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Defence Minister Rajnath Singh: जल्द पीओके भारत में, उत्तराखंड में बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, आतंकवाद को बताया मानवता पर कलंक
Defence Minister Rajnath Singh: पीओके हमारे साथ होगा और कहेगा कि – मैं भी तो भारत हूं।” हालांकि उन्होंने इस प्रक्रिया के तरीके पर विस्तार से बोलने से इनकार किया,
Uttarakhand News (Social Media)
Uttarakhand News: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पूरा कश्मीर एक होगा और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) भी भारत का हिस्सा बनेगा। साथ ही उन्होंने आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा, पत्रकारिता की भूमिका, उत्तराखंड की सामरिक शक्ति और आत्मनिर्भर भारत के रक्षा क्षेत्र पर विस्तार से अपनी बात रखी।
"धर्म नहीं, कर्म देखकर मारा"
पुलवामा हमले के संदर्भ में रक्षामंत्री ने दो टूक कहा, "हमने आतंकियों का धर्म नहीं देखा, उनका कर्म देखा और मारा।" उन्होंने बताया कि किस तरह देश ने आतंकवाद के खिलाफ अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई की है और लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के ढांचों को भी ध्वस्त किया गया है। "यह सामाजिक एकता पर हमला था, हमने आतंक के ढांचे को भी तबाह कर दिया।"
"पीओके कहेगा – मैं भी तो भारत हूं"
रक्षा मंत्री ने कहा, “वो दिन दूर नहीं जब पूरा कश्मीर एक होगा। जो खाई 1947 के बंटवारे ने बनाई थी, उस पर विकास का पुल बनेगा। पीओके हमारे साथ होगा और कहेगा कि – मैं भी तो भारत हूं।” हालांकि उन्होंने इस प्रक्रिया के तरीके पर विस्तार से बोलने से इनकार किया, लेकिन यह जरूर संकेत दिया कि सरकार की नीति और दृष्टिकोण स्पष्ट है।
उत्तराखंड की महत्ता पर जोर
राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड को न केवल देवभूमि कहा, बल्कि उसे सामरिक शक्ति का केंद्र भी बताया। उन्होंने कहा कि इस राज्य ने भारतीय सेना को बहादुर सपूत दिए हैं और यहां की दो भौगोलिक रेजिमेंट्स सेना में विशिष्ट पहचान रखती हैं। उन्होंने यह भी याद किया कि जब उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड का विभाजन हुआ था, तब वे स्वयं यूपी के मुख्यमंत्री थे और उनके कार्यकाल में ही यह राज्य बना था।
आतंकवाद: मानवता का शत्रु
रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवता और लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। “यह मानसिक विकृति है, मानव सभ्यता पर कलंक है। यह स्वतः समाप्त नहीं होगा, इसे खत्म करना पड़ेगा।” उन्होंने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि "पाकिस्तान की पहचान अब आतंकवाद को पनाह देने वाले देश के रूप में हो चुकी है।" उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर भी सवाल उठाया और पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी समिति का उपाध्यक्ष बनाए जाने को "बिल्ली से दूध की रखवाली" जैसा बताया।
“ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी हथियारों का प्रयोग”
राजनाथ सिंह ने बताया कि हाल के "ऑपरेशन सिंदूर" में बड़ी संख्या में स्वदेशी रक्षा उपकरणों का उपयोग किया गया। “हम अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर हो रहे हैं। हमारे कुल रक्षा खरीद बजट का 75% हिस्सा देशी कंपनियों से खरीदी पर केंद्रित है।” उन्होंने कहा कि भविष्य में भारत कई रक्षा उपकरणों को आयात नहीं करेगा, बल्कि उन्हें भारत में ही निर्मित किया जाएगा।
साइबर और इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर की चेतावनी
उन्होंने यह भी चेताया कि अब युद्ध केवल बॉर्डर पर नहीं लड़ा जा रहा, बल्कि सोशल मीडिया और साइबर स्पेस में भी जंग चल रही है।
“हम सबको ‘सोशल सोल्जर’ बनना होगा। अफवाहों और फर्जी सूचनाओं के खिलाफ सतर्क रहना हमारी जिम्मेदारी है।”
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