Politician Ajay Bhatt Wikipedia: अजय भट्ट एक वकील, समाजसेवी और जुझारू जननेता हैं, जानिए उनका संघर्ष से शिखर तक का सफर

Politician Ajay Bhatt Wikipedia: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता उत्तराखंड की राजनीति में एक प्रभावी व्यक्तित्व रखते हैं।

Jyotsna Singh
Published on: 1 May 2025 7:58 PM IST
Politician Ajay Bhatt Wikipedia
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Politician Ajay Bhatt Wikipedia (Image Credit-Social Media)

Politician Ajay Bhatt Wikipedia: भारतीय राजनीति में कुछ चेहरे ऐसे होते हैं, जो न केवल अपने राजनीतिक कौशल से पहचाने जाते हैं, बल्कि उनके जीवन का संघर्ष और जनसेवा के प्रति समर्पण भी उन्हें विशेष बनाता है। उत्तराखंड की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और अनुभवी वकील अजय भट्ट ऐसे ही व्यक्तित्व हैं। मौजूदा समय में वह नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद हैं और केंद्र सरकार में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। उनके जीवन की कहानी एक साधारण बालक के असाधारण संघर्ष से लेकर शीर्ष राजनीतिक पदों तक पहुंचने की प्रेरणादायक गाथा है।

जन्म और प्रारंभिक जीवन

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद अजय भट्ट का जन्म 1 मई, 1961 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत क्षेत्र में हुआ था। उनका पैतृक गांव ढंकाल, द्वारहाट तहसील में स्थित है। पिता कमलापति भट्ट के निधन के बाद जब वे काफी युवा थे, तब उन्होंने जीवन की कठिन राहों से गुजरते हुए न केवल अपना बल्कि पूरे परिवार का जिम्मा उठाया। उनके दो भाइयों की भी असमय मृत्यु हो गई थी, जिससे जिम्मेदारियों का भार और बढ़ गया। कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद अजय भट्ट ने हिम्मत नहीं हारी।

शिक्षा और शुरुआती संघर्ष


अजय भट्ट ने अल्मोड़ा कॉलेज (वर्तमान में उत्तराखंड रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी) से बी.ए. एलएलबी की पांच वर्षीय डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान उन्होंने स्वयं का खर्च उठाने के लिए कॉलेज में मेस चलाई, चाय की दुकान लगाई और बिंदी-चूड़ियां तथा सब्जियां बेचने का काम भी किया। प्रसिद्ध मां दूनागिरी मंदिर और हैदाखान बाबाजी मंदिर में भी वे सामान बेचते थे। यह संघर्षशील जीवन उन्हें न केवल आत्मनिर्भरता की ओर ले गया, बल्कि समाज की जमीनी सच्चाइयों से भी परिचित कराया।

पारिवारिक जीवन

वर्ष 1986 में अजय भट्ट ने पुष्पा भट्ट से विवाह किया। पुष्पा भट्ट एक पूर्व जज हैं और वर्तमान में नैनीताल हाई कोर्ट में वकालत करती हैं। दोनों ने मिलकर वकालत के पेशे को अपनाया और जनहित याचिकाओं के माध्यम से समाज की सेवा में जुटे। अजय भट्ट की तीन बेटियां और एक बेटा है। वकालत के जरिए उन्हें समाज के प्रति उत्तरदायित्व का बोध हुआ और यहीं से उनका झुकाव सक्रिय सामाजिक सेवा की ओर बढ़ा।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत

अजय भट्ट ने 1985 में भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के साथ राजनीति में कदम रखा। उनकी संगठन क्षमता और मेहनत ने जल्द ही उन्हें उत्तर प्रदेश इकाई की वर्किंग कमेटी का सदस्य बना दिया। इसके बाद उन्होंने रानीखेत और बिखियासिन तहसीलों में समन्वयक की जिम्मेदारी निभाई और अल्मोड़ा ज़िले के संगठन मंत्री भी बने।


1985 से वह भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही। वे उत्तरांचल संघर्ष समिति के अग्रणी सदस्य रहे और राज्य निर्माण के लिए हुए आंदोलनों में अग्रणी पंक्ति में खड़े दिखाई दिए।

विधानसभा और सरकार में भूमिका

अजय भट्ट 1996 से 2007 तक लगातार रानीखेत विधानसभा सीट से विधायक रहे। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड सरकार में विभिन्न विभागों के मंत्री पदों पर कार्य किया। 2012 से 2017 तक वह उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे, जहां उन्होंने कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रभावी विपक्षी भूमिका निभाई। साल 2015 में उन्हें सर्वसम्मति से भाजपा का उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने विधानसभा की पब्लिक एकाउंट्स कमिटी (PAC) के चेयरमैन के तौर पर भी जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

लोकसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार को नई शुरुआत में बदला। 2019 में उन्होंने नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को 3,39,096 मतों के रिकॉर्ड अंतर से हराकर पहली बार संसद पहुंचे। इस चुनाव में वे उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश प्रभारी भी रहे और पार्टी की रणनीतिक जीत में उनकी भूमिका निर्णायक रही।

समाजिक सरोकार और जनसेवा


अजय भट्ट का राजनीतिक जीवन केवल सत्ता तक सीमित नहीं रहा। वे निरंतर सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे हैं। जनहित याचिकाओं के ज़रिए उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर उच्च न्यायालयों में जनहित के मुद्दे उठाए। कठिन परिस्थितियों से निकले होने के कारण वे समाज के वंचित तबकों की पीड़ा को भलीभांति समझते हैं। उनके अनेक प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और महिलाओं के स्वावलंबन पर केंद्रित रहे हैं।

वर्तमान भूमिका और राजनीतिक छवि

अजय भट्ट वर्तमान में भारत की 17वीं और 18वीं लोकसभा के सदस्य हैं। वे मोदी सरकार में भी विभिन्न मंत्रालयों से जुड़े रहे हैं। रक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन तथा सामाजिक न्याय से जुड़े विषयों पर सक्रिय भूमिका निभाई है। उनकी छवि एक जमीन से जुड़े, मेहनती और ईमानदार जनप्रतिनिधि की बनी है। उत्तराखंड की राजनीति में वे भाजपा का एक मज़बूत स्तंभ माने जाते हैं।


अजय भट्ट की जीवन यात्रा संघर्ष, परिश्रम और समर्पण की मिसाल है। एक सामान्य आर्थिक पृष्ठभूमि से निकलकर उन्होंने वकालत, सामाजिक कार्य और राजनीति तीनों ही क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी है। उनके जीवन से यह सीख मिलती है कि आत्मविश्वास, परिश्रम और सेवा-भावना के साथ कोई भी व्यक्ति न केवल व्यक्तिगत सफलता हासिल कर सकता है, बल्कि समाज और देश के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

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