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बड़ा झोल है भइया! SIR में कहीं जीवित शख्स को बताया मरा, तो कहीं 35 साल की महिला को बताया 124, EC की लापरवाही का पर्दाफाश
SIR voter list errors: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में चौंकाने वाली गलतियां सामने आईं। कहीं जीवित व्यक्ति को मृत बताया गया तो कहीं 35 साल की महिला की उम्र 124 दर्ज हुई। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और BJP-कांग्रेस के बीच सियासी टकराव तेज हो गया।
SIR voter list errors: इन दिनों देश की राजनीति में अगर सबसे ज्यादा किसी मुद्दे पर गरमा-गरम बहस चल रही है तो वह है मतदाता सूची का 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (SIR)। बिहार में शुरू हुई इस प्रक्रिया ने न सिर्फ सड़क से लेकर संसद तक बवाल मचा दिया है बल्कि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। इस पूरे हंगामे के बीच बीजेपी ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर एक बड़ा और सनसनीखेज आरोप लगाकर सियासी पारा और बढ़ा दिया है वहीं बिहार से भी कई अजीबो-गरीब मामले सामने आ रहे हैं।
'मैं ज़िंदा हूँ माई लॉर्ड': मतदाता सूची में 'मृत' घोषित हुए वोटर
बिहार में चल रहे SIR अभियान पर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। लेकिन इस बार एक वोटर ने खुद सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई है। भोजपुर जिले के आरा विधानसभा के मतदाता मिंटू पासवान (उम्र 41 वर्ष) ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई कि उन्हें मृत घोषित कर मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया गया है। उन्होंने अदालत को बताया कि वह जीवित हैं लेकिन बीएलओ ने सत्यापन के लिए उनसे संपर्क तक नहीं किया। इस घटना ने मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह साबित कर दिया है कि ज़मीनी स्तर पर कितनी बड़ी लापरवाही हो रही है।
124 साल की 'मिंता देवी': विवाद का नया चेहरा
इस मतदाता सूची विवाद में एक और चेहरा सामने आया है जो विपक्ष के विरोध का प्रतीक बन गया है। सीवान जिले की रहने वाली मिंता देवी की उम्र मतदाता सूची में गलती से 124 साल दर्ज कर दी गई है। जबकि उनकी असली उम्र सिर्फ 35 साल है। इस गलती ने न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं बल्कि विपक्ष को एक और मुद्दा दे दिया। मिंता देवी जो पहली बार वोटर बनी हैं अब इस राजनीतिक विवाद के केंद्र में हैं। इस तरह की गलतियाँ चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही हैं।
सोनिया गांधी की नागरिकता पर BJP का तीखा वार
जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव आयोग और भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं तब भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उन पर पलटवार किया है। मालवीय ने दावा किया है कि राहुल गांधी की मां और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भारत की नागरिक बनने से पहले ही वोटर बन गई थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी का नाम नागरिकता की बुनियादी जरूरतें पूरी किए बिना दो बार मतदाता सूची में दर्ज हुआ। पहली बार 1980 में एक इतालवी नागरिक के रूप में और फिर 1983 में भारत की नागरिक बनने से कुछ महीने पहले। इस दावे ने पूरे विवाद को एक नई दिशा दे दी है और कांग्रेस को बचाव की मुद्रा में ला दिया है।
क्या है SIR और क्यों हो रहा है हंगामा?
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने राज्य में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) शुरू किया है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य वोटर लिस्ट से फर्जी डुप्लीकेट और मृत हो चुके मतदाताओं के नाम हटाकर लिस्ट को दुरुस्त करना है। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जा रहा है और जानबूझकर एक खास वर्ग के लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं।
इन सभी घटनाओं ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, क्या मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया सिर्फ एक तकनीकी काम है या इसके पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा भी छिपा है? सुप्रीम कोर्ट में मिंटू पासवान का मामला और सोनिया गांधी पर बीजेपी के आरोप इस विवाद को और भी उलझा रहे हैं। अब देखना यह है कि यह मामला आगे चलकर क्या मोड़ लेता है और क्या चुनाव आयोग इस पर कोई ठोस कदम उठाता है।
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