Nepal Youth Education: शिक्षा से आया नेपाली युवाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन

Nepal Youth Education: अब नेपाली युवा चीन या भारत के प्रभावों से परे अपने देश और अपने भविष्य को प्राथमिकता देने लगे हैं। वे आत्मनिर्भर, जागरूक और वैश्विक दृष्टिकोण से लैस होकर एक नए नेपाल के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

Sandeep Pal
Published on: 31 July 2025 4:43 PM IST (Updated on: 31 July 2025 5:01 PM IST)
Nepal Youth Education: शिक्षा से आया नेपाली युवाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन
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Nepal youth education  (photo: social media )

Nepal Youth Education: कई वर्षों तक माववादी संघर्ष का दंश झेलने वाले नेपाल ने बिसरी बातों को पीछे छोड़ते हुए पिछले एक दशक में नेपाल ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास किया। जिकाका गहरा प्रभाव युवाओं, विशेषकर युवतियों पर पड़ा है। यह परिवर्तन केवल किताबों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने युवाओं, युवतियों की सामाजिक, आर्थिक, वैचारिक और राजनीतिक सोच तक को झकझोर दिया है। अब नेपाली युवा चीन या भारत के प्रभावों से परे अपने देश और अपने भविष्य को प्राथमिकता देने लगे हैं। वे आत्मनिर्भर, जागरूक और वैश्विक दृष्टिकोण से लैस होकर एक नए नेपाल के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। आप यह भी कह सकटें हैं कि नेपाल फर्स्ट की भावना उनके मन मस्तिष्क में धर कर चुकी हैं। वह अपना लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ रहा है।

सामाजिक बदलाव

नेपाल की पारंपरिक समाजव्यवस्था में महिलाओं और युवतियों की भूमिका सीमित थी। लेकिन शिक्षा ने उन्हें नए आयाम दिए। अब गाँव की लड़कियाँ भी स्कूल और कॉलेज जाकर अपनी पहचान बना रही हैं। पहले जहाँ विवाह और परिवार ही जीवन का लक्ष्य माना जाता था, अब करियर, आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता उनके जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। बाल-विवाह, पर्दा प्रथा, और लैंगिक भेदभाव जैसी कुप्रथाओं को अब युवा खुलकर चुनौती दे रहे हैं। शिक्षित युवतियाँ समाज में नेतृत्वकारी भूमिका निभा रही हैं। वे शिक्षक, पत्रकार, डॉक्टर, उद्यमी और यहाँ तक कि राजनीतिक कार्यकर्ता बन रही हैं।

आर्थिक बदलाव

नेपाल की आर्थिक संरचना में युवाओं की भूमिका अब केवल मजदूरी या विदेश रोजगार तक सीमित नहीं रही। शिक्षा और डिजिटल युग के साथ नेपाली युवा अब खुद स्टार्टअप, फ्रीलांसिंग, डिजिटल मार्केटिंग, टूरिज्म, ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में कदम रख रहे हैं।

जहाँ पहले नेपाली युवक, युवतियों का लक्ष्य भारत या खाड़ी देशों में नौकरी पाने तक सीमित होता था, अब शिक्षित युवा अपने ही देश में अवसर ढूँढ रहे हैं। महिलाएँ भी सिलाई, हस्तकला, पर्यटन गाइडिंग, ऑनलाइन शिक्षा जैसे क्षेत्रों में स्वरोजगार कर रही हैं। यह जागरूकता का नतीजा है कि युवाओं का रुझान विदेशी भाषा सीखने और समझने की तरफ़ भी बढ़ा। क्योंकि नेपाल में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक काठमांडू, कापिलवस्तु समेत अन्य जगहों पर आते हैं और बहुत से युवक युवतियां टूरिस्ट गाइड के प्रोफेशन में अपना भविष्य देखते हैं।

शिक्षा से युवाओं में राजनीतिक समझ और जिम्मेदारी का भाव भी बढ़ा है। पहले जहाँ राजनीति बुजुर्गों और पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था, अब कॉलेज के छात्र, विशेषकर युवतियाँ, छात्रसंघ, स्थानीय निकाय और सामाजिक आंदोलनों में खुलकर भाग ले रही हैं। पिछले चुनावों में युवा पंचायत सदस्य विधायक मेयर एमपी मंत्री बने। नेपाल में संविधान निर्माण, महिला आरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, और मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर युवा बेहिचक स्पष्ट तौर पर अपने विचार रखते हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विचारों को आवाज़ भी देते हैं। नेपाली युवतियां अब आत्मनिर्भरता को महत्व देती हैं और किसी भी मुद्दे पर स्वतंत्र रूप से राय रखने में संकोच नहीं करतीं।

नेपाली युवाओं में आये इस बदलाव पर रितेश शर्मा, वीरेंद्र बहादुर का कहना है कि नेपाल के युवा, विशेषकर युवतियाँ, अब सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक रूप से अधिक जागरूक, सक्षम और आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। शिक्षा ने उनमें सोचने, सवाल उठाने और अपने सपनों को साकार करने की ताकत पैदा कर दी है। वे अब केवल भारत या चीन की छाया में नहीं जी रहीं, बल्कि एक स्वतंत्र, स्वावलंबी और प्रगतिशील नेपाल के निर्माण में योगदान दे रही हैं। यह परिवर्तन धीमा सही, परंतु गहरा और स्थायी है। जो आने वाले वर्षों में नेपाल की दिशा और दशा को पूरी तरह बदल कर रख देगा। ये जगजाहिर है कि नेपाली लोग मेहनती और ईमानदार होते हैं। इसी का नतीजा है कि आज अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, स्वीडन जैसे विकसित देशों में इन्हें प्राथिमिकता दी जाती है।

2021 की जनगणना के अनुसार विश्वभर में 2,190,592 नेपाली नागरिक अब विदेशों में रह रहे हैं। इनमें से लगभग 2,75,000 18 वर्ष से कम आयु के हैं। वित्तीय वर्ष 2022/23 में 7,71,327 युवा नए या नवीनीकृत श्रम अनुमति पत्र के साथ विदेश गए, और यह एक रिकॉर्ड स्तर था। 2024–25 के पहले 6 महीनों में ही लगभग 3,93,067 युवा विदेश रोजगार के लिए रवाना हुए। यहाँ औसतन हर महीने करीब 65,500 युवा देश छोड़ रहे हैं।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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