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Nam Jap Counting Machine: नामजप माला की जगह मशीन, विराट कोहली से लेकर आम भक्त के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा ये सूक्ष्म डिवाइस
Nam Jap Counting Machine : पहले भगवान के नाम का स्मरण माला के मनकों पर निर्भर था, वहीं अब डिजिटल यंत्रों ने पारंपरिक साधनों को नया रूप देना शुरू कर दिया है।
Nam Jap Counting Machine (Image Credit-Social Media)
Nam Jap Counting Machine: आधुनिक तकनीक ने हमारे जीवन के लगभग हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। अब इसका प्रभाव धर्म और आध्यात्मिक साधना पर भी साफ दिखाई दे रहा है। जहां पहले भगवान के नाम का स्मरण माला के मनकों पर निर्भर था, वहीं अब डिजिटल यंत्रों ने पारंपरिक साधनों को नया रूप देना शुरू कर दिया है। आजकल पूजा-पाठ, ध्यान और मंत्र जाप जैसे कर्मकांडों में डिजिटल काउंटिंग मशीन जैसी सूक्ष्म डिवाइसेज़ का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इन उपकरणों की मदद से श्रद्धालु अब कहीं भी, कभी भी ईश्वर का स्मरण कर सकते हैं। चाहे वे यात्रा में हों, ऑफिस में या किसी भी व्यस्त दिनचर्या के बीच। यह तकनीकी परिवर्तन सिर्फ सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आधुनिक समाज को फिर से आस्था और ध्यान की ओर मोड़ने में सहायक सिद्ध हो रहा है। नाम जप काउंटिंग मशीन इसी बदलाव का प्रतीक बन चुकी है। एक ऐसी छोटी सी डिवाइस जिसने आध्यात्मिक जीवन में एक नई क्रांति ला दी है। नाम जप काउंटिंग मशीन तब और अधिक लोकप्रिय हुई जब इसे क्रिकेट खिलाड़ी विराट कोहली के हाथ में देखा गया। भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से अलग होकर उन्होंने अपने जीवन में एक शांत और आध्यात्मिक मोड़ लिया है। यही वजह है कि संन्यास के बाद वे अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने । इस मुलाकात का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कोहली के हाथ में एक छोटी गुलाबी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस दिखी। जिसे ‘नाम जप काउंटिंग मशीन’ कहा जाता है। यह मशीन न केवल श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय हो रही है बल्कि एक तकनीकी सहारा बन चुकी है, जो आज के युग में भक्ति को आधुनिकता से जोड़ रही है। आइए जानते हैं इस डिवाइस के बारे में विस्तार से-
नाम जप काउंटिंग मशीन क्या है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है
यह मशीन आकार में बेहद छोटी और हल्की होती है। जिसे अंगूठी की तरह उंगली में पहना जा सकता है या अंगुलियों से पकड़ कर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग विशेष रूप से भगवान के नाम का जप करने के दौरान किया जाता है, ताकि हर बार जब मंत्र बोला जाए, तो उसका अंकन एक बटन दबाकर किया जा सके। इसमें एक डिजिटल डिस्प्ले होता है जो जप की संख्या को दर्शाता है। यह मशीन पारंपरिक माला का डिजिटल रूप कही जा सकती है। जिसमें मोतियों की बजाय काउंटिंग के लिए बटन दिया गया होता है। इसे चलाना बेहद आसान है। एक हाथ से जप करते हुए दूसरे हाथ की उंगली से बटन दबाकर हर मंत्र की गिनती की जाती है।
आधुनिक भक्तों के लिए क्यों उपयोगी बनती जा रही है ये मशीन
आज के तेज़ रफ्तार जीवन में जब समय की कमी और मानसिक तनाव आम हो चुका है, तब यह मशीन एक उपयोगी साधन बनकर उभरी है। कई लोग जो ऑफिस, यात्रा या भीड़भाड़ में पारंपरिक माला नहीं निकाल पाते, वे इस डिजिटल जप यंत्र के माध्यम से ईश्वर का स्मरण कर सकते हैं। यह न केवल एक सटीक गिनती सुनिश्चित करता है, बल्कि साधक की एकाग्रता भी बनाए रखता है, क्योंकि उसे यह चिंता नहीं रहती कि वह कहां तक जप कर चुका है। यह युवाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हो रहा है, क्योंकि यह तकनीक के माध्यम से उन्हें अध्यात्म से जोड़ रहा है।
विराट कोहली जैसे सेलेब्रिटीज से मिली इसकी लोकप्रियता को नई ऊंचाई
जब विराट कोहली जैसे प्रसिद्ध खिलाड़ी किसी साधन का उपयोग करते हैं, तो उसका प्रभाव आम लोगों पर अवश्य पड़ता है। कोहली की यह तस्वीर और वीडियो, जिसमें वह नाम जप मशीन के साथ दिख रहे हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। इससे यह मशीन युवाओं और भक्तों के बीच अचानक चर्चा का विषय बन गई। अब यह केवल एक पूजनीय उपकरण नहीं रहा, बल्कि एक ट्रेंडी डिवाइस बन गया है जिसे कई लोग फैशन और आस्था के मेल के रूप में अपना रहे हैं।
इस मशीन का आविष्कार कहां हुआ और कैसे हुआ भारत में लोकप्रिय
इस डिवाइस की उत्पत्ति जापान में हुई थी, जहां इसे शुरू में ‘टैली काउंटर’ के रूप में गिना जाता था। पहले इसका इस्तेमाल जनगणना, उद्योग और प्रयोगशालाओं में गिनती के लिए होता था। लेकिन जैसे-जैसे इसे पोर्टेबल और यूजर-फ्रेंडली बनाया गया, इसे भक्ति कार्यों में उपयोग करना शुरू किया गया। भारत में इसे धार्मिक रंग देने वाले निर्माताओं ने डिजिटल जाप माला के रूप में विकसित किया और देखते ही देखते यह हर आश्रम, मंदिर और आध्यात्मिक मेलों में दिखाई देने लगी। आज यह न केवल हिन्दू धर्म, बल्कि बौद्ध, जैन और सिख परंपराओं में भी अपनाई जा रही है।
कीमत, उपलब्धता और डिज़ाइनों की विविधता ने बढ़ाई मांग
इस मशीन की सबसे बड़ी खासियत इसकी कीमत और उपलब्धता है। सामान्यतः ₹30 से ₹300 के बीच मिलने वाली यह डिवाइस आज हर पूजा सामग्री की दुकान, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Amazon, Flipkart, Meesho और मंदिरों में उपलब्ध है। इसके अनेक डिज़ाइन बाजार में मौजूद हैं। कोई अंगूठी के रूप में है, कोई क्लिप-ऑन डिज़ाइन में, तो कुछ रिचार्जेबल मॉडल्स भी उपलब्ध हैं। इसमें एलईडी डिस्प्ले, लाइट अलर्ट और कुछ में बीप साउंड जैसे फीचर्स भी मौजूद होते हैं। जिससे यह डिवाइस साधकों के लिए और भी उपयोगी हो जाती है।
तेज़ी से बढ़ती बिक्री और आध्यात्मिक बाज़ार में इसकी भूमिका
आध्यात्मिक उत्पादों के बढ़ते बाजार में यह मशीन अपनी अलग जगह बना चुकी है। आंकड़ों के अनुसार भारत में हर महीने इसकी दस लाख से ज्यादा यूनिट्स बिक रही हैं। नवरात्रि, सावन, रामनवमी जैसे धार्मिक अवसरों पर इसकी डिमांड दोगुनी हो जाती है। यह मशीन केवल भक्तों तक सीमित नहीं है बल्कि मेडिटेशन ट्रेनर्स, योगा टीचर्स और ध्यान के लिए मोबाइल ऐप्स चलाने वाले भी इसे अनुशंसा करते हैं। इसे अब आधुनिक ध्यान उपकरणों की सूची में गिना जाने लगा है।
आध्यात्मिक गुरुओं की राय और साधकों में इसकी स्वीकार्यता
संत प्रेमानंद जी महाराज, श्री श्री रविशंकर, सद्गुरु और अन्य कई आध्यात्मिक गुरुओं ने भी इस मशीन को साधना के लिए उपयोगी बताया है। हालांकि वे यह भी कहते हैं कि यह एक साधन भर है, उद्देश्य नहीं। प्रेमानंद जी कहते हैं कि 'अगर मशीन आपको अनुशासित करती है, तो उपयोग करो, लेकिन अगर मशीन के नंबर से मन विचलित होता है, तो वापस मूलभूत माला पर लौट आओ।' इस संतुलित दृष्टिकोण ने लोगों को इसे सही भावना से अपनाने की प्रेरणा दी है।
तकनीक और श्रद्धा का मेल, लेकिन कुछ सावधानियां भी जरूरी
जहां यह मशीन तकनीकी रूप से भक्ति में सहायक है, वहीं इसके साथ कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं। कभी-कभी लोग केवल संख्या बढ़ाने के लालच में मंत्रों का उच्चारण यांत्रिक रूप से करने लगते हैं, जिससे जप की भावना कमजोर हो जाती है। बच्चों के हाथ में यह खिलौने की तरह आ सकता है, इसलिए इसका प्रयोग सतर्कता से और उचित मार्गदर्शन में करना चाहिए। साथ ही, यह ध्यान देना चाहिए कि यह कोई चमत्कारी वस्तु नहीं, बल्कि मन की स्थिरता के लिए एक तकनीकी सहायक भर है।
आज जब ध्यान, योग और आत्मिक शांति की खोज दुनिया भर में तेज़ी से बढ़ रही है, तब ऐसी डिवाइसेज का उपयोग और प्रचार स्वाभाविक है। यह डिवाइस केवल एक धार्मिक उपकरण नहीं, बल्कि एक मानसिक स्वास्थ्य सहयोगी भी बन सकती है। आने वाले समय में इसमें ब्लूटूथ, एप-कनेक्टिविटी और प्रगति ट्रैकर जैसे फीचर भी जुड़ सकते हैं। यह मशीन अब एक साधक के निजी सहचर के रूप में अपनी भूमिका निभा रही है बिना किसी पाखंड या दिखावे के।
विराट कोहली जैसे वैश्विक सितारों से लेकर आम भक्त तक नाम जप काउंटिंग मशीन आज की भक्ति का नया साधन बन चुकी है। यह टेक्नोलॉजी और श्रद्धा का अद्भुत संगम है, जो न केवल जाप को अनुशासित करता है, बल्कि एक नई पीढ़ी को ध्यान और आत्मिक शांति की ओर ले जाता है। हालांकि, अंततः जप तो मन से ही होता है, मशीन बस एक सहायक है। यदि आप भी अपनी साधना को एक नई गति और दिशा देना चाहते हैं, तो यह डिवाइस आपके लिए एक आदर्श साथी हो सकती है।
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