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Lucknow News: प्राथमिक स्कूलों के मर्जर के विरोध में विधान सभा घेराव करने जा रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प

Lucknow News: राजधानी लखनऊ में सोमवार को कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प देखने को मिली।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 1 July 2025 2:57 PM IST
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Lucknow News: राजधानी लखनऊ में सोमवार को कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प देखने को मिली। यह झड़प विधान सभा घेराव की कोशिश के दौरान हुई। जब एनएसयूआई के कार्यकर्ता प्रदेश सरकार द्वारा प्राइमरी स्कूलों के मर्जर (विलय) के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

कांग्रेस मुख्यालय से विधानसभा कूच

एनएसयूआई कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मंगलवार दोपहर कांग्रेस मुख्यालय पर एकत्र हुए, वहां से विधानसभा की ओर कूच करना था। कांग्रेस कार्यालय के बाहर दोनों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत बैरिकेडिंग की गई थी। इस दौरान जैसे ही एनएसयूआई कार्यकर्ता आगे बढ़े, पहले से बैरिकेडिंग लगाकर खड़ी पुलिस ने रोक दिया। तो पहली बैरिकेडिंग तोड़कर एनएसयूआई कार्यकर्ता आगे निकल गए।


एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच झड़प

उसके बाद दूसरी बैरिकेडिंग पर कार्यकर्ताओं के रोकने पर पुलिस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। जिससे मौके पर तनाव का माहौल बन गया। एनएसयूआई पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा के अधिकार के खिलाफ काम कर रही है और सरकारी स्कूलों को बंद कर शिक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की साजिश रची जा रही है।

विद्यालयों का मर्जर भविष्य से खिलवाड़

उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों का मर्जर गरीब और पिछड़े तबके के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी भी प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली गई थी और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रोकना पड़ा है। इस स्थिति को काबू में करने के लिए मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया था। उसके बाद बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया।


छात्र और शिक्षक संगठनों का विरोध

कांग्रेस और एनएसयूआई नेताओं ने घटनाक्रम को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन करना उनका अधिकार है, जिसे दबाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में कम बच्चों वाले सरकारी प्राइमरी स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया में जुटी है। इस फैसले के खिलाफ विभिन्न छात्र और शिक्षक संगठनों में विरोध देखा जा रहा है।

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