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अब क्या होगा...! जल्द खत्म हो जाएंगी नौकरियां? अब इंसानों की जगह लेंगे AI और रोबोट्स...
Artificial Intelligence: आज देखा जाए तो पूरे विश्व में तकनीक इतनी तेज़ी से विकसित होकर आगे बढ़ रहे है कि हर रोज़ नए-नए आविष्कार हो रहे हैं, इससे हर किसी की नौकरी पर ख़तरा मंडरा रहा है।
Artificial Intelligence jobs 2030 (PHOTO: social media)
Artificial Intelligence: क्या सच में सबकी नौकरी खतरे में है? जिस रफ़्तार से नई-नई तकनीकों का आगमन हो रहा है उसे देखते हुए तो फिलहाल यही लगता है... आज दुनिया में तकनीक इतनी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है कि देखा जाए तो हर दिन नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन आदि। ये सभी टेक्नोलॉजी इंसानों के काम को बहुत सरल बना रही हैं। इन सभी के बीच सवाल ये है कि क्या भविष्य में इन तकनीक के कारण हम इंसानों की नौकरियां खत्म हो जाएंगी? AI से जब ये सवाल पूछा गया तो उसने काफ़ी चौंका देने वाला जवाब दिया। आइए जानते हैं विस्तार से...
AI का बढ़ता दायरा
AI ने पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया है। आज चैटबॉट्स, वॉइस असिस्टेंट्स और AI आधारित टूल्स कंपनियों में ग्राहक सेवा से लेकर डाटा एनालिसिस तक का कार्य कर रहे हैं। बैंकिंग, हेल्थकेयर और एजुकेशन सेक्टर में AI का यूज़ बढ़ने से कई पारंपरिक नौकरियां खतरे में आ सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2030 तक तकरीबन करोड़ों नौकरियां पूरी तरह AI आधारित सिस्टम पर अपना कब्ज़ा जमा सकते हैं।
रोबोटिक्स और ऑटोमेशन का बढ़ता दौर...
फैक्ट्रियों और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में पहले से ही रोबोटिक मशीनें इंसानों का कार्य कर रही हैं। कार मैन्युफैक्चरिंग से लेकर पैकेजिंग तक, हर स्थानों में रोबोट का यूज़ लगातार बढ़ता जा रहा है। ऑटोमेशन से कंपनियों की प्रोडक्टिविटी में भी वृद्धि देखने को मिल रही है और लागत भी कम हो रही है। यही मुख्य कारण है कि आगामी वर्षों में इंसानों की जगह रोबोट्स का प्रयोग और तेज़ी से बढ़ेगा।
हेल्थकेयर में परिवर्तन
साल 2030 तक मेडिकल सेक्टर में भी टेक्नोलॉजी बड़ा परिवर्तन ला सकती है। रोबोटिक सर्जरी, AI द्वारा डायग्नोसिस और ऑटोमेटेड फार्मेसी सिस्टम डॉक्टर्स और नर्सों का काम कम करेंगे। हालांकि, इससे हेल्थकेयर स्टाफ की नौकरियों पर ख़तरा हो सकता है, लेकिन साथ ही नई टेक्निकल स्किल्स वाले लोगों की मांग भी बढ़ेगी।
ट्रांसपोर्टेशन और ड्राइविंग की जॉब्स
ऑटोमैटिक और सेल्फ-ड्राइविंग गाड़ियों को तेजी से बनाया जा रहा है। कंपनियां ऐसी कार और ट्रक बना रही हैं जिन्हें चलाने के लिए इंसान की आवश्यकता न हो। अब यदि यह तकनीक बड़े स्तर पर लागू हो जाती हैं तो टैक्सी, ट्रक और बस ड्राइवर्स की नौकरियों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
रिटेल और कस्टमर सर्विस
ऑनलाइन शॉपिंग के साथ-साथ ऑटोमेटेड कैश काउंटर और वर्चुअल असिस्टेंट्स पहले ही रिटेल इंडस्ट्री को परिवर्तित कर रहे हैं। जल्द ही सुपरमार्केट्स और मॉल्स में कैशियर्स कका स्थान मशीनें ले सकती हैं। इस कारण लाखों नौकरियां खतरे में आ सकती हैं।
अब क्या होगा आगे....
भले ही कई नौकरियां खत्म हो जाएंगी लेकिन टेक्नोलॉजी नए अवसर का दरवाजा भी खोलेगी। AI, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, रोबोटिक्स इंजीनियरिंग और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में स्किल्ड लोगों की मांग निरंतर बढ़ेगी। इसका अर्थ यह है कि जो लोग नई टेक्नोलॉजी जान लेंगे, उनके लिए भविष्य उज्ज्वल होगा।
बता दे, साल 2030 तक इंसानों के स्थान पर मशीनें और टेक्नोलॉजी कई कार्य संभाल लेंगी जिससे पारंपरिक नौकरियों में कमी आ सकती है। लेकिन यह परिवर्तन सिर्फ नकारात्मक नहीं होगा क्योंकि इसके साथ नए रोजगार और अवसर भी पैदा होंगे।
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