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Snakes Research Story: बरसात में सबसे ज्यादा सांप क्यों निकलते हैं? बढ़ जाते हैं स्नेक बाइट के मामले
Barish Mein Saanp Nikalne Ke Karan: बरसात का मौसम सांपों के लिए किसी उत्सव की तरह होता है। यह वह समय है जब प्रकृति उनके लिए अनुकूल हो जाती है।
Barish Mein Saanp Nikalne Ke Karan
Barish Mein Saanp Kyu Nikalta Hai: बरसात का मौसम आते ही प्रकृति एक नए रंग में रंग जाती है। हरियाली, ठंडी हवाएँ और बारिश की बूँदें मन को सुकून देती हैं। लेकिन इस खूबसूरत मौसम के साथ एक ऐसी बात भी जुड़ी है जो कई लोगों के लिए डर का सबब बन जाती है - सांपों का ज्यादा दिखना और स्नेक बाइट के मामलों में बढ़ोतरी। क्या आपने कभी सोचा कि बरसात में ही सांप इतने सक्रिय क्यों हो जाते हैं? क्यों इस मौसम में स्नेक बाइट के मामले बढ़ जाते हैं? आइए, इस लेख में हम इस रहस्य को सुलझाते हैं और इसे रोचक अंदाज में समझते हैं।
बरसात और सांपों का अनोखा रिश्ता
बरसात का मौसम सांपों के लिए किसी उत्सव की तरह होता है। यह वह समय है जब प्रकृति उनके लिए अनुकूल हो जाती है। सांप ठंडे खून वाले जीव हैं, यानी उनकी बॉडी का तापमान बाहर के वातावरण पर निर्भर करता है। गर्मी में सांप अक्सर छिपे रहते हैं क्योंकि तेज धूप और गर्मी उनके लिए असहज होती है। लेकिन बरसात में तापमान कम हो जाता है और नमी बढ़ जाती है, जो सांपों के लिए एकदम सही माहौल बनाता है।
बरसात में सांपों के बिलों और छिपने की जगहों में पानी भर जाता है। इससे मजबूर होकर वे बाहर निकलते हैं और नई जगहों की तलाश में भटकते हैं। गाँवों और शहरों के आसपास बने घर, खेत, नाले और झाड़ियाँ उनके लिए नया आश्रय बन जाते हैं। इस दौरान वे अक्सर इंसानों के संपर्क में आ जाते हैं, जिससे स्नेक बाइट के मामले बढ़ जाते हैं।
भोजन की तलाश में सक्रियता
सांपों के बाहर निकलने की एक बड़ी वजह है भोजन की तलाश। बरसात में मेंढक, चूहे, छिपकली और छोटे कीड़े बहुतायत में मिलते हैं। ये सभी सांपों का पसंदीदा भोजन हैं। बारिश के पानी के साथ कीड़े और छोटे जीव भी बाहर निकलते हैं, और सांप इन्हें पकड़ने के लिए अपने बिलों से बाहर आते हैं। खेतों में पानी भरने से चूहे और मेंढक ऊँची जगहों पर भागते हैं, और सांप उनके पीछे-पीछे वहाँ पहुँच जाते हैं।
गाँवों में खेतों के आसपास या शहरों में नालियों और गड्ढों में सांपों का दिखना आम हो जाता है। लोग जब खेतों में काम करने जाते हैं या बारिश में बाहर निकलते हैं, तो अनजाने में सांपों के करीब पहुँच जाते हैं। सांप स्वभाव से शांत होते हैं और आमतौर पर हमला नहीं करते, लेकिन जब उन्हें खतरा महसूस होता है, तो वे आत्मरक्षा में काट लेते हैं।
प्रजनन का मौसम
बरसात का मौसम सांपों के लिए प्रजनन का समय भी होता है। कई प्रजातियों के सांप इस दौरान प्रजनन के लिए सक्रिय हो जाते हैं। नर सांप मादा सांपों की तलाश में लंबी दूरी तय करते हैं, जिससे वे इंसानों के इलाकों में भी चले आते हैं। इस दौरान उनकी हलचल बढ़ जाती है और वे ज्यादा आक्रामक भी हो सकते हैं।
इसके अलावा, बरसात में सांपों के अंडे देने और बच्चे पैदा होने का समय भी होता है। नवजात सांप छोटे होते हैं, लेकिन कई बार जहरीले भी होते हैं। ये छोटे सांप भोजन और आश्रय की तलाश में इधर-उधर भटकते हैं और अनजाने में इंसानों के रास्ते में आ जाते हैं।
बरसात में सांपों का व्यवहार
सांपों का व्यवहार बरसात में कुछ अलग होता है। वे ज्यादा सक्रिय और तेज़ हो जाते हैं। बारिश का पानी उनके बिलों में भरने से वे ऊँची और सूखी जगहों की तलाश करते हैं। गाँवों में कच्चे घरों की दीवारें, छप्पर, लकड़ी के ढेर या खेतों में बनी मेड़ें उनके लिए आश्रय का काम करती हैं। शहरों में वे नालियों, गड्ढों या बगीचों में छिप जाते हैं।
सांप रात में ज्यादा सक्रिय होते हैं, और बरसात की ठंडी रातें उनके लिए शिकार करने का सबसे अच्छा समय होती हैं। लेकिन बारिश के कारण दिन में भी उनकी हलचल बढ़ जाती है। खासकर जब बारिश रुकती है और धूप निकलती है, तब सांप गर्मी लेने के लिए बाहर आते हैं। इस दौरान अगर कोई इंसान उनके करीब जाता है, तो खतरा बढ़ जाता है।
स्नेक बाइट के मामलों में बढ़ोतरी
बरसात में स्नेक बाइट के मामले बढ़ने की कई वजहें हैं। पहली तो यह कि सांप और इंसान दोनों ही बारिश के पानी से बचने के लिए एक ही जगह की ओर भागते हैं। उदाहरण के लिए, गाँवों में लोग बारिश से बचने के लिए छप्पर या गोदाम में छिपते हैं, और सांप भी वहीं आश्रय लेते हैं। इससे अनजाने में मुलाकात हो जाती है।
दूसरी वजह है खेतों में काम। बरसात का मौसम खेती का समय होता है। लोग खेतों में बोआई, निराई या अन्य काम करने जाते हैं। इस दौरान घास, झाड़ियों या पानी भरे खेतों में सांप छिपे हो सकते हैं। अनजाने में सांप पर पैर पड़ने या उसे छूने से वह काट लेता है।
तीसरी वजह है जागरूकता की कमी। बरसात में लोग अक्सर जल्दबाजी में काम करते हैं और सावधानी नहीं बरतते। उदाहरण के लिए, बारिश में रास्ते गीले और फिसलन भरे होते हैं, जिससे लोग ध्यान नहीं दे पाते कि उनके आसपास सांप हो सकता है। इसके अलावा, रात में टॉर्च के बिना चलना या जूते-चप्पल न पहनना भी स्नैक बाइट का कारण बनता है।
भारत में स्नेक बाइट एक गंभीर समस्या है, खासकर बरसात के मौसम में। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 50,000 लोग सांप के काटने से मरते हैं, और बरसात के महीनों में यह संख्या सबसे ज्यादा होती है। ग्रामीण इलाकों में यह समस्या ज्यादा गंभीर है क्योंकि वहाँ मेडिकल सुविधाएँ सीमित होती हैं।
भारत में चार प्रमुख जहरीले सांप पाए जाते हैं - रसेल वाइपर, कोबरा, करैत और सॉ-स्केल्ड वाइपर। इनमें से करैत और रसेल वाइपर बरसात में सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं। करैत छोटा होता है और रात में ज्यादा सक्रिय रहता है, जिससे इसका काटना खतरनाक हो जाता है। वहीं, रसेल वाइपर खेतों और जंगलों में पाया जाता है और इसका जहर खून को गाढ़ा कर देता है।
बचाव के उपाय
स्नेक बाइट से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतना जरूरी है। बरसात में सांपों से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
जूते-चप्पल पहनें: खेतों, जंगलों या गीली जगहों पर जाते समय हमेशा जूते या चप्पल पहनें। यह सांप के काटने से बचाने में मदद करता है।
टॉर्च का उपयोग: रात में बाहर निकलते समय टॉर्च का इस्तेमाल करें। सांप अक्सर अंधेरे में छिपे रहते हैं, और टॉर्च की रोशनी उन्हें देखने में मदद करती है।
घर और आसपास की सफाई: घर के आसपास झाड़ियों, कचरे या लकड़ी के ढेर को हटाएँ। ये सांपों के छिपने की जगह बन सकते हैं।
खेतों में सावधानी: खेतों में काम करते समय लंबी छड़ी का उपयोग करें ताकि घास या झाड़ियों को पहले चेक किया जा सके।
जागरूकता: अपने आसपास के माहौल पर ध्यान दें। अगर सांप दिखे, तो उसे भगाने की कोशिश न करें, बल्कि शांति से दूर हट जाएँ।
स्नेक बाइट होने पर क्या करें?
अगर कोई सांप काट ले, तो घबराएँ नहीं। तुरंत निम्नलिखित कदम उठाएँ:
शांत रहें: घबराहट से जहर शरीर में तेजी से फैलता है। शांत रहकर धीरे-धीरे साँस लें।
काटे हुए हिस्से को स्थिर रखें: जिस हिस्से को सांप ने काटा है, उसे हिलाएँ नहीं। इसे दिल के स्तर से नीचे रखें।
तुरंत अस्पताल जाएँ: नजदीकी अस्पताल में जाएँ और एंटी-वेनम इंजेक्शन लें। भारत में सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी-वेनम उपलब्ध होता है।
घाव को न छुएँ: काटे हुए हिस्से को काटने, चूसने या बाँधने की कोशिश न करें। इससे जहर और फैल सकता है।
बरसात का मौसम सांपों के लिए अनुकूल होता है, जिसके कारण वे ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। उनके बिलों में पानी भरना, भोजन की तलाश और प्रजनन का समय उन्हें इंसानों के करीब लाता है, जिससे स्नैक बाइट के मामले बढ़ जाते हैं। लेकिन सही सावधानी और जागरूकता से इन खतरों को कम किया जा सकता है।
बरसात में सांपों से डरने की बजाय हमें उनके व्यवहार को समझना चाहिए। वे भी प्रकृति का हिस्सा हैं और आमतौर पर इंसानों से दूर ही रहते हैं। थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता के साथ हम इस खूबसूरत मौसम का आनंद ले सकते हैं और सांपों से होने वाले खतरों से भी बच सकते हैं। अगली बार जब बारिश हो, तो छाता लेना न भूलें और साथ ही अपने आसपास भी नजर रखें!
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