SC Slams EC: '22 लाख लोग मर गए हैं तो लिस्ट क्यों नहीं जारी करते?' SC ने EC को लगाई फटकार, SIR पर मचा बवाल

SC Slams EC: बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जारी विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जहां अदालत ने आज चुनाव आयोग से तीखे सवाल पूछे हैं।

Harsh Srivastava
Published on: 14 Aug 2025 3:49 PM IST (Updated on: 14 Aug 2025 5:12 PM IST)
SC Slams EC: 22 लाख लोग मर गए हैं तो लिस्ट क्यों नहीं जारी करते? SC ने EC को लगाई फटकार, SIR पर मचा बवाल
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SC slams Election Commission: बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जारी विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जहां अदालत ने आज चुनाव आयोग से तीखे सवाल पूछे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर वोटर लिस्ट से 22 लाख लोगों को मृत घोषित किया गया है, तो उनकी लिस्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की जाती? अदालत ने साफ कहा कि अगर ऐसा हो जाए, तो इस पूरे अभियान को लेकर जो राजनीतिक नैरेटिव चलाया जा रहा है, वह खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगा। इस मामले ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

'22 लाख मृतकों की लिस्ट जारी करें, नैरेटिव खत्म हो जाएगा'

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बागची की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से पूछा, "आपने जो ड्राफ्ट लिस्ट तैयार की है, उसके अनुसार 22 लाख लोग मृत पाए गए हैं। यदि ऐसा है तो उन लोगों की लिस्ट जारी करने में क्या परेशानी है?" जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यदि यह जानकारी बूथ लेवल पर सार्वजनिक कर दी जाए, तो इस अभियान को लेकर जो गलत नैरेटिव बनाया जा रहा है, वह खत्म हो जाएगा।

अदालत ने यह भी पूछा कि आखिर कितने लोगों तक चुनाव आयोग के कर्मचारी पहुंचे हैं और उनके बारे में क्या जानकारी मिली है? जस्टिस बागची ने एक और महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के कर्मचारी अपने आप किसी का नाम डिलीट नहीं कर सकते। किसी का भी नाम हटाने से पहले उसे अपील का मौका मिलना चाहिए, क्योंकि यह जानना नागरिक का मूल अधिकार है कि उसका नाम क्यों हटाया गया है।

चुनाव आयोग का जवाब, 'अभी सिर्फ ड्राफ्ट है, कोई नाम नहीं हटा'

अदालत के तीखे सवालों पर चुनाव आयोग के वकील ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि "अभी जो लिस्ट तैयार हुई है, वह केवल एक ड्राफ्ट है, और अभी तक किसी का भी नाम वोटर लिस्ट से डिलीट नहीं किया गया है।" वकील ने बताया कि वे सिर्फ दस्तावेज मांग रहे हैं और वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में लोगों के EPIC कार्ड या तो अपडेट होंगे या फिर उनके नाम हटाए जाएंगे।

जब अदालत ने कुल वोटरों की संख्या पूछी, तो वकील ने बताया कि बिहार में कुल 7.89 करोड़ लोग हैं, जिनमें से फिलहाल 7.24 करोड़ वोटर लिस्ट में शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 65 लाख लोगों को लिस्ट से बाहर किया गया है, जिनमें से 22 लाख को मृत बताया गया है।

SC का सवाल, '6.24 करोड़ वोटरों से तो कुछ मांगा ही नहीं गया'

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या इन्हीं 65 लाख लोगों को लेकर है। उन्होंने सवाल किया, "आपके ही मुताबिक, 6.24 करोड़ वोटरों से तो कोई जानकारी या दस्तावेज मांगा ही नहीं गया। फिर यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि 65 लाख लोगों को ही क्यों निशाना बनाया गया है?" उन्होंने कहा कि इसी बात को लेकर गंभीर विवाद की स्थिति बन रही है और लोग जानना चाहते हैं कि कौन जीवित है और कौन मृत। इस मामले में अगली सुनवाई जल्द ही होगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी चुनाव आयोग और सरकार दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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