके अलावा, टैक्स रिबेट को भी 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया गया है।
अन्य जरूरी बदलाव
नए विधेयक के खंड 148 (धारा 80M) में बदलाव का सुझाव दिया गया है ताकि अंतर-कॉर्पोरेट लाभांश पर कटौती में कंपनियों को राहत मिले।
साथ ही करदाताओं को शून्य TDS प्रमाणपत्र लेने की अनुमति की सिफारिश की गई है, जिससे अनावश्यक और गैर जरूरी टैक्स कटौती रोकी जा सके।
इसके अलावा आय निर्धारण में कर अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे ताकि किसी भी तरह की मनमानी रोकी जा सके।
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