TRENDING TAGS :
Premanand Ji Maharaj: चेतावनी प्रेमानंद महाराज की! गर्भ में पलती जिंदगी को मत कुचलो
Premanand Ji Maharaj: गरुड़ पुराण भ्रूण हत्या करने वाले को सबसे कठोर यातनाओं का भागी बताता है।
Premanand Ji Maharaj Gyan (Image Credit-Social Media)
Premanand Ji Maharaj Gyan: जब किसी मां के गर्भ में एक जीव जन्म लेने की तैयारी करता है, तो वह केवल शरीर नहीं बल्कि आत्मा का जन्म होता है। उस नन्हीं धड़कन के साथ जीवन की अनगिनत संभावनाएं जुड़ी होती हैं। लेकिन दुर्भाग्य तब होता है जब समाज या परिवार के दबाव में उसी मासूम जीवन को गर्भ में ही खत्म कर दिया जाता है। संत प्रेमानंद महाराज बार-बार चेतावनी देते हैं कि भ्रूण हत्या केवल अपराध ही नहीं, बल्कि महापाप है, जिसका प्रायश्चित आसान नहीं है।
आध्यात्मिक महत्व से जुड़ा है गर्भ में पलता जीवन
गर्भ में शिशु की यात्रा साधारण नहीं होती। धर्मग्रंथ कहते हैं कि गर्भस्थ जीव निरंतर ईश्वर का स्मरण करता है और इस कष्टमय स्थिति से बाहर निकलने की प्रार्थना करता है। संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार गर्भ में पलता बच्चा मल-मूत्र और रक्त की झिल्ली में लिपटा हुआ भी भगवान से जुड़ा रहता है। उसकी प्रत्येक धड़कन, प्रत्येक श्वास, एक पुकार होती है कि 'हे प्रभु, मुझे जन्म देकर इस कष्ट से मुक्ति दीजिए।' ईश्वर में ध्यानरत ऐसे जीवन की हत्या केवल एक जीव का अंत नहीं, बल्कि ईश्वर की रचना का अपमान है। उनके अनुसार बच्चा जन्म के समय रोते हुए कहता है, 'मैं कहां आ गया।' धीरे-धीरे वह ईश्वर से किए अपने वादे को भूल जाता है। ऐसे में परिवार का धार्मिक वातावरण ही उसे ईश्वर से जोड़े रख सकता है और जीवन की राह पर स्थिर कर सकता है।
धर्मग्रंथों में मिलता है भ्रूण हत्या का उल्लेख
सनातन परंपरा में गर्भ को पवित्रतम स्थान माना गया है। गरुड़ पुराण भ्रूण हत्या करने वाले को सबसे कठोर यातनाओं का भागी बताता है। महाभारत में अश्वत्थामा द्वारा गर्भस्थ शिशु की हत्या का प्रसंग इस पाप की भयावहता का दर्पण है। यहां तक कि मनुस्मृति में भी कहा गया है कि गर्भ का नाश करना ईश्वर की सृष्टि के विरुद्ध जाना है। संत प्रेमानंद महाराज मानते हैं कि चाहे मां हो, पिता या इस कृत्य में सहयोग करने वाला कोई भी व्यक्ति सब महापाप में हिस्सेदार बनते हैं। जिससे सिर्फ श्रीमद भागवत साप्ताहिकी के शक्ति से ही मुक्ति पाई जा सकती है दूसरा कोई उपाय नहीं।
विज्ञान भी यह स्पष्ट कर चुका है कि गर्भधारण के कुछ ही हफ्तों में शिशु का हृदय धड़कने लगता है। तीसरे महीने तक भ्रूण हाथ-पांव हिलाने लगता है और पांचवें महीने में मां की आवाज को पहचानना शुरू कर देता है। वैज्ञानिक शोध यह भी कहते हैं कि गर्भ में पलता बच्चा दर्द महसूस कर सकता है। ऐसे में भ्रूण हत्या केवल एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं, बल्कि संवेदनशील जीवन की हत्या है। यह तथ्य धर्म की चेतावनी को और मजबूत करते हैं।
भ्रूण हत्या के पीछे सामाजिक कारण
भ्रूण हत्या का सबसे बड़ा कारण लिंगभेद की मानसिकता है। आज भी कई परिवार बेटियों को बोझ समझते हैं और गर्भ में पल रही बच्ची का जीवन छीन लेते हैं। कहीं आर्थिक तंगी, तो कहीं सामाजिक दबाव, और कई बार अवैध संबंध या कैरियर की चिंता भी इस अपराध को बढ़ावा देती है। आधुनिकता और भौतिकता की दौड़ में लोग मातृत्व के महत्व को भूलते जा रहे हैं। परिणामस्वरूप, इंसान अपने ही भविष्य का गला घोंट रहा है।
भारत सरकार ने 1994 में PCPNDT एक्ट लागू किया, जिसके तहत भ्रूण का लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या को अपराध घोषित किया गया। कानून के तहत दोषी को जेल और भारी जुर्माना हो सकता है। लेकिन कड़ाई के बावजूद यह कुरीति पूरी तरह खत्म नहीं हुई। रिपोर्ट बताती हैं कि कई जगह आज भी गुप्त रूप से भ्रूण हत्या होती है। यह साबित करता है कि केवल कानून नहीं, बल्कि सोच और मानसिकता में बदलाव जरूरी है। संत प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि जिस घर में मां और बहन का स्थान नहीं होता, वह घर श्मशान समान हो जाता है। ऐसे परिवार ईश्वर की कृपा से भी वंचित रह जाते हैं और जीवनभर मानसिक व सामाजिक कष्टों का सामना करते हैं।
भ्रूण हत्या पर लगाम लगाना एक नैतिक जिम्मेदारी
भ्रूण हत्या पर रोक थाम केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी भी है। इस दिशा में सुधार के लिए धार्मिक प्रवचन, समाज सुधार आंदोलनों और शिक्षा के जरिए जागरूकता फैलानी होगी। परिवारों को यह समझाना होगा कि बेटा-बेटी समान हैं और दोनों ईश्वर की देन हैं। भ्रूण हत्या केवल एक अपराध नहीं बल्कि मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध है। यह उस जीवन की हत्या है जिसे ईश्वर ने धरती पर भेजा था। संत प्रेमानंद महाराज का यह संदेश हमें चेतावनी देता है कि इस पाप से कोई नहीं बच सकता। हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम अपने समाज से इस कुरीति को समाप्त करेंगे। बेटा हो या बेटी दोनों ही समान हैं। दोनों का जन्म ईश्वर की सबसे सुंदर देन है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!