'मैंने सिर्फ टिकट बुक कराई थी'! अर्चना तिवारी केस में पुलिस के हत्थे चढ़े सिपाही ने उगले कई राज

Archana Tiwari Case Update: मध्य प्रदेश में 12 दिनों से लापता सिविल जज उम्मीदवार अर्चना तिवारी के मामले में पुलिस ने एक सिपाही से नए सुराग हासिल किए, जिसने इस रहस्य को और गहरा कर दिया।

Harsh Srivastava
Published on: 20 Aug 2025 10:07 AM IST
मैंने सिर्फ टिकट बुक कराई थी! अर्चना तिवारी केस में पुलिस के हत्थे चढ़े सिपाही ने उगले कई राज
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Archana Tiwari Case Update: मध्य प्रदेश में 12 दिनों से लापता सिविल जज उम्मीदवार अर्चना तिवारी के मामले ने एक नया, सनसनीखेज मोड़ ले लिया है। इंदौर से कटनी जा रही अर्चना को भले ही अब यूपी के लखीमपुर खीरी के पास से सुरक्षित बरामद कर लिया गया हो, लेकिन उसकी गुमशुदगी की कहानी में कई परतें अब भी अनसुलझी हैं। इस मामले में पुलिस की जांच एक ऐसे किरदार तक पहुंची, जिसने इस पूरे रहस्य को और गहरा कर दिया है।

कॉल डिटेल्स से सामने आया 'नया' किरदार

पुलिस की पड़ताल में अर्चना के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) ने जांच को ग्वालियर तक पहुंचा दिया। वहां एक सिपाही से पूछताछ हुई, जिसने कबूल किया कि वह पिछले डेढ़ साल से अर्चना के संपर्क में था। इस सिपाही ने बताया कि उसने अर्चना के लिए इंदौर से कटनी तक का बस टिकट बुक कराया था, जबकि अर्चना ट्रेन से यात्रा कर रही थी।

यह सिपाही पुलिस की हिरासत में है और उससे लगातार पूछताछ जारी है। वह खुद को निर्दोष बताते हुए कह रहा है कि उसका अर्चना की गुमशुदगी से कोई लेना-देना नहीं है। वह केवल कोर्ट से जुड़े एक काम के सिलसिले में उससे मिला था और वह भी बस एक मिनट के लिए। लेकिन एडिशनल एसपी ने साफ किया है कि दोनों के बीच कई बार फोन पर बातचीत हुई थी। अब सवाल यह है कि क्या यह सिपाही सच बोल रहा है या इस गुत्थी को सुलझाने के लिए कोई और कड़ी भी बाकी है?

रक्षाबंधन पर घर लौट रही थी, ट्रेन से हो गई गायब

अर्चना की गुमशुदगी की कहानी रक्षाबंधन के दिन शुरू हुई। वह इंदौर के एक हॉस्टल में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही थी और त्योहार पर अपने घर कटनी लौट रही थी। वह नर्मदा एक्सप्रेस की AC कोच B3 में बर्थ नंबर 3 पर थी। 7 अगस्त की रात करीब 10 बजे उसने अपनी चाची से आखिरी बार बात की और बताया कि वह भोपाल के पास है। लेकिन 8 अगस्त को जब उसके परिजन उसे कटनी साउथ स्टेशन पर लेने पहुंचे तो वह ट्रेन में नहीं मिली। उसका मोबाइल भी बंद था। परिवार ने उमरिया स्टेशन तक ट्रेन में तलाशी ली, जहां उसकी सीट पर बस उसका बैग मिला, जिसमें राखी और गिफ्ट रखे थे। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।

पुलिस की कड़ी मशक्कत, परिवार की बेचैनी

अर्चना की तलाश में पुलिस ने भोपाल, रानी कमलापति और नर्मदापुरम स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन कोई खास सुराग नहीं मिला। मोबाइल की आखिरी लोकेशन नर्मदापुरम ब्रिज के पास मिली थी, जिसके बाद एनडीआरएफ ने नर्मदा नदी में भी सर्च ऑपरेशन चलाया। यह मामला इतना संवेदनशील बन गया कि एक युवा कांग्रेस नेता ने अर्चना को अपनी बहन बताते हुए उसकी तलाश करने वाले को 51,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की। उनका कहना था कि हर राखी पर वह उन्हें राखी बांधती थी।

आखिरकार मिला सुराग, लेकिन सवाल अब भी बाकी

लंबे समय की तलाश के बाद, आखिरकार अर्चना को यूपी के लखीमपुर खीरी से बरामद कर लिया गया। वह सुरक्षित हैं और उनसे पूछताछ जारी है। इस बरामदगी से परिवार ने राहत की सांस ली है, लेकिन कहानी का रहस्य अभी भी गहरा है। आखिर क्या वजह थी कि वह चलती ट्रेन से लापता हो गई और इतने दिनों तक परिवार से संपर्क में क्यों नहीं थी? क्या सिपाही का बस टिकट बुक कराना महज एक इत्तेफाक था या इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी थी? पुलिस अब इन सभी अनसुलझे सवालों के जवाब तलाशने में जुटी है, ताकि इस रहस्यमयी कहानी का सच सामने आ सके।

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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