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Tulsidas Jayanti 2025: तुलसीदास जी की ये 3 अनमोल बातें बदल देगी आपका पूरा जीवन, आज भी लोगों को करती हैं प्रेरित
Tulsidas Jayanti 2025: रामचरितमानस और हनुमान चालीसा आज भी करोड़ों लोगों की आस्था और भक्ति का प्रमुख आधार हैं।
Tulsidas Jayanti 2025 (Social media)
Tulsidas Jayanti 2025: आज देशभर में गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती मनाई जा रही है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जी का जन्म हुआ था।
उन्हें भगवान श्रीराम का परम भक्त माना जाता है और उनके द्वारा रचित रामचरितमानस और हनुमान चालीसा आज भी करोड़ों लोगों की आस्था और भक्ति का प्रमुख आधार हैं।
तुलसीदास जी का जन्म संवत 1554 में हुआ था और उनका प्रारंभिक नाम रामबोला रखा गया था। कहते हैं कि जन्म के समय ही उन्होंने 'राम' नाम का उच्चारण कर दिया था। बाद में काशी में शेषसनातन जी के सान्निध्य में रहकर उन्होंने वेदों और शास्त्रों का अध्ययन किया। विवाह के कुछ समय बाद ही उन्होंने संसारिक जीवन को त्याग दिया और संन्यास का मार्ग अपनाया।
तुलसीदास जी का जीवन सिर्फ भक्ति तक सीमित नहीं था, बल्कि वे एक महान कवि, विचारक और समाज सुधारक भी थे। उनके विचार आज भी जीवन को सही दिशा दिखाते हैं। तुलसीदास जी के 3 अनमोल विचार जो आज भी प्रासंगिक हैं।
"काम क्रोध मद लोभ की जौ लौं मन में खान, तौ लौं पंडित मूरखौं तुलसी एक समान"
तुलसीदास जी कहते हैं कि जब तक मन में काम, क्रोध, लोभ और अहंकार जैसे विकार हैं, तब तक पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी मूर्ख ही माना जाएगा।
"तुलसी देखि सुबेषु भूलहिं मूढ़ न चतुर नर"
सुंदरता के धोखे से न सिर्फ मूर्ख, बल्कि चालाक लोग भी बहक जाते हैं। मोर सुंदर होते हैं लेकिन खाते हैं सांप, इसलिए बाहर की सुंदरता से नहीं, भीतर की सच्चाई से व्यक्ति को परखें।
"आगें कह मृदु बचन बनाई, पाछें अनहित मन कुटिलाई"
जो सामने मीठा बोलता हो लेकिन मन में आपके लिए द्वेष रखता हो, वो मित्र नहीं विष समान होता है। ऐसे लोगों से दूरी बनाना ही हित में होता है।
उनके विचार आज के समय में भी उतने ही सटीक हैं, जितने सैकड़ों साल पहले थे।
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