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राफेल को भूल जाइए! भारत का 'तेजस Mk-1A' है 4.5 जनरेशन का किलर, पहली उड़ान से ही मचा दी थी खलबली!
भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk-1A, HAL द्वारा विकसित, ने अपनी पहली उड़ान में तहलका मचा दिया। यह 4.5 जनरेशन का मल्टी-रोल फाइटर विमान है, जो अत्याधुनिक तकनीकों और वैश्विक रुचि के साथ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
Tejas Mk-1A: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1A (Tejas Mk-1A) ने नासिक स्थित HAL प्लांट से अपनी पहली सफल उड़ान भरी। यह उड़ान भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। तेजस मार्क-1A को पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित एक अत्याधुनिक लड़ाकू विमान के रूप में विकसित किया गया है, जो न केवल भारत के लिए, बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक आकर्षक विकल्प बन सकता है।
तेजस मार्क-1A की विशेषताएँ
तेजस मार्क-1A एक हल्का, तेज, और अत्यधिक गतिशील विमान है। यह चौथी पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर है, जिसे भारतीय एयरोस्पेस इंजीनियरों ने पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित किया है। यह विमान दिन और रात, सभी मौसमों में ऑपरेशनल रहने की क्षमता रखता है। तेजस को खासतौर पर ऐसे मिशनों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें तेज गति, उन्नत हथियार प्रणाली और उच्च सटीकता की जरूरत होती है।
इसमें लगे नए AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट (EW), और बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइलें इसे और भी अधिक प्रभावी बनाती हैं। तेजस मार्क-1A की एक और महत्वपूर्ण विशेषता इसका हवा में ईंधन भरने (air-to-air refueling) का विकल्प है, जो इसे लंबी दूरी के मिशनों के लिए सक्षम बनाता है। यह विमान लगभग 5.5 टन का हथियार पेलोड लेकर एक साथ कई लक्ष्यों पर सटीक हमला करने में सक्षम है।
HAL चेयरमैन का बयान
HAL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, डी.के. सुनील ने बताया कि तेजस मार्क-1A का डिजाइन पूरी तरह से स्वदेशी है और यह विमान अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। उनके अनुसार, "तेजस एक 4.5 जनरेशन का विमान है, जो आधुनिक एईएसए रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और मिसाइल सिस्टम से लैस है। यह विमान हर दृष्टिकोण से सक्षम है और इसकी तकनीकी क्षमता ने कई देशों को इसे खरीदने के लिए आकर्षित किया है।" सुनील ने मिग-21 बाइसन के साथ तेजस मार्क-1A की तुलना करते हुए कहा कि यह एक पीढ़ी की छलांग है। मिग-21 अपने समय में सक्षम था, लेकिन तेजस तकनीकी दृष्टि से कहीं ज्यादा उन्नत और बहुआयामी है।
वैश्विक रुचि और भविष्य की योजना
HAL के चेयरमैन ने यह भी बताया कि कई देशों ने तेजस मार्क-1A में रुचि दिखायी है और वर्तमान में इसके बारे में बातचीत चल रही है। सुनील के अनुसार, "हम विभिन्न देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं और शुरुआती प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक रही है। विदेशी खरीदार इसे एक अत्याधुनिक और भरोसेमंद विमान के रूप में देख रहे हैं।" भारत में 180 तेजस मार्क-1A विमानों का उत्पादन किया जाएगा, और इसके उत्पादन का लक्ष्य 2032-33 तक पूरा किया जाएगा। इसके बाद HAL LCA मार्क-2 (Tejas Mk-2) का उत्पादन शुरू करेगा, जो और भी उन्नत और शक्तिशाली संस्करण होगा।
तेजस के भविष्य में योगदान
तेजस मार्क-1A के सफल परीक्षण से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब अपनी रक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम बढ़ा चुका है। यह विमान न सिर्फ भारत की सैन्य शक्ति को बढ़ाएगा, बल्कि रक्षा उद्योग में नई संभावनाएं भी खोलेगा। HAL के पास इस विमान के रखरखाव और उन्नयन का पूरा नियंत्रण है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सभी बदलाव देश में ही किए जा सकेंगे। तेजस मार्क-1A न केवल भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति बनेगा, बल्कि इसके निर्यात के रूप में यह भारत के रक्षा उद्योग को वैश्विक मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित करेगा।
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