परेशान होकर बच्चे क्यों उठा रहे 'आत्महत्या' जैसे कदम? यहां जानें बच्चों को बचपन से ही मानसिक रूप से मजबूत बनाने के टिप्स

Parenting Tips For Mental Health: बच्चों का आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य तभी मजबूत होता है जब उन्हें यह भरोसा हो कि वे अपने माता-पिता से किसी भी विषय पर बात कर सकते हैं चाहे वह कितना भी संवेदनशील या शर्मनाक क्यों न हो

Ragini Sinha
Published on: 28 July 2025 5:13 PM IST
Parenting Tips For Mental Health
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Parenting Tips For Mental Health (SOCIAL MEDIA)

Parenting Tips For Mental Health: आजकल बच्चे छोटी-छोटी वजह से परेशान होकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। इसके अलावा वह अपनी परेशानी भी अपने पैरेंट्स को नहीं बताते हैं। ऐसे में अब उन पैरेंट्स के लिए सवाल खड़ा होता है कि क्या उनके बच्चे मानसिक रूप से इतने मजबूत हैं कि ब्लैकमेलिंग जैसी गंभीर समस्या का सामना कर सकें? या कोई भी ऐसी परेशानी जो सीधा आपको बता सकें। अगर आप भी इस सवाल का जवाब नहीं जानते हैं तो आइए हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताते हैं जिससे आपको इसमें मदद होगी।

बच्चों को इमोशनली स्ट्रॉन्ग कैसे बनाएं?

बच्चों का आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य तभी मजबूत होता है जब उन्हें यह भरोसा हो कि वे अपने माता-पिता से किसी भी विषय पर बात कर सकते हैं चाहे वह कितना भी संवेदनशील या शर्मनाक क्यों न हो। उन्हें यह एहसास दिलाना जरूरी है कि आप उन्हें जज नहीं करेंगे, बल्कि समझेंगे। अगर वे किसी गलत घटना का शिकार हुए हैं, तो उन्हें यह सिखाएं कि चुप रहना नहीं, बल्कि बोलना हिम्मत की निशानी है। शर्म अपराधी को आनी चाहिए, पीड़ित को नहीं।


बच्चों को यह समझाना भी जरूरी है कि डर या दबाव के आगे झुकना उनकी मजबूरी नहीं है। गलत का विरोध करना उनका अधिकार है और इसके लिए मदद लेना कमजोरी नहीं, समझदारी है। आज के समय में सोशल मीडिया और इंटरनेट की दुनिया खतरों से भरी है, इसलिए उन्हें यह भी बताएं कि क्या साझा करना सुरक्षित है। साथ ही, अपनी भावनाओं को पहचानना और संभालना भी सिखाएं।


माता-पिता के लिए चेतावनी

बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है। ऐश्वर्या की आत्महत्या सिर्फ एक दुखद घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि अब समय आ गया है कि हम बच्चों की आंतरिक मजबूती पर भी ध्यान दें। उन्हें ऐसा विश्वास और साहस दें कि वे किसी भी मुश्किल का डटकर सामना कर सकें।

अगर आपके बच्चे चुप रहते हैं या किसी बात को लेकर परेशान दिखते हैं, तो इसे हल्के में न लें। हो सकता है वे किसी गंभीर मानसिक तनाव से गुजर रहे हों। यही समय है उन्हें समझने और सहारा देने का।

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