PM मोदी की घाना यात्रा से कांप उठा चीन, अरबों डॉलर के सौदों के साथ भारत अफ्रीका में रचने जा रहा है नया 'साम्राज्य'

PM Modi Ghana visit: घाना में हाल ही में नए राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने सत्ता संभाली है। उनकी जीत और भारत की ओर से हो रही यह यात्रा एक संदेश है — दोनों देश नई शुरुआत के लिए तैयार हैं।

Harsh Srivastava
Published on: 30 Jun 2025 6:44 PM IST
PM मोदी की घाना यात्रा से कांप उठा चीन, अरबों डॉलर के सौदों के साथ भारत अफ्रीका में रचने जा रहा है नया साम्राज्य
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PM Modi Ghana visit: 2 जुलाई की सुबह जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफ्रीकी धरती पर उतरेंगे, तो सिर्फ एक औपचारिक दौरा नहीं होगा… यह एक ऐतिहासिक मोड़ होगा, एक ऐसा कदम जो पश्चिम अफ्रीका की राजनीति, खनिज संसाधनों की दौड़ और भारत की वैश्विक हैसियत को एक नई दिशा देने जा रहा है। घाना — वो देश, जहां भारत ने 1957 में कंधे से कंधा मिलाकर स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया था — अब एक बार फिर भारत की बड़ी रणनीति का केंद्र बनने जा रहा है। 30 वर्षों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। लेकिन इस यात्रा के पीछे का एजेंडा सिर्फ दोस्ती नहीं... बड़ी तैयारी, बड़ा व्यापार और बहुत बड़ा संदेश है।

घाना में सत्ता बदली, अब भारत का समय है!

घाना में हाल ही में नए राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने सत्ता संभाली है। उनकी जीत और भारत की ओर से हो रही यह यात्रा एक संदेश है — दोनों देश नई शुरुआत के लिए तैयार हैं। जहां एक ओर घाना का ध्यान अर्थव्यवस्था, कृषि, खनिज और टेक्नोलॉजी पर है, वहीं भारत अपनी वैश्विक रणनीति में पश्चिम अफ्रीका को खास महत्व देना शुरू कर चुका है। पीएम मोदी की इस यात्रा को भारत की अफ्रीकी नीति में 'टर्निंग पॉइंट' कहा जा रहा है।

3 बिलियन डॉलर का व्यापार – और ये बस शुरुआत है!

भारत और घाना के बीच फिलहाल लगभग 3 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है, जिसका बड़ा हिस्सा सोने के आयात पर आधारित है। लेकिन अब खेल बदलने वाला है। पीएम मोदी की यात्रा के दौरान जिन मुद्दों पर फोकस होगा, वे भारत-घाना संबंधों को केवल व्यापार नहीं, सुरक्षा, तकनीक और भू-राजनीति के नए स्तर पर ले जाएंगे। इस यात्रा में कृषि, रक्षा, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और वैक्सीन विकास केंद्र जैसे विषयों पर बड़े फैसले लिए जाने की संभावना है। कई करोड़ों डॉलर के समझौते, खनिज संसाधनों के उपयोग और रणनीतिक निवेशों की घोषणाएं तय मानी जा रही हैं।

अफ्रीका में भारत की ‘सामरिक शक्ति’ का विस्तार!

घाना दौरे के जरिए भारत अब सिर्फ व्यापार ही नहीं, सामरिक उपस्थिति भी बढ़ा रहा है। जैसे-जैसे चीन अफ्रीका में अपनी जड़ें गहरी करता जा रहा है, भारत अब 'वैकल्पिक विश्वसनीय साझेदार' के रूप में खुद को पेश कर रहा है। भारत की ओर से डिफेंस कोऑपरेशन, सामरिक खनिजों की सुरक्षा और अफ्रीकी सहयोगियों के लिए मिलिट्री सपोर्ट जैसी बातें इस यात्रा में प्रमुखता से सामने आने वाली हैं। यह साफ है – भारत अब अफ्रीका में सिर्फ दोस्‍ती करने नहीं, अपना प्रभाव जमाने जा रहा है।

नाम, गुटनिरपेक्षता और नेहरू की विरासत – अब नए भारत का नया रूप

1957 में जब घाना ने आजादी पाई थी, तब भारत उसके साथ खड़ा था। पंडित नेहरू और घाना के पहले राष्ट्रपति क्वामे न्क्रुमाह के बीच घनिष्ठ संबंध रहे थे। गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM), राष्ट्रमंडल और पंचशील की साझा विरासत आज भी दोनों देशों को जोड़ती है। लेकिन अब कहानी बदल गई है। अब भारत केवल एक सहयोगी नहीं, बल्कि एक ताकतवर निवेशक और रणनीतिक मित्र के तौर पर सामने आ रहा है – जो अफ्रीका को विकास का नया मॉडल दे सकता है।

मोदी की वैश्विक रणनीति का अगला पड़ाव

घाना केवल शुरुआत है। इसके बाद पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया का भी दौरा करेंगे। यह यात्रा भारत की ग्लोबल साउथ लीडरशिप की बड़ी रणनीति का हिस्सा है – जहां भारत दुनिया के उन देशों के साथ गठजोड़ बना रहा है, जिन्हें लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया। यानी भारत अब सिर्फ अमेरिका-यूरोप या रूस-चीन के बीच झूलने वाला खिलाड़ी नहीं है – यह अब खुद एक ध्रुव बनने की ओर बढ़ रहा है।

चीन को भी मिली चेतावनी – अफ्रीका अब अकेला नहीं, भारत साथ है!

चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के जरिए अफ्रीका में बढ़ती पकड़ को भारत अच्छी तरह समझता है। घाना और नामीबिया जैसे देश अब भारत को एक भरोसेमंद विकल्प के तौर पर देख रहे हैं – जो बिना कर्ज के जाल में फंसाए, असल विकास का वादा करता है। मोदी की इस यात्रा के साथ भारत ने यह साफ कर दिया है – “अब अफ्रीका को चीन के हवाले नहीं छोड़ा जाएगा।” 2 जुलाई को जब मोदी उतरेंगे घाना की ज़मीन पर, तो इतिहास दोबारा लिखा जाएगा… लेकिन इस बार स्याही में सिर्फ दोस्ती नहीं, ताकत, तकनीक और व्यापार का इंक भी घुला होगा और यही है भारत का नया मिशन: 'एक विश्व, एक भारत – हर महाद्वीप पर!"

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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