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Lucknow News : बरसात में बढ़ रहे सर्पदंश के मामले, जाने बचाव के उपाय
Lucknow News: बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती है। सबसे ज्यादा मामले ग्रामीण क्षेत्र से आ रहे हैं। इसके बावजूद जागरूकता की कमी के चलते लोगों की जान जा रही है।
Lucknow News: बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती है। सबसे ज्यादा मामले ग्रामीण क्षेत्र से आ रहे हैं। इसके बावजूद जागरूकता की कमी के चलते लोगों की जान जा रही है। रहीमाबाद के भदौरिया मजरा ससपन निवासी रमावती को खेत में काम करते समय सांप ने काट लिया। परिजन उसे लेकर माल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गए। यहां स्नेक एंटीवेनम के तीन डोज दिए गए। सीएचसी अधीक्षक का कहना है परिजनों को तत्काल मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल जाने को कहा गया। लेकिन वह घर चले गए, जहां हालत बिगड़ने पर केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने मरीज के समय से न आने की बात कही। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। अधिकतर केसों में देरी से अस्पताल पहुंचने के कारण ही मरीज की मौत हो जाती है।
मानसून आते ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती है। इसको लेकर राजधानी के सभी अस्पताल अलर्ट किए गए है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि सर्पदंश से होने वाली मौतों को रोकने का एकमात्र तरीका उचित चिकित्सा उपचार के साथ-साथ सावधानी बरतना है। सामान्य दिनों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में कम से कम 10 एंटी-स्नेक वेनम (एएसवी) डोज उपलब्ध होती हैं, लेकिन मानसून के मौसम को ध्यान में रखते हुए एएसवी की संख्या बधाई गई है।
सांप डसने पर ये करें उपाय
- सांप डसने पर सबसे पहले 108 को कॉल करें। एम्बुलेंस की मदद से तत्काल अस्पताल जाएं।
- सर्प दंश पीड़ित को शांत रहना चाहिए, डरने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिससे जहर तेजी से शरीर में फैलता है।
- शरीर के जिस हिस्से पर सांप ने काटा हो उसे स्थिर रखें।
- यदि हाथ मे डसा हो तो फैक्चर की तरह हाथ को मोड़ कर रखें
- सर्प दंश के बाद घाव को धोने, घरेलू इलाज करने में समय नष्ट करने की बजाए उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाएं।
- यदि संभव हो तो सांप की फोटो लें या पहचान के लिए मृत सांप को ले जाएं। जिससे चिकित्सक सांप को पहचान कर इलाज कर सकें।
- काट कर चूसने जैसे उपाय न करें, न ही दबाव डालने वाली पट्टी बांधें। ये दोनों बिलकुल भी कारगर नहीं हैं। ज्यादातर मामलों में हमें लगता है कि ये उपयोगी हैं क्योंकि हमारे आसपास पाए जाने वाले ज्यादातर सांप कम जहरीले होते हैं। इन विधियों के अपनाने से कई बार पीड़ित को ज्यादा ब्लीडिंग हो जाती है जिससे उसकी मौत हो सकती है, साथ ही इससे इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है।
बचाव के लिए ये करें उपाय
अंधेरे में चलते समय हमेशा टॉर्च का उपयोग करें, सुरक्षात्मक कपड़े और जूते पहनें, लंबी घास और सूखी पत्तियों के बीच चलने से बचें, आसपास के वातावरण को साफ रखें और चूहों,, गिलहरियों से मुक्त रखें और अंधेरे में जाते समय सावधान रहें।
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