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Autism and Mindfulness: ऑटिज्म से जूझते बच्चों के लिए कैसे संजीवनी बनी माइंडफुलनेस टेक्नोलॉजी, यहां जानें
Autism and Mindfulness: हर बच्चा अलग होता है, और खासकर ऑटिज़्म से ग्रस्त बच्चों की इंद्रिय संवेदनशीलता अलग-अलग होती है। इसलिए जरूरी है कि माइंडफुलनेस तकनीकों को उनकी जरूरत और आराम के हिसाब से अनुकूलित किया जाए।
Autism and Mindfulness (social media)
Autism and Mindfulness: आजकल की दुनिया तेज, शोरगुल से भरी और ध्यान भटकाने वाली हो गई है। हम अक्सर या तो पुरानी यादों में उलझे रहते हैं या फिर फ्यूचर की चिंताओं में खोए रहते हैं... ऐसा करने से हम अपना प्रजंट भूल जाते हैं, जिसका सीधा असर हमारी एकाग्रता, इमोशन को समझने और संतुलित जीवन जीने की क्षमता पर पड़ता है... हम खुद को भूलने लगते हैं।
ऑटिज्म से जूझ रहे बच्चों के लिए यह चुनौती और भी कठिन हो जाती है क्योंकि इस न्यूरोलॉजिकल स्थिति में पहले से ही ध्यान केंद्रित करने, भावनाओं को पहचानने और खुद को व्यवस्थित करने में कठिनाई होती है... ऐसे में माइंडफुलनेस पर आधारित तकनीकें इन बच्चों के लिए एक वरदान साबित हो सकती हैं।
माइंडफुलनेस (Mindfulness) क्या है?
माइंडफुलनेस (Mindful breathing for children) कोई कठिन या भारी-भरकम रिविशन नहीं है। यह छोटे-छोटे आसान तरीकों से सिखाता है कि हम कैसे अपने शरीर, मन और इमोशन को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। माइंडफुलनेस (Mindful walking for kids) टेक्नोलॉजी का मुख्य उद्देश्य होता है... अपने विचारों और एक्सपीरियंर को बिना किसी जजमेंट के स्वीकार करना और प्रजंट में पूरी तरह मौजूद रहना।
ऑटिज्म (Autism coping strategies) से जूझते बच्चों के लिए असरदार माइंडफुलनेस अभ्यास
- माइंडफुल वॉकिंग (Mindful Walking): बच्चों को टहलते हुए आसपास की आवाज़ें, रंग, गंध और हवा को महसूस करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे उनका ध्यान वर्तमान में केंद्रित होता है और इंद्रियों का संतुलन बेहतर होता है।
- माइंडफुल ब्रीदिंग (Mindful Breathing): सांस लेते और छोड़ते समय शरीर के विभिन्न हिस्सों में क्या महसूस हो रहा है, यह जानना सिखाया जाता है.... इससे बच्चों को अपनी भावनाओं और शरीर के साथ जुड़ने में मदद मिलती है।
- माइंडफुल ईटिंग (Mindful Eating): बच्चों को भोजन करते समय खाने की बनावट, स्वाद और गंध पर ध्यान देने के लिए कहा जाता है... इससे उनका खानपान से जुड़ा अनुभव और आत्म-जागरूकता बेहतर होती है।
- पेबल मेडिटेशन (Pebble Meditation): एक छोटे से पत्थर या कंकड़ को हाथ में लेकर उसके स्पर्श, बनावट और विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित कराया जाता है.... यह अभ्यास बच्चों को ध्यान केंद्रित करने और प्रकृति से जुड़ने का सरल तरीका सिखाता है।
हर बच्चे की जरूरत अलग
यह जरूरी है कि माइंडफुलनेस (Mindful breathing for children) तकनीकों को बच्चों की व्यक्तिगत जरूरतों और उनकी इंद्रिय संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर अपनाया जाए... हर बच्चा अलग होता है,इसलिए जरूरी है कि माइंडफुलनेस तकनीकों (Mindfulness techniques for kids) को उनकी जरूरत और आराम के हिसाब से अनुकूलित किया जाए। मसलन, कोई बच्चा खास तरह के खाने या गंध से असहज हो सकता है, तो उसे वैकल्पिक तरीका देना चाहिए।
माइंडफुलनेस तकनीकें बच्चों के भीतर आत्म-जागरूकता को निखारने में अहम भूमिका निभाती हैं... ये न सिर्फ उनकी एकाग्रता को बेहतर बनाती हैं, बल्कि भावनात्मक संतुलन और सामाजिक कौशल को भी मजबूती देती हैं। खासकर ऑटिज्म से जूझ रहे बच्चों के लिए ये तकनीकें एक नई उम्मीद की तरह हैं। स्कूल में पढ़ाई हो या दोस्तों से जुड़ने की बात, इन तकनीकों की मदद से वे हर स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। हालांकि, जरूरी है कि हम हर बच्चे की जरूरत और संवेदनशीलता को समझते हुए ही उन्हें ये प्रेक्टिस कराएं। जब हम उन्हें उनके तरीके से अपनाते हैं और समर्थन देते हैं, तभी ये तकनीकें वास्तव में असर दिखाती हैं। माइंडफुलनेस न सिर्फ एक अभ्यास है, बल्कि उनके जीवन में स्थिरता और आत्मबल लाने का जरिया भी है।
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