ट्रंप का 'टैरिफ' लेकिन बिगड़ गई कांग्रेस की 'GDP', राहुल गांधी को क्रॉस कर गए BJP भक्त थरूर

Rahul Gandhi vs Shashi Tharoor: डोनाल्ड ट्रंप के ‘डेड इकॉनमी’ बयान ने कांग्रेस को कर दिया दो फाड़! राहुल गांधी ने जताई सहमति, तो शशि थरूर ने दी कड़ी प्रतिक्रिया। पार्टी के भीतर आर्थिक नीतियों पर मचा घमासान—क्या कांग्रेस खुद तय नहीं कर पा रही अपना स्टैंड?

Harsh Srivastava
Published on: 1 Aug 2025 4:14 PM IST
ट्रंप का टैरिफ लेकिन बिगड़ गई कांग्रेस की GDP, राहुल गांधी को क्रॉस कर गए BJP भक्त थरूर
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Rahul Gandhi vs Shashi Tharoor: अमेरिका से डोनाल्ड ट्रंप ने गेंद फेंकी और भारत में कांग्रेस के भीतर दो खिलाड़ियों ने उसे दो अलग-अलग दिशाओं में खेल दिया। एक तरफ राहुल गांधी ने ट्रंप की ‘डेड इकॉनमी’ टिप्पणी पर सिर हिलाया, दूसरी तरफ शशि थरूर ने सिर पकड़ लिया। राहुल बोले कि ट्रंप ठीक कह रहे हैं। तो वहीं थरूर बोले कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। कांग्रेस का हाल कुछ ऐसा हो गया है जैसे कोई ऑर्केस्ट्रा हो, जिसमें एक वायलिन राष्ट्रीय संकट बजा रही है और दूसरी विकास की धुन।

ट्रंप की पोस्ट और भारत की ‘इकॉनमिक शव यात्रा’

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया Truth Social पर बड़बोलेपन का परिचय देते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डेड’ बता डाला। साथ ही 25% टैरिफ की तलवार लहराते हुए कहा कि भारत और रूस दोनों की डेड इकॉनमी है। चाहें तो साथ डूब जाएं। अब ट्रंप से तो यही उम्मीद की जा सकती है, लेकिन राहुल गांधी का इस बयान पर खुशी ज़ाहिर करना, कुछ कांग्रेसियों के लिए ज्यादा झटका बन गया, जितना खुद ट्रंप का बयान।

राहुल गांधी: ट्रंप तो बोले ही, हमने तो कब से कहा था

राहुल गांधी ने इस मौके को सियासी अवसर की तरह लपका और बोले कि ट्रंप ठीक कह रहे हैं। सबको ये बात मालूम है, सिवाय प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के। ऐसा लगा मानो राहुल गांधी ट्रंप की पोस्ट को साक्षात्कार मान बैठे हों और भारत की जीडीपी को गांधी दर्शनों की तरह नम्रतापूर्वक श्रद्धांजलि दे रहे हों। वहीं, शशि थरूर का कहना है कि अर्थव्यवस्था मृत नहीं, बहस ज़रूर थकी हुई है। शशि थरूर, जो अंग्रेज़ी में कांग्रेस की विश्वसनीयता के ब्रांड एंबेसडर माने जाते हैं, उन्होंने इस टिप्पणी को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है और हम सभी जानते हैं कि ऐसा नहीं है। थरूर का यह बयान सिर्फ ट्रंप के खिलाफ नहीं था बल्कि राहुल गांधी के ‘ट्रंप-प्रेम’ के प्रति हल्का लेकिन साफ़ संकेत भी था कि कांग्रेस में हर कोई वॉशिंगटन की हवा नहीं सूंघता।

कांग्रेस: वन पार्टी, टू थिंक टैंक

इस पूरे प्रकरण ने कांग्रेस की उस छवि को फिर से ताज़ा कर दिया, जिसमें एक ही पार्टी में दो नीतियां, दो बयान और दो दिशाएं दिखाई देती हैं। राहुल गांधी जब आर्थिक तबाही का दावा कर रहे थे, तभी पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता जैसे कार्ति चिदंबरम और राजीव शुक्ला 'सब ठीक है' का माउथऑर्गन बजा रहे थे। चिदंबरम का कहना है कि ट्रंप अपरंपरागत हैं, लेकिन हमें गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि कोई कहे कि हमारी अर्थव्यवस्था खत्म हो रही है, तो वो भ्रम में है। यानी कांग्रेस के मंच पर कोई ‘Dead Economy Raga’ गा रहा है, तो कोई ‘Digital India Bhajan’।

कांग्रेस में मतभेद नया नहीं, लेकिन अब अर्थशास्त्र में भी?

डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी ने जो तूफान भेजा था, वह भारत की जीडीपी को तो नहीं हिला पाया, लेकिन कांग्रेस की GDP यानी Group of Diverse Positions को जरूर तेज़ झटके दे गया। अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस अपना आर्थिक दृष्टिकोण एक पन्ने पर ला पाएगी, या फिर यह बहस भी उन्हीं पुरानी फाइलों में चली जाएगी, जहां ‘न्याय योजना’ और ‘गरीबी हटाओ’ जैसे वादे सालों से नींद ले रहे हैं। वहीं, राहुल-थरूर की जोड़ी पर बात करें तो एक बोलते हैं सच कड़वा होता है, दूसरे मानते हैं कड़वा हर बार सच नहीं होता लेकिन दोनों कांग्रेस की ‘स्वतंत्र अर्थशास्त्र नीति’ को जिंदा रखने में बराबर हिस्सेदार हैं।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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