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Online shopping safety tips: क्या आप सच में किफायती खरीदारी कर रहे हैं? जानिए ऑनलाइन सेल की सच्चाई
Online sale scams: नकली डिस्काउंट, लिमिटेड स्टॉक के झांसे और भ्रामक ऑफर्स से बचें। स्मार्ट और सुरक्षित ऑनलाइन शॉपिंग के लिए यह जानकारी जरूरी है।
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E-commerce Shopping & consumer: आज के डिजिटल समय में ऑनलाइन शॉपिंग हमारे रोज़मर्रा के जीवन का अहम हिस्सा बन गई है। बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां हर महीने हमें लुभाने के लिए सेल और डिस्काउंट ऑफर लेकर आती हैं। फ़्लैश सेल, दीवाली धमाका ऑफर, 50% तक की छूट जैसी घोषणाएँ हर जगह नजर आती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन आकर्षक ऑफर्स के पीछे असलियत क्या है? ये ऑफर्स हमेशा वैसे नहीं होते जैसे दिखते हैं।
असली और नकली डिस्काउंट का फर्क
कई बार ऑनलाइन कंपनियां प्रोडक्ट की असली कीमत पहले बढ़ा कर दिखाती हैं और फिर उस पर बड़ा डिस्काउंट देती हैं। इससे ग्राहक सोचते हैं कि उन्होंने बहुत बचत की, जबकि असल में कीमत उतनी ही रहती है। यह एक आम मार्केटिंग ट्रिक है। साथ ही, बहुत भारी डिस्काउंट वाले ऑफर्स पर सावधान रहना चाहिए क्योंकि इनमें नकली या घटिया प्रोडक्ट मिलने का खतरा होता है। ऐसी धोखाधड़ी में कीमत पहले बढ़ा दी जाती है और फिर छूट दिखाई जाती है, जिससे खरीदार को सस्ता माल मिलने का भ्रम होता है। हालांकि हमेशा ऐसा नहीं होता और असली डिस्काउंट भी मिलते हैं जैसे थोक खरीदारी या पुराने स्टॉक की बिक्री पर।
लिमिटेड स्टॉक का भ्रम
ऑनलाइन सेल में अक्सर आपको ऐसे संदेश दिखते हैं जैसे 'केवल 1 घंटा बचा है!' या 'स्टॉक लिमिटेड है!' । ये संदेश असल में ग्राहकों को जल्दी निर्णय लेने के लिए प्रेरित करने वाली चालें होती हैं। असल में स्टॉक उतना सीमित नहीं होता जितना दिखाया जाता है। इसे FOMO (Fear of Missing Out) यानी 'कुछ छूट जाने का डर' कहा जाता है। इस डर की वजह से लोग बिना सोच-समझे खरीदारी कर लेते हैं। ऐसी रणनीतियाँ ऑनलाइन मार्केटिंग में आम हैं ताकि बिक्री तेजी से हो और ग्राहक जल्दी निर्णय लें।
गुणवत्ता का समझौता
ऑनलाइन सेल में कई बार प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर समझौता किया जाता है। सस्ते दाम पर उत्पाद बेचकर कंपनियों को तो फायदा होता है लेकिन इसका नुकसान ग्राहक को उठाना पड़ता है। नकली ब्रांड, कम टिकाऊ सामग्री और गलत जानकारी ऐसे सेल में आम बात हैं। कई अध्ययन और रिपोर्ट बताते हैं कि ऑनलाइन खरीदारी में गुणवत्ता की कमी ग्राहक असंतुष्ट रहने का बड़ा कारण है। कम गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट से ग्राहक को टिकाऊपन, अच्छा प्रदर्शन या भरोसा नहीं मिलता। कई बार विक्रेता बिक्री बढ़ाने के लिए नकली या घटिया समान बेच देते हैं जिससे खरीदार को नुकसान होता है।
रिटर्न और रिफंड की जटिल प्रक्रिया
ऑनलाइन शॉपिंग में रिटर्न और रिफंड की सुविधा होती है लेकिन इसे पाना आसान नहीं होता। अक्सर ग्राहक को लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। रिटर्न की समय सीमा आमतौर पर 7 से 15 दिन होती है उसके बाद प्रोडक्ट वापस नहीं लिया जाता। रिफंड मिलने में भी देरी हो सकती है जिससे ग्राहक परेशान हो जाते हैं। RBI के नए नियमों के अनुसार रिफंड में देरी पर बैंक को ग्राहक को रोजाना 100 रुपए पेनाल्टी देनी पड़ती है, लेकिन फिर भी प्रक्रिया लंबी हो सकती है। इसके अलावा रिटर्न के लिए प्रोडक्ट सही स्थिति में होना, पैकेजिंग और कागजात पूरी तरह होने चाहिए ।
व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग
ऑनलाइन सेल के दौरान अक्सर हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, ईमेल और बैंक डिटेल्स साझा करने पड़ते हैं। कंपनियां इस डेटा का इस्तेमाल विज्ञापन और मार्केटिंग के लिए करती हैं और कभी-कभी इसे दूसरी कंपनियों को भी बेच देती हैं। इससे स्पैम कॉल, अनचाहे ईमेल और दूसरी परेशानियाँ बढ़ जाती हैं। साइबर अपराधी भी इस डेटा का गलत इस्तेमाल करते हैं जैसे फर्जीवाड़ा, ब्लैकमेल और अन्य गैरकानूनी काम। इसके अलावा कई बार कंपनियां व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा में लापरवाही करती हैं जिससे डेटा लीक होने की समस्या सामने आती है।
मानसिक दबाव और अनावश्यक खरीदारी
ऑनलाइन सेल में अक्सर 'लिमिटेड टाइम ऑफर' और 'आज के लिए खास ऑफर' जैसी रणनीतियाँ ग्राहकों पर मानसिक दबाव डालती हैं। इस दबाव की वजह से लोग उन चीज़ों को भी खरीद लेते हैं जिनकी उन्हें वास्तव में जरूरत नहीं होती। इसे कंपलसिव बाइंग डिसऑर्डर (Compulsive Buying Disorder) या बायइंग शॉपिंग डिसऑर्डर (BSD) कहा जाता है, जिसमें व्यक्ति बार-बार और बिना जरूरत के खरीदारी करता है। ऐसी खरीदारी से बजट पर असर पड़ता है और आर्थिक तनाव बढ़ता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की आसानी और ऑफर्स की मनोवैज्ञानिक चालें इस आदत को और बढ़ावा देती हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग तुरंत खुशी देती है लेकिन यह खुशी अस्थायी होती है, जिससे बार-बार खरीदारी करने की इच्छा होती रहती है।
सावधानी और समझदारी जरूरी
ऑनलाइन सेल का मजा लेने के लिए सावधानी और समझदारी बहुत जरूरी है। भारी डिस्काउंट और ऑफर देखकर जल्दबाजी में खरीदारी करने के बजाय प्रोडक्ट की कीमतें जांचें, रिव्यू पढ़ें और केवल भरोसेमंद वेबसाइट से ही खरीदारी करें। जरूरत से ज्यादा व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें और रिटर्न व रिफंड पॉलिसी को समझकर ही ऑर्डर करें। साइबर ठगों से बचने के लिए अनजान लिंक या संदिग्ध वेबसाइट पर क्लिक न करें। हमेशा सुरक्षित और HTTPS वाले कनेक्शन का इस्तेमाल करें और सार्वजनिक वाई-फाई पर शॉपिंग न करें। इस तरह सावधानी बरतकर आप ऑनलाइन सेल का फायदा सुरक्षित तरीके से उठा सकते हैं और धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
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