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चुम्मा मिल रहा, वोट की गारंटी नहीं: राहुल और अखिलेश का मामला
अलीगढ़ और बिहार में नेताओं के प्रति जनता के प्यार का विरोधी दलों पर असर, पर वोट में बदलना अब भी समय बताएगा।
Public love for Rahul and Akhilesh_ Kiss, but vote not guaranteed
अलीगढ़ में एक रिक्शे वाले ने कार में लगे सपा के झंडे में अखिलेश यादव की तस्वीर को चूम लिया, और अब सुरक्षा का घेरा तोड़ कर एक युवक ने बिहार में वोट अधिकार यात्रा कर रहे राहुल गांधी का गाल चूम लिया।
वो बात अलग है कि चूमने वालो का अलग-अलग नसीब है। अखिलेश यादव का फोटो चूमने वाले को सपा ने दिल्ली बुला कर सम्मानित किया और उसे नया ई-रिक्शा गिफ्ट किया गया। जबकि राहुल गांधी का गाल चूमने वाले युवक के गाल पर सुरक्षा कर्मियो (एसपीजी) ने थप्पड़ जड़ दिया।
कुल मिलाकर बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव के गठबंधन की केमिस्ट्री के बेहतर रंग जमीन पर दिखाई दे रहे हैं। इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगियों का साथ भी विपक्ष की एकजुटता के प्रमाण दे रहा है। राहुल-तेजस्वी की वोट अधिकार यात्रा में भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के राजनीतिक अस्तित्व को भी नवजीवन की आस दिखाई देने लगी है।
इस दौरान भाजपा/एनडीए विरोधियों को इस बात की भी उम्मीद जग रही है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगे भी क्षेत्रीय दलों के साथ बेहतर तालमेल कर कम से कम चुनावी प्रचार में तो अच्छा प्रदर्शन कर ही सकते हैं।
खासकर उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी और अखिलेश गांधी बिहार की तर्ज पर जमीनी संघर्ष करेंगे तो यहां भी जनता का अच्छा रिस्पांस मिल सकता है। और इंडिया गठबंधन की एकजुटता आइंदा यूपी-बिहार सहित उत्तर भारत में भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है।
फिलहाल राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे विपक्षी नेताओं को चुम्मा ( जनता का प्यार) मिलता तो दिखाई देने लगा है, पर ये प्यार वोट वोट में परिवर्तित होंगे या नहीं ये समय बताएगा। राहुल हों तेजस्वी या अखिलेश,इनका रुख देखकर ये तो तय है कि आगे कि हर एक चुनावी लड़ाई में वोट चोरी मुद्दे को विपक्ष प्राथमिकता से लेगा। और बिहार के बाद सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के मजबूत संगठन और जनाधार के साथ राहुल गांधी वोट अधिकार की लड़ाई लड़ेंगे।
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