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'उपराष्ट्रपति चुनाव' में 'ओवैसी' का बड़ा ऐलान, विपक्ष मारेगा बाजी, BJP की बढ़ी टेंशन
ओवैसी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देकर नई सियासी हलचल मचा दी है। क्या यह कदम BJP के लिए मुश्किलें बढ़ाएगा?
Owaisi supports Sudarshan Reddy: देश की राजनीति में अक्सर अपने अलग रुख के लिए चर्चा में रहने वाले एआईएमआईएम (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक बड़ा और चौंकाने वाला ऐलान किया है। उन्होंने उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देने की घोषणा की है। यह फैसला न सिर्फ विपक्षी इंडिया ब्लॉक की रणनीति को मजबूती देता है, बल्कि तेलंगाना की राजनीति से दिल्ली तक की सियासत में एक नई हलचल पैदा करता है। क्या ओवैसी का यह समर्थन विपक्ष के लिए कोई बड़ा गेम-चेंजर साबित होगा?
तेलंगाना सीएमओ के अनुरोध पर ओवैसी का फैसला
ओवैसी ने खुद 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि तेलंगाना सीएमओ ने उनसे बात करके रेड्डी के समर्थन का अनुरोध किया था। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "तेलंगाना सीएमओ ने मुझसे बात की और अनुरोध किया कि हम जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए समर्थन दें। एआईएमआईएम जस्टिस रेड्डी का समर्थन करेगी, जो हमारे साथी हैदराबादी और एक सम्मानित ज्यूरिस्ट हैं।" यह बात साफ करती है कि यह फैसला सिर्फ ओवैसी का नहीं, बल्कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ दल के साथ उनके आपसी तालमेल का भी नतीजा है।
सुदर्शन रेड्डी: विपक्ष की एकजुटता का चेहरा
पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी विपक्षी इंडिया ब्लॉक की तरफ से उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार हैं। 9 सितंबर को होने वाले इस चुनाव से पहले, विपक्षी दलों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई एक बैठक में सर्वसम्मति से उनके नाम पर सहमति जताई थी। यह निर्णय विपक्ष की एकजुटता का एक बड़ा संकेत है। उम्मीदवार घोषित होने के बाद रेड्डी ने खुद सभी दलों, यहां तक कि एनडीए (NDA) से भी, समर्थन की अपील की थी। ओवैसी का समर्थन उनकी उम्मीदवारी को और मजबूती देता है, खासकर उनके हैदराबाद और तेलंगाना से जुड़े होने के कारण।
क्या विपक्ष अपनी ताकत दिखा पाएगा?
अब सबकी निगाहें 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हैं। विपक्ष के सामने एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन हैं, जो महाराष्ट्र के गवर्नर भी हैं। संख्या बल के हिसाब से एनडीए उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है, लेकिन ओवैसी के समर्थन ने विपक्ष को एक मनोवैज्ञानिक बढ़त दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष रेड्डी के समर्थन में कितनी एकजुटता दिखा पाता है और क्या वे एनडीए को कड़ी टक्कर दे पाते हैं।
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