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बेंगलुरु भगदड़ में बड़ा खुलासा! जांच रिपोर्ट में KSCA, पुलिस और RCB पर लगे गंभीर आरोप
Bangalore Stampede: रिपोर्ट में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA), RCB और बेंगलुरु पुलिस को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
Bangalore Stampede (PHOTO CREDIT: social media)
Bangalore Stampede: बेंगलुरु में 4 जून को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत के बाद आयोजित विजय जुलूस के दौरान हुए भयावह तरह से भगदड़ मच गयी जिसमें 11 लोगों की मौत हो गयी थी। अब इस मामले की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। रिटायर्ड जस्टिस जॉन माइकल डी’कुन्हा की अध्यक्षता में बनी एक सदस्यीय न्यायिक आयोग ने बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को जांच रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA), RCB और बेंगलुरु पुलिस को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “मैंने अभी तक रिपोर्ट नहीं पढ़ी है। हम 17 जुलाई को इसे कैबिनेट के सामने पेश करेंगे और रिपोर्ट की सिफारिशों पर विचार के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
सोशल मीडिया प्रचार बना हादसे का कारण
CMO सूत्रों के मुताबिक, सोशल मीडिया पर मुफ्त पास को लेकर किए गए प्रचार ने भीड़ को उकसाया। राज्य सरकार ने कर्नाटक हाईकोर्ट में पहले ही यह दावा किया था, जिसे इस रिपोर्ट ने समर्थन दिया है। रिपोर्ट में खासतौर पर यह कहा गया कि आयोजकों ने सिर्फ फिजिकल टिकट जारी किए और डिजिटल विकल्प की कोई सुविधा प्रदान नहीं की गयी, जिससे ये भीड़ इतने अधिक संख्या में उमड़ी।
सुरक्षा प्रबंधों की पूरी तरह से रही कमी
रिपोर्ट में साफ़ किया गया है कि आयोजन स्थल पर सुरक्षा उपायों और भीड़ नियंत्रण की पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया गया। पुलिस और आयोजकों के बीच कोई तालमेल नहीं था, जिससे हालात बेकाबू हो गए। सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में बताया गया है कि खिलाड़ियों के देश से बाहर जाने की योजना के कारण आयोजकों पर आयोजन जल्दी करने का दबाव था।
बैरिकेडिंग और भीड़ नियंत्रण दिशानिर्देशों की कमी
रिपोर्ट के मुताबिक, आयोजन स्थल पर बैरिकेडिंग की कमी और कोई स्पष्ट भीड़ संचालन दिशानिर्देश नहीं थे। यह लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ गयी। इस मामले को लेकर अब सरकार से आग्रह किया है कि वह बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करे ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
जस्टिस डी’कुन्हा ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए घटनास्थल का गंभीरता से दौरा किया और कई चश्मदीदों, पुलिस अधिकारियों, KSCA प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों के बयान दर्ज किए। इस रिपोर्ट ने हादसे के सच्चाई के कारणों की परतें खोलते हुए यह साफ़ कर दिया है कि आयोजन से सम्बंधित सभी प्रमुख पक्षों की लापरवाही ने मिलकर यह भयावह त्रासदी रची।
बता दे, अब यह देखना होगा कि 17 जुलाई को कैबिनेट बैठक में इस रिपोर्ट पर क्या फैसला लिया जाएगा और राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई करती है। जनता को उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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