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मुंबई पर 'दो व्यापारियों' की नज़र, अमित शाह 'एनाकोंडा'! उद्धव ठाकरे का 'निर्धार मेळावा' में मोदी-शाह पर तीखा हमला
Uddhav Thackeray: निर्धार मेळावा' में उद्धव ठाकरे ने मोदी और अमित शाह पर तीखा हमला किया। मुंबई पर दो व्यापारियों की नज़र और 'एनाकोंडा' बयान से बढ़ी राजनीतिक गर्मी।
Uddhav Thackeray: राज्य में आसन्न नगर निगम चुनावों (Municipal Corporation Elections) को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो गई है। इसी चुनावी रण की तैयारियों के बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने सोमवार को मुंबई के वरळी डोम में अपना शक्ति प्रदर्शन किया, जिसे 'निर्धार मेळावा' नाम दिया गया। इस महत्वपूर्ण सभा में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तीखी बयानबाजी की और मुंबई के भविष्य को लेकर बड़ा चेतावनी जारी की।
मुंबई पर 'दो व्यापारियों' और 'एनाकोंडा' की नज़र
अपने जोशीले भाषण के दौरान, उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट रूप से मुंबई शहर पर खतरा मंडराने का संकेत दिया। उन्होंने कहा, "मुंबई पर किसकी नज़र है, यह आप सब जानते हैं। ख़ास तौर पर दो व्यापारियों की नज़र मुंबई पर है।" हालांकि, उन्होंने इन व्यक्तियों का नाम सीधे माइक पर नहीं लिया, लेकिन कहा कि जनता और उनके मन में जिनके नाम हैं, वे एक ही हैं। इसके अलावा, उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर परोक्ष रूप से अत्यंत तीखा हमला किया और उन्हें 'एनाकोंडा' कहकर संबोधित किया। ठाकरे ने बताया कि आज एक व्यक्ति (अमित शाह) मुंबई में आकर गया, और संयोग से उन्होंने 'सामना' (शिवसेना का मुखपत्र) में दो खबरें पढ़ीं, एक भाजपा कार्यालय के उद्घाटन की और दूसरी जिजामाता उद्यान (रानीबाग) में जल्द ही 'एनाकोंडा' आने की।
ठाकरे ने आगे कहा, "एनाकोंडा एक ऐसा साँप है जो सब कुछ निगल जाता है और वही आज यहाँ आकर भूमिपूजन करके गया। उसे मुंबई को निगलना है।" उन्होंने भावुक होकर कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या वे मुंबई को निगलने देंगे। उन्होंने कहा, "देखते हैं कैसे निगलता है अगर हम पोट (पेट) फाड़कर भी बाहर आना पड़ा तो आएँगे, लेकिन नाम नहीं लेंगे।" इस बयान से स्पष्ट है कि उद्धव ठाकरे मुंबई के स्वाभिमान और नियंत्रण को लेकर किसी भी समझौते के मूड में नहीं हैं।
वंशवाद के मुद्दे पर शाह को घेरा
उद्धव ठाकरे ने इस दौरान वंशवाद (घराणेशाही) के मुद्दे पर अमित शाह पर सीधा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अमित शाह भूमिपूजन करते वक्त भी वंशवाद पर हमला करते हैं, तो फिर सवाल उठता है कि उनके अपने बेटे को क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष किसकी सिफ़ारिश पर बनाया गया? ठाकरे ने चुनौती दी, "फिर घराणेशाही ठाकरे की हुई क्या? अगर हिम्मत है तो सामने आकर खड़े रहिए और उस अब्दालीला (हमलावराला) सांगा—आम्ही आमच्या आई-वडिलांचे ऋण मानणारे पाईक आहोत (हम अपने माता-पिता का ऋण मानने वाले सैनिक हैं)!"
शिंदे गुट पर निशाना: पैसे हैं, पर सच्चे लोग नहीं
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट और भाजपा पर भी वार किया। उन्होंने कहा, "आज भाजपा हो या शिंदे गट, उनके पास पैसा तो है, लेकिन जान देने वाले सच्चे लोग नहीं हैं।" उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पिछली बार भी उनका मेळावा यहीं हुआ था, लेकिन बारिश के कारण कुछ लोग उनकी आलोचना से बच गए थे, वरना वे उन्हें और ज्यादा सुनाने वाले थे। यह बयान स्पष्ट रूप से उन नेताओं को लक्षित था जिन्होंने शिवसेना (यूबीटी) छोड़कर शिंदे गुट का दामन थाम लिया है।
मतदाता सूचियों में गड़बड़ी पर ध्यान केंद्रित
'निर्धार मेळावा' में आदित्य ठाकरे ने मतदाता सूचियों (Voter Lists) में कई गड़बड़ियों का मुद्दा उठाया, जिसे उद्धव ठाकरे ने गंभीरता से लिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि इस विषय पर और गहराई से काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "यह काम पूरे महाराष्ट्र में करना है, लेकिन इसकी शुरुआत मुंबई से करनी है, क्योंकि मुंबई पर नज़र है।" यह दिखाता है कि आगामी चुनावों में शिवसेना (यूबीटी) चुनाव आयोग और मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया पर बारीक नज़र रखेगी।
कुल मिलाकर, 'निर्धार मेळावा' उद्धव ठाकरे की शिवसेना के लिए एक शक्तिशाली मंच साबित हुआ, जहाँ उन्होंने न केवल अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया, बल्कि मुंबई को बचाने की लड़ाई में खुद को सबसे आगे खड़ा करते हुए अपने राजनीतिक विरोधियों, विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह, पर अब तक का सबसे तीखा और प्रतीकात्मक हमला किया। यह मेळावा आगामी निगम चुनावों से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए और आक्रामक चरण की शुरुआत का संकेत देता है।
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