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पंजाब को '1600 करोड़' देंगे मोदी, तबाही देख आंखे हुई नम, PM के सामने किसानों का भी छलका दर्द
पंजाब की बाढ़ पीड़ितों से मिलकर भावुक हुए पीएम मोदी ने 1600 करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया, किसानों और मजदूरों के दर्द को साझा किया और पुनर्वास के लिए तत्काल कदम उठाए।
PM Modi Punjab Visit: पंजाब, जो कभी अपनी हरी-भरी फसलों के लिए जाना जाता था, आज विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है। इस त्रासदी ने लाखों लोगों की जिंदगी और आजीविका छीन ली है। इस मुश्किल घड़ी में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पीड़ितों का दुख-दर्द बांटने पंजाब पहुंचे। तिब्बड़ी कैंट में बाढ़ प्रभावित किसानों और मजदूरों से मुलाकात के बाद, पीएम मोदी इतने भावुक हो गए कि उन्होंने तुरंत 1600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर दी। यह पैकेज न सिर्फ आर्थिक मदद है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकार इस मुश्किल समय में लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।
दिल का दर्द, प्रधानमंत्री के आगे
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बताया कि पीएम मोदी ने करीब आधे घंटे तक किसानों और मजदूरों की समस्याएं सुनीं। बाढ़ प्रभावित लोगों ने प्रधानमंत्री को बताया कि कैसे बांध टूटने से उनकी फसलें बर्बाद हो गईं, दिहाड़ी मजदूरों के घर उजड़ गए और कई लोगों की जमीनें बह गईं। किसानों ने यह भी बताया कि 2023 की बाढ़ का मुआवजा भी अभी तक नहीं मिला है। जाखड़ ने कहा कि लोगों का दर्द सुनकर पीएम मोदी इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे 2023 के मुआवजे के बकाए का स्पष्टीकरण दें और इस बार जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाए।
1600 करोड़ का पैकेज: राहत और पुनर्वास की योजना
प्रधानमंत्री मोदी ने पीड़ितों की बात सुनने के बाद तुरंत 1600 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज का उद्देश्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाना है। इसके तहत, मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। यह पैकेज बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई में मदद करेगा और प्रभावित परिवारों को फिर से अपनी जिंदगी शुरू करने का मौका देगा।
सियासी बयानबाजी से दूर, मानवता के करीब
इस दौरे पर सियासत भी दिखी। आप नेता पंजाब सरकार द्वारा 20 हजार करोड़ के पैकेज की मांग कर रहे थे, लेकिन भाजपा नेताओं ने इन बयानों पर ज्यादा ध्यान न देने की बात कही। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को मौके पर होना चाहिए था, ताकि वे अपनी बात को मजबूती से प्रधानमंत्री के सामने रख सकें। उन्होंने कहा, "मैं कामना करता हूं कि मुख्यमंत्री जल्द ठीक हो जाएं, लेकिन पंजाब भी इस समय बेहद बीमार है।"
पीएम मोदी ने विभिन्न हिस्सों से आए 19 किसानों और मजदूरों से व्यक्तिगत रूप से बात की, जिनमें फाजिलका, अजनाला, अमृतसर और गुरदासपुर जैसे क्षेत्रों के लोग शामिल थे। किसानों ने अवैध खनन और धुस्सी के बांधों की खराब मरम्मत को बाढ़ का मुख्य कारण बताया। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने 1995 की बाढ़ को भी अपनी आंखों से देखा है और वे लोगों का दर्द समझते हैं। उनका यह दौरा न सिर्फ एक राजनीतिक कदम था, बल्कि मानवता और संवेदना का भी एक बड़ा उदाहरण था।
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