राज ठाकरे का तंज: अडानी को जमीन देने से नहीं होगा धारावी का विकास, शहरी योजनाओं पर हो फोकस

Raj Thackeray's Taunt: राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद अडानी को जमीन देने के बजाय धारावी के विकास के लिए शहरी योजनाओं पर ध्यान देने की सलाह दी। साथ ही, मुंबई की सड़कों, ट्रैफिक और पार्किंग मुद्दों पर भी गंभीर सवाल उठाए।

Harsh Sharma
Published on: 21 Aug 2025 2:14 PM IST (Updated on: 21 Aug 2025 8:57 PM IST)
Raj Thakrey and Adani
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Raj Thakrey and Adani 

Raj Thackeray's Taunt: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुंबई की सड़कों, ट्रैफिक और अतिक्रमण के मुद्दे पर बात की। राज ठाकरे ने सीएम फडणवीस से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सिर्फ अडानी को जमीन देने से धारावी का विकास नहीं होगा। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वह अर्बन नक्सल पर ध्यान देने की बजाय शहरी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करे।

ट्रैफिक से शहर के भविष्य का अंदाजा

राज ठाकरे ने कहा कि अर्बन प्लानिंग उनके लिए एक अहम मुद्दा है, और वह पिछले कुछ दिनों से इस बारे में मुख्यमंत्री से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी शहर का ट्रैफिक देखकर हम उस शहर के भविष्य का अनुमान लगा सकते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के किसी भी शहर, जैसे मुंबई, थाने, पुणे, हर जगह शहरी योजना की समस्या है और जनसंख्या बढ़ने के कारण यह समस्या और बढ़ रही है।

राज ठाकरे ने कहा कि हम कबूतरों और हाथियों के बीच फंसे हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि सार्वजनिक पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है और पार्किंग की दरें बहुत ही किफायती हैं। अगर आप इन दरों को देखें, तो ये कार की कीमतों के मुकाबले कुछ भी नहीं हैं। आजकल हम घरों के लिए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से पैसा दे रहे हैं, तो क्या हमें पार्किंग के लिए भी ऐसा ही करना चाहिए? उन्होंने कहा कि यह मुद्दा लोगों को गंभीरता से लेना चाहिए, अन्यथा अराजकता फैल सकती है। राज ठाकरे ने यह भी कहा कि कोस्टल रोड पर पार्किंग की योजना बनाई गई थी, लेकिन स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध किया।

सुधार की कोई योजना नहीं

राज ठाकरे ने सड़कों की खराब स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सड़कें बनाना अब एक व्यापार बन गया है। सड़कें इसलिए बनाई जाती हैं ताकि उनमें गड्ढे हो सकें। फिर इन गड्ढों को भरने के लिए नया टेंडर निकलता है, और फिर बाद में नई सड़कें बनाई जाती हैं। अगर राजनीतिक दलों को यह पता है कि गड्ढे होने के बावजूद लोग उन्हें वोट देंगे, तो वे आपको बेहतर सड़कें क्यों देंगे? बाहरी लोग मुंबई में गड्ढे देखकर हैरान हो सकते हैं, लेकिन उन शहरों में गड्ढे इतने गहरे हैं कि वे खुद ही नजर नहीं आते।

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का 'मिलन'

राज ठाकरे इस बार बीएमसी चुनाव में अपने भाई उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। हाल के दिनों में ठाकरे ब्रदर्स के बीच एकजुटता की कई तस्वीरें सामने आई हैं, जिससे महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मच गई है। हालांकि, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस 2006 से एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी रही हैं, लेकिन हाल के राजनीतिक बदलावों ने मुंबई में दोनों को साथ आने का संकेत दिया है।

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