बदलने वाली है यमुना की किस्मत! 9000 करोड़ की योजना पर काम शुरू; अमित शाह और सीएम रेखा गुप्ता की बैठक में हुआ बड़ा फैसला

Amit Shah-Rekha Gupta Meeting On Yamuna Rejuvenation: आज 11 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें यमुना नदी के पुनर्जीवन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।

Priya Singh Bisen
Published on: 11 July 2025 2:06 PM IST
Amit Shah-Rekha Gupta Meeting On Yamuna Rejuvenation
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Amit Shah-Rekha Gupta Meeting On Yamuna Rejuvenation

Amit Shah-Rekha Gupta Meeting On Yamuna Rejuvenation: दिल्ली की जीवनरेखा कही जाने वाली यमुना नदी को फिर से स्वच्छ और जीवनदायिनी बनाने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच लगातार जारी प्रयासों को लेकर एक बड़ी पहल की गई है। आज शुक्रवार, 11 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें यमुना नदी के पुनर्जीवन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।

जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, सीआर पाटिल, दिल्ली के लोक निर्माण विभाग मंत्री परवेश वर्मा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र भी मौजूद रहे।

यमुना की स्वछता पर ज़ोर

बैठक में यमुना की सफाई और पुनर्जीवन को लेकर समन्वित कार्य योजनाओं को प्राथमिकता पर जोर दिया गया। अमित शाह ने साफ़ शब्दों में कहा कि यमुना का पुनर्जीवन सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि देशभर के पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि इस अभियान में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए और तय समयसीमा के अंदर कार्य पूरा किया जाए।

साल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य

दिल्ली सरकार ने इस मार्ग में पहले ही एक मजबूत कदम उठा लिया गया है। इस हफ्ते की शुरुआत में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना पुनर्जीवन के लिए 45-सूत्रीय कार्य योजना की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राजधानी के जल संसाधनों को बेहतर बनाना, सीवरेज नेटवर्क को पुनः निर्मित करना, टैंकर सेवाओं में पारदर्शिता लाना और यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाना है।

योजना के लिए कुल 9,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है और इसे साल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता खुद इस मिशन की गहनता से निगरानी कर रही हैं, जबकि उपराज्यपाल वीके सक्सेना और पीडब्ल्यूडी मंत्री परवेश वर्मा भी निरंतर इसकी प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं।

जुलाई के अंत तक सर्वेक्षण रिपोर्ट दिल्ली जल बोर्ड को सौंपी जाएगी

इस योजना के अंतर्गत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) 360 नालों का पुनः सत्यापन करेगा जो यमुना में गिरते हैं। इसके साथ ही, 22 प्रमुख नालों की ड्रोन सर्वेक्षण द्वारा बारीकी से निगरानी की जाएगी। यमुना में प्रदूषण की स्थिति की निगरानी के लिए 67 प्रमुख स्थानों की पहचान की गई है और जुलाई के आखिरी सप्ताह तक सर्वेक्षण रिपोर्ट दिल्ली जल बोर्ड को सौंप दी जाएगी।

बता दे, इस बैठक और कार्य योजना से यह साफ़ हो गया है कि यमुना को पुनर्जीवित करना अब सिर्फ एक प्रशासनिक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक जन-आंदोलन बनने के मार्ग में आगे बढ़ रहा है। दिल्लीवासियों को आने वाले वक़्त में स्वच्छ पानी और एक प्रदूषण-मुक्त यमुना की उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।

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