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Dr Gumma Thanuja Rani Wiki in Hindi: आदिवासी बेटियों की प्रेरणा- डॉ. गुम्मा थानुजा रानी- राजनीति में प्रभावशाली चेहरा
Politician Dr Gumma Thanuja Rani Wiki in Hindi:
Politician Dr Gumma Thanuja Rani (Image Credit-Social Media)
Politician Dr. Gumma Thanuja Rani Biography: आंध्र प्रदेश की राजनीति में युवाओं और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का शानदार उदाहरण बनकर उभरी हैं डॉ. गुम्मा थानुजा रानी। एक डॉक्टर से लोकसभा सांसद बनने तक का उनका सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह आदिवासी समुदाय की आकांक्षाओं और उम्मीदों की भी एक सशक्त आवाज है। 2024 के आम चुनाव में उन्होंने अराकू लोकसभा क्षेत्र से युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआर कांग्रेस) की उम्मीदवार के रूप में भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उनका जीवन एक आदर्श है, जहां सेवा, शिक्षा और संघर्ष की त्रिवेणी राजनीति में एक मजबूत पहचान कायम करती है।
शुरुआती जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
डॉ. गुम्मा थानुजा रानी का जन्म 9 जुलाई 1993 को आंध्र प्रदेश के एएसआर (अल्लूरी सीतारामराजू) जिले के हुकुमपेट मंडल स्थित अड्डुमंदा गांव में हुआ। उनके पिता गुम्मा श्यामा सुन्दर राव और माता वेंकट वरलक्ष्मी एक सामान्य आदिवासी परिवार से हैं, जिनका जीवन मेहनत, ईमानदारी और पारंपरिक मूल्यों से जुड़ा रहा है। थानुजा रानी का बचपन भी साधारण ग्रामीण परिवेश में बीता, लेकिन उनमें बचपन से ही कुछ अलग करने की ललक थी।
12 मई 2022 को उनका विवाह चेट्टी विनय से हुआ, जो एक सम्मानित परिवार से हैं। वे चेट्टी फाल्गुन की बहू हैं जो समाज में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। थानुजा रानी की एक बेटी है चेट्टी यश्ना जिसे वे अपनी शक्ति और प्रेरणा का स्रोत मानती हैं।
शिक्षा और चिकित्सकीय सेवा
डॉ. थानुजा रानी की प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय सरकारी स्कूल में हुई। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली थानुजा ने अपनी उच्च शिक्षा के लिए किर्गिज़स्तान का रुख किया। उन्होंने इंटरनेशनल हायर स्कूल ऑफ मेडिसिन, इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ किर्गिस्तान, बिश्केक से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की। डिग्री प्राप्त करने के बाद वे भारत लौटीं और अपने गृह जिले एएसआर में एक महामारी विशेषज्ञ (Epidemiologist) के रूप में कार्यरत रहीं। खासकर कोविड-19 काल में उन्होंने ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में जन-जागरूकता, टीकाकरण अभियान और स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से सराहनीय कार्य किया। इसी सेवा भाव ने उन्हें जनता से जोड़ा और अंततः राजनीति की ओर प्रेरित किया।
राजनीतिक पारी की शुरुआत
डॉ. गुम्मा थानुजा रानी ने 2024 के आम चुनाव में पहली बार राजनीति में कदम रखा। उन्हें युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने आंध्र प्रदेश के सबसे बड़े और आदिवासी बहुल अराकू (ST) लोकसभा क्षेत्र से टिकट दिया। यह क्षेत्र 14.5 लाख से अधिक की जनसंख्या वाला है और यहां की भौगोलिक एवं सामाजिक परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण मानी जाती हैं। अपनी सादगी, सेवा के अनुभव और जनसंपर्क के मजबूत आधार पर उन्होंने व्यापक जन समर्थन जुटाया। चुनाव परिणामों में उन्होंने 4,77,005 वोट हासिल किए और भारतीय जनता पार्टी की कोथापल्ली गीता को 50,580 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया। यह जीत उनकी राजनीतिक क्षमता और जनविश्वास की गवाही थी।
सांसद के रूप में वर्तमान पद और भूमिका
2024 में लोकसभा में चुने जाने के बाद डॉ. थानुजा रानी ने संसद में आदिवासी महिलाओं, स्वास्थ्य सेवाओं, जनजातीय शिक्षा और महिला सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी है। वे वर्तमान में स्वास्थ्य और जनजातीय कल्याण से संबंधित संसदीय समिति की सदस्य हैं। अपने पहले कार्यकाल में ही उन्होंने साफ कर दिया कि वे केवल प्रतिनिधित्व करने नहीं, बल्कि परिवर्तन लाने के लिए संसद में पहुंची हैं।
समाजसेवा और सामाजिक सरोकार
राजनीति में कदम रखने से पहले ही डॉ. थानुजा रानी सामाजिक कार्यों में सक्रिय रही हैं। महामारी के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने से लेकर महिलाओं में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने तक उन्होंने कई अहम काम किए।
उनका विशेष जोर आदिवासी महिलाओं की शिक्षा और पोषण पर है। उन्होंने कई गांवों में महिला स्वास्थ्य शिविर आयोजित कराए और स्थानीय प्रशासन से मिलकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति बेहतर करने की दिशा में कदम उठाए।
नेतृत्व शैली और जनसंपर्क
डॉ. थानुजा की सबसे बड़ी ताकत है, उनका ज़मीनी जुड़ाव। वे हर सप्ताह क्षेत्र में जनता के बीच जाती हैं, समस्याएं सुनती हैं और सरकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम करती हैं। उनका सरल स्वभाव, विनम्रता और ईमानदारी जनता के बीच उन्हें लोकप्रिय बनाता है। वे आधुनिक सोच के साथ-साथ पारंपरिक मूल्यों की भी समर्थक हैं, जिससे वे सभी वर्गों को जोड़ने में सफल रही हैं।
महिला सशक्तिकरण की प्रतीक
राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में डॉ. थानुजा रानी खुद एक आदर्श बनकर उभरी हैं। खासकर आदिवासी समुदाय की महिलाओं को उन्होंने यह विश्वास दिलाया है कि वे भी राजनीति, प्रशासन, चिकित्सा या शिक्षा जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ सकती है।
डॉ. गुम्मा थानुजा रानी का लक्ष्य है अपने संसदीय क्षेत्र को स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में राज्य का आदर्श मॉडल बनाना। वे जनजातीय क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन सेंटर, डिजिटल क्लासरूम, महिला कौशल प्रशिक्षण केंद्र जैसे कार्यक्रमों को प्रारंभ करना चाहती हैं। डॉ. थानुजा रानी का जीवन इस बात का उदाहरण है कि सच्ची नीयत, मेहनत और सेवा भाव हो तो कोई भी व्यक्ति समाज और देश में बदलाव ला सकता है। चिकित्सा क्षेत्र से राजनीति तक उनका सफर दिखाता है कि जब कोई महिला आगे बढ़ती है, तो सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, पूरा समाज बदलता है।
अराकू की बेटी आज दिल्ली की संसद में अपनी आवाज बुलंद कर रही है, जो सिर्फ उसकी नहीं, बल्कि लाखों आदिवासी महिलाओं की उम्मीदों की आवाज है।
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